Monday, April 29, 2024
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प्रख्यात कलाकारों द्वारा दशरथ प्रतिज्ञा कथा राम बनवास की लीलाओं का सजीव मंचन किया गया

शिवली/कानपुर देहात, जन सामना संवाददाता। दशहरा के पावन पर्व पर शिवली में चल रही लीला गुरुवार की दोपहर बाद लंका मैदान पर प्रख्यात कलाकारों द्वारा दशरथ प्रतिज्ञा कथा राम बनवास की लीलाओं का सजीव मंचन किया गया। जिसे देख दर्शक भावविभोर हो गए।
अयोध्या के चक्रवर्ती राजा दशरथ अपनी वृद्धावस्था देख अपने मंत्रियों व गुरु वशिष्ठ तथा अयोध्या वासियों के सामने अपने बड़े पुत्र राम को राजगद्दी सौंपने के लिए राजा बनाने की सलाह लेते हैं। जिसे सभी ने उचित निर्णय लिए जाने की बात कहकर हामी भर दी। इसके पश्चात राम के राज्याभिषेक किए जाने की तैयारियां की जाने लगी। राम के राज्याभिषेक की जानकारी पाकर कुटिल दासी मंथरा राजा दशरथ की रानी कैकेयी को यह कहकर भड़का दिया कि राजा तो तुम्हारे पुत्र भरत को बनना चाहिए लेकिन यहां तो राजा दशरथ द्वारा राम का राज्याभिषेक किया जा रहा है। यह सुनकर कैकेयी अपनी दासी मंथरा के बहकावे में आ गई। मंथरा के समझाने पर रानी कैकई ने राजा दशरथ से दो वरदान मांगे जो देवासुर संग्राम के समय से धरोहर रूप में रानी कैकेयी के पास थे। पहले वरदान में कैकयी ने भरत को राजगद्दी दिए जाने तथा दूसरे वरदान में राम को चौदह वर्षों का बनवास मांगा। राजा दशरथ रघुकुल रीत सदा चलि आई, प्राण जाए पर बचन ना जाई। परंपरा को निभाते हुए कैकयी को दोनों वरदान दे देते हैं। पिता की आज्ञा मान राम अपनी पत्नी सीता तथा अनुज लक्ष्मण के साथ चौदह वर्षों के लिए वनवास के लिए प्रस्थान करते हैं। इस मौके पर साकेत धाम पर मुख्य रूप से अध्यक्ष गौरव तिवारी, गोपी दीक्षित, प्रख्यात अवस्थी, राम जी त्रिवेदी, दुर्गा शंकर मिश्रा तथा लंका मैदान पर समिति के अध्यक्ष अनुभव मिश्रा, अमन पाठक, अवनीश शुक्ला, राजकुमार तिवारी, रजनीश अवस्थी, चारू अवस्थी तथा रामजी मिश्रा आदि लोग मौजूद रहे।