Sunday, May 19, 2024
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बच्चों के अधिकारों पर तीन दिवसीय चित्रण कार्यशाला

प्रदर्शनी 20 नवंबर को, 2020 का कैलेंडर भी इलस्ट्रेशन पर
भोपाल, डॉ. दीपकुमार शुक्ल। चाइल्ड राइट्स ऑब्ज़र्वेटरी मध्यप्रदेश, आर्टडिज़ाइन टीचर्स फ़ोरम और जनजातीय संग्रहालय के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय चित्रण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा पारित “बाल अधिकार समझौते” की तीसवीं वर्षगाँठ पर यूनिसेफ़ के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला की थीम मुख्य रूप से बच्चों के अधिकारों के इर्द गिर्द केंद्रित रहेगी। 10 से 12 नवंबर को जनजातीय संग्रहालय में होने वाले इस कैम्प में मध्यप्रदेश के आर्ट टीचर्स, प्रोफेशनल युवा इलस्ट्रेटर, ट्राइबल आर्टिस्ट, फ़ाइन आर्ट्स जानने वाले स्कूली बच्चे, सी सी आर टी, नई दिल्ली (सांस्कृतिक शोध एवं प्रशिक्षण केंद्र – संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार) के विज़ुअल आर्ट्स में स्कालरशिप धारी प्रदेश के बच्चे, प्रदेश के 25 ज़िलों के स्कूल फ़ोरम के प्रतिनिधि बच्चे भाग लेंगे।
प्रसिद्ध चित्रकार, कलाकार एवं डिज़ाइनर तापोषी घोषाल तथा चित्रकार, कलाकार एवं वर्कशॉप मोटिवेटर लोकेश खोडके प्रतिभागियों को मार्गदर्शन देंगे। कैम्प में यूनिसेफ़ से राज्य प्रतिनिधि माइकल जुमा और कम्युनिकेशन एक्सपर्ट अनिल गुलाटी प्रतिभागियों को चाइल्ड राइट्स के विभिन्न पहलुओं से परिचय कराएंगे। चाइल्ड राइट्स ऑब्ज़र्वेटरी की अध्यक्ष निर्मला बुच प्रदेश में बच्चों की स्थिति से अवगत कराएंगी। शिविर में अन्य विशेषज्ञ भी प्रतिभागियों से सम्वाद करेंगे जिससे उनकी अभिव्यक्ति और मुखरित हो सके।
तीन दिवसीय कैम्प में बच्चों के अधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर विमर्श (ब्रेन स्टॉर्मिंग) होगा| उसके बाद कलाकार प्रतिभागी अलग-अलग थीम पर चित्रकारी करेंगे। 20 नवंबर को बाल अधिकार दिवस के अवसर पर इन चित्रों को प्रदर्शित किया जाएगा। इनमें से चुने गए चित्रों पर आधारित 2020 के वॉल कैलेंडर “टर्निंग पॉइंट – 3” का प्रकाशन किया जाएगा।
20 नवम्बर 1989 को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा द्वारा “बाल अधिकार समझौते” को पारित किया गया था। इस साल 20 नवम्बर को इसके 30 साल पूरे हो रहे हैं। बाल अधिकार संधि ऐसा पहला अन्तर्राष्ट्रीय समझौता है जो सभी बच्चों के नागरिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक अधिकारों को मान्यता देता है। इस समझौते पर विश्व के 193 राष्ट्रों की सरकारों ने हस्ताक्षर करते हुए अपने देश में सभी बच्चों को जाति, धर्म, रंग, लिंग, भाषा, संपति, योग्यता आदि के आधार पर बिना किसी भेदभाव के संरक्षण देने का वचन दिया है। इस बाल अधिकार समझौते पर भारत ने 1992 में हस्ताक्षर कर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। बच्चों के ये अधिकार चार मूल सिद्धांतों पर आधारित हैं। इनमें जीने का अधिकार, सुरक्षा का अधिकार, विकास का अधिकार और सहभागिता का अधिकार शामिल है।
उपरोक्त चित्र कार्यशाला में शामिल होने के लिए प्रतिभागियों के लिए फ़ाइन आर्ट का अभ्यास आवश्यक है। इसमें स्कूल-कॉलेजों के फ़ाइन आर्ट शिक्षक, स्वतंत्र कलाकार-चित्रकार और 9वीं से 12वीं कक्षा के स्कूली बच्चे भाग ले सकते हैं। कैम्प में शामिल होने के लिए cromp.in@gmail.com अथवा artofartteachers@gmail.com में अपने आर्टवर्क भेज कर निर्धारित शुल्क जमा कर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। कैम्प में शामिल प्रतिभागियों को वर्कशॉप किट, रंग एवं शीट्स, लंच – स्वल्पाहार तथा पार्टिसिपेशन सर्टिफ़िकेट दिया जाएगा। इस कैंप में करीब 60 प्रतिभागी शामिल होंगे। रजिस्ट्रेशन एवम अन्य जानकारी के लिए चाइल्ड राइट्स ऑब्ज़र्वेटरी अथवा संयोजक रश्मि सारस्वत (मो: 9425004235) एवम सुनिल शुक्ल (मो: 8989649700) से सम्पर्क कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 6 नवंबर है।