कानपुर, अब्दुल हमीद इदरीसी। कानपुर में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 210 लोग डेंगू के क़हर के चलते अपनी जान गवां चुके हैं लेकिन शासन प्रशासन की कुंभकरणी नींद अभी तक नहीं टूटी है। रोज़ ब रोज़ हो रहीं मौतों के बावजूद न तो मच्छरों से निजात पाने के उपाय किए जा रहे हैं और न ही डेंगू पीड़ितों के इलाज़ की समुचित व्यवस्था की जा रही है। मौतों का आंकड़ा दिन ब दिन बढ़ता ही चला जा रहा है। स्थानीय निकाय, प्रदेश और देश में एक पार्टी का शासन होने का बावजूद जनता रोज़ कष्ट सहकर मरने के लिए मज़बूर है। इस नाकामी का ठीकरा न कांग्रेस पार्टी के सिर फोड़ा जा सकता है और न अंग्रेजों के सिर। रोज़ ब रोज़ पैदा होने वाली समस्याओं को मौजूदा सरकार द्वारा ही हल किया जायेगा। बहाने बाज़ी से काम चलने वाला नहीं है।
वक्त आ गया है कि सत्ता की मलाई चाटकर मस्त पड़े सियासतदानों से उनकी कारकर्दगी का हिसाब माँगा जाये या उनकी सत्ता को उखाड़ फेंका जाए।