कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी कुमार रविकांत सिंह ने एआरटीओ, डीआईओएस सभी स्कूल के प्रधानाचार्यो, प्रबन्धकों व वाहन मालिकों को निर्देश दिये है कि वह स्कूली छात्र-छात्राओं को उनके गंतव्य तक सुरक्षित परिवहन की सुविधा देने में किसी भी प्रकार की कोताही न बरते। इस दिशा में स्कूल प्रशासन, भूमिका व दायित्व अभिभावकों की भूमिका तथा दायित्व तथा वाहन चालक व मालिक का भूमिका व दायित्व महत्वपूर्ण है। छात्र छात्राओं अभिभावकों, वाहन चालक मालिको तथा अन्य सामान्य नागरिकों को सड़क सुरक्षा के संबंध में जागरूक करने के साथ ही बच्चों को घर ले जाने व आने के संबंध में परिवहन आयुक्त द्वारा दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये।
इसीक्रम में कलेक्ट्रट सभाकक्ष में आयोजित स्कूल के प्रधानाचार्यो, प्रबन्धकों तथा वाहन मालिकों के साथ एक आयोजित बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक प्रेम प्रकाश मौर्य ने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में बच्चों को लाने व ले जाने हेतु जो वाहन संचालित हो रहे है वह उच्चतम न्यायालय के निर्धारित मानक के अन्तर्गत हो। यदि अभिभावक के व्यक्तिगत वाहन है तो वाहन स्वामी का आधार कार्ड व बच्चें से उनके संबंध में एक शपथ पत्र भी वाहन में रखना होगा तथा जिसकी समय समय पर जांच हेतु भी उपलब्ध कराना होगा। स्कूल प्रबन्धक वाहन स्वामी को स्पष्ट रूप से बतायेगा कि स्कूली बच्चों को कैसे व सुरक्षित उसके गंतव्य तक लेकर आये जाये साथ ही सडक सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखना होगा। एआरटीओ अरविन्द त्रिवेदी, सुनील सिंह यादव, संजीव कुमार सिंह ने कहा कि वाहन चालक परिवहन आयुक्त द्वारा जारी मानकों तथा सुरक्षा के समय समय पर जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करें तथा वाहन का शैक्षणिक संस्था के नाम पर पंजीकृत होना आवश्यक है।
एआरटीओ अरविन्द त्रिवेदी ने कहा कि प्रत्येक स्कूल बस के आगे व पीछे मोटे अच्छरों में स्कूल बस लिखा होना चाहिए व अनुबंधित बसों पर आॅनस्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए। कोई भी स्कूल बस किराये की फुटकर सवारी नहीं ढोयेगा, प्रत्येक स्कूल बस पर स्कूल का नाम टेलीफोन नंबर तथा वाहन चालक का नाम अवश्य लिखेगा। वाहन चालक तथा सहायक को ड्यूटी के समय निर्धारित डेªस पहनना अनिवार्य होगा। इसके आलवा सड़क सुरक्षा के संबंधित मानक सीट्र्स की व्यवस्था व सामान्य शर्ते अभिभावकों को क्या करना है। प्रत्येक स्कूल बस में फसर््ड एड बाक्स रखना भी अनिवार्य, के साथ ही स्कूल बस चालक का ड्राइविंग लाइसेंस व्यवसायिक होगा जो कम से कम 5 साल पुराना हो तथा उसपर स्कूल बस चलाने का बैज अंकित हो। स्कूल बस की बाडी स्टील की होगी तथा पूर्ण रूप से बंद व क्लोज्ड होगी। बस में आपदा की स्थति में दो इमरजेसी गेट की व्यवस्था भी रहे। प्रत्येक स्कूल बस में बच्चों की सूची नाम व पता कक्षा ब्लड ग्रूप व रूट चार्ट भी उपलब्ध रहेगा। साइकिल व स्कूल आने जाने में प्रषासन की भूमिका व दायित्व पैदल स्कूल आने जाने, सडक सुरक्षा शिक्षक का होना अनिवार्य व रोड सेटी के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गयी। इस मौके पर सहायक सूचना प्रमोद कुमार सहित विभिन्न विद्यालयों के प्रबन्धक व प्रधानाचार्य, वाहन मालिक व चालक आदि भी उपस्थित थे।