Friday, November 29, 2024
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जीवन का अंतिम सत्य

कभी किसी ने बैठकर सोचा, नहीं सोचा होगा, क्योंकि हम अपने जीवन में इतने व्यस्त हैं, कि हमारे पास इस मानव जीवन के अंतिम सत्य के बारे में सोचने का समय नहीं है, हमारे पास केवल अपनी तृष्णाओं की पूर्ति का समय है, हमें केवल धन एकत्रित करना है, हमें केवल भोग भोगने हैं, हमें केवल अपनी सत्य स्थापित करनी है, हमें केवल दूसरों को नीचा दिखाना है, पर कभी किसी ने सोचा, यह सब भोग क्षण भर के हैं, हमारे से पहले इस पृथ्वी पर कितने राजा, महाराजा आए, जो कितने शक्तिशाली थे, उन्होंने अपनी भक्ति से देवो को प्रसन्न करके कई वरदान हासिल किए, पर  वो भी एक दिन काल के ग्रास बन गए, तो क्यों आज इस पृथ्वी का तुछ्च सा मानव यह भूल गया है, उसे भी एक दिन काल का ग्रास बनना है, अगर भूल गए हैं, तो एक दिन शमशान भूमि में जाकर किसी जलते मुर्दे को देख आए, क्योंकि यही जीवन का अंतिम सत्य है। -अमित डोगरा