कौशाम्बी, विकास सिंह। ग्राम पंचायत पूरब शरीरा थाना पश्चिम शरीरा में बनी गौशाला के हाल बद से बदतर जहाँ उत्तर प्रदेश की सरकार मवेशियों को अच्छा चारा और अच्छा उपचार का वादा करती आ रही है। उस पर सरकार पूरी तरह विफल नजर आ रही है। गौशाला में सरकार ने बताया कि 2012 की जनगणना के अनुसार राज्य में 205ण्66 लाख मवेशी हैंए जिनमें से अनुमानित 10ण्12 लाख आवारा पशु हैं सरकार का कहना है कि वर्तमान में राज्य में 523 पंजीकृत गौशालाएं या गोआश्रय हैं और कुछ बनाए भी जा रहे हैंए इस योजना के तहत सरकार पूरी तरह विफल है।
और तो और खबर के अनुसार योजना में यह शर्त भी रखी गई थी कि पशुओं को गोद लेने वाला व्यक्ति इसे छोड़ नहीं सकताए न ही बेच सकता है। इसकी निगरानी के लिए हर जिले में एक कमेटी बनाई जाएगी और दिए जाने वाले हर पशु के कान पर पहचान के लिए टैग लगाया जायेगा। टैग लगवा कर ग्राम प्रधान पशुओं को आवारा छोड़ दें रहे और उनका पैसा अपने खाता में लेकर हजम कर रहे हैं। इससे पहले इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2019.2020 के बजट में गो कल्याण के लिए करीब 500 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।
इसमें गौशालाओं के रखरखाव के लिए 247ण्60 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। साथ ही सरकार ने यह भी कहा था कि शराब की बिक्री पर लगे विशेष शुल्क से मिले करीब 165 करोड़ रुपये निराश्रित एवं बेसहारा गोवंशीय पशुओं के भरण.पोषण के लिए इस्तेमाल किये जायेंगे। लेकिन जिले के आला अधिकारियों की मिली भगत के चलते ग्राम प्रधान सहित तमाम लोग पैसा हज़म कर रहे हैं। जिससे आवारा पशुओं की न तो देख रेख हो रही और न उनको सही उपचार मिल पा रहा है। जिससे मवेशी दम तोड़ रहे हैं।