Tuesday, November 19, 2024
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सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज हमीरपुर में गाॅधी व शास्त्री जयन्ती मनायी गयी

हमीरपुर, अंशुल साहू। नगर के स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज हमीरपुर में गाॅधी व शास्त्री जयन्ती मनायी गयी। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य रमेशचन्द्र ने कहा कि आत्म संयम व दृढ़ता का ही एक नाम मोहनदास करमचन्द्र गाॅधी है। लम्बी कृशकाय देह के भीतर पर्वत सरीखे इरादों का उनमें संकल्प बसता था। आज वे हमारे बीच नही है पर अगर होते तो इस महामारी से निपटने महात्मा के मंत्र तथा वे आज क्या करते यह एक यक्ष प्रश्न है? उनका जीवन हमारे लिए एक संदेश है। आज का दिन राष्ट्रीय पर्व एवं अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में व स्वच्छता दिवस के रुप मे भी हम मनाते है। देश को स्वतंत्र कराने मे इनका अहम योगदान है। जितना योगदान देश को स्वतंत्र कराने में गाॅधी जी का है। उतना ही देश के विकास मे योगदान लाल बहादुर शास्त्री का भी है। कार्यक्रम की शुरुआत दोनो भवनो मे प्रधानाचार्य द्वारा ध्वजारोहण के साथ हुआ। तथा माॅ सरस्वती की वन्दना व गाॅधी तथा शास्त्री के चित्र पर पुष्पार्चन के साथ हुआ। संगीताचार्य ज्ञानेश जड़िया द्वारा रामधुन संकीर्तन प्रस्तुत की गयी। इस अवसर पर विद्यालय के आचार्य जितेन्द्र सिंह व रमेश शुक्ला ने बोलते हुए कहा कि एक राष्ट्र की संस्कृति और उसमे रहने वाले लोगो के दिलो मे और आत्मा मे रहती है। जीवन की विषम परिस्थिति मे गाॅधी जी कभी विचलित नही हुये। तथा शास्त्री जी अपने व्यकित्त्व व कृतित्व के कारण भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री बने। वस्तुतः गाॅधी जी एक संस्था थे वे उदारवादी, माक्र्सवादी व्यक्तियो मे महान और महान व्यक्तियो मे महान व्यक्तित्व थे। स्वदेशी खादी, कुटीर उद्योग गाॅधी जी के रचनात्मक कार्य थे। तथा शास्त्री जी पालिका सदस्य से लेकर प्रधानमंत्री पद तक पहुॅचे थे इनमे विलक्षण प्रतिभा थी। और सन 1964 में ताशकन्द समझौते के समय उनकी दुःखद मृत्यु हो गयी। विद्यालय के प्रधानाचार्य रमेशचन्द्र सहित सभी स्टाफ ने झाड़ू लगाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता आन्दोलन को गति प्रदान की। आभार प्रदर्शन कार्यक्रम प्रमुख ऋषिराज निगम ने किया। कार्यक्रम का संचालन आचार्य बलराम सिंह ने किया। यह जानकारी विद्यालय के मीडिया प्रभारी आचार्य वेदप्रकाश शुक्ल ने दी।