राजीव रंजन नाग: नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले पर कांग्रेस नेताओं की बिना सोच-समझ के की गई टिप्पणियों से उपजे विवाद को समाप्त करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी सदस्यों को अनावश्यक बयानबाज़ी से बचने की सख़्त हिदायत दी है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि ऐसी टिप्पणियां कांग्रेस की आधिकारिक स्थिति को नहीं दर्शातीं। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सहित कई नेताओं द्वारा दिए गए बयानों के बाद सामने आया है। इन बयानों ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया, जबकि पार्टी नेतृत्व ने संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार को पूर्ण समर्थन देने का वादा किया है। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पहले ही सर्वदलीय बैठक में इस जघन्य आतंकी हमले पर कांग्रेस की स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं, जिसमें 25 पर्यटक और एक कश्मीरी व्यक्ति मारे गए थे।
रमेश ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, “पार्टी ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें कहा गया है कि कुछ कांग्रेस नेता मीडिया से बात कर रहे हैं। वे अपने निजी विचार व्यक्त कर रहे हैं और वे कांग्रेस के आधिकारिक विचार नहीं हैं। इस संवेदनशील समय में इस बात को लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए कि कांग्रेस की आधिकारिक स्थिति वही है, जो कांग्रेस कार्यसमिति के प्रस्ताव, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और अधिकृत एआईसीसी (AICC) पदाधिकारियों द्वारा व्यक्त की गई है।”
उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा में गंभीर चूक और खुफिया तंत्र की विफलताएं हुई हैं, जिनका विश्लेषण आवश्यक है। लेकिन इस समय एकता, एकजुटता और सरकार व विपक्ष के बीच निरंतर संवाद की आवश्यकता है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की उस टिप्पणी ने विवाद को जन्म दिया, जिसमें उन्होंने कहा था, “पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोई जरूरत नहीं है। सख्त सुरक्षा उपाय शुरू किए जाने चाहिए। हम युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। शांति होनी चाहिए, लोगों को सुरक्षित महसूस होना चाहिए और केंद्र सरकार को प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।”
इस बयान की आलोचना के बाद सिद्धारमैया ने सफाई दी और कहा कि युद्ध हमेशा किसी देश का अंतिम विकल्प होना चाहिए। “जब दुश्मन को हराने के लिए सारे प्रयास विफल हो जाएं, तभी युद्ध का सहारा लिया जाना चाहिए।”
पाकिस्तानी मीडिया द्वारा उनकी इस टिप्पणी को प्रकाशित किए जाने के बाद भाजपा ने उन पर तीखा हमला बोला। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने ‘एक्स’ पर लिखा, “सीमा पार से वज़ार-ए-आला सिद्धारमैया के लिए बहुत-बहुत बधाई! पाकिस्तानी मीडिया उनकी जमकर प्रशंसा कर रही है। वे पाकिस्तान के साथ युद्ध के खिलाफ उनकी टिप्पणी से प्रसन्न हैं और भाजपा की प्रतिक्रिया से निराश।”
भाजपा नेताओं ने व्यंग्य करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री “पाकिस्तान रत्न” पुरस्कार के लिए योग्य हो सकते हैं। इस बीच, कांग्रेस ने कहा कि भारत सरकार द्वारा सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार जैसे कूटनीतिक कदमों का वह पूरी तरह से समर्थन करती है और विश्वास जताया कि आने वाले दिनों में और कठोर निर्णय लिए जाएंगे। जयराम रमेश ने कहा, “इस महत्वपूर्ण समय में, दुनिया भर के देश पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की निंदा करते हुए भारत के साथ खड़े हैं। हमें इस वैश्विक समर्थन का लाभ उठाते हुए पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाना चाहिए कि वह भविष्य में ऐसी हरकत करने की हिम्मत न कर सके।”