सुमेरपुर/हमीरपुर, जन सामना। विकासखण्ड सुमेरपुर के पंधरी गांव में तालाबो में हो रहे अतिक्रमण से धीरे-धीरे उनका अस्तित्व कम होता जा रहा है। तालाबों के किनारों में अवैध कब्जे होने से उनका दायरा सिकुड़ता जा रहा है। यही हाल रहा तो तालाबों का नामो-निशान मिट जायेगा। विकासखण्ड सुमेरपुर क्षेत्र के ग्राम पंधरी में करीब आधा दर्जन तालाब है। लेकिन कोई भी ऐसा तालाब नही है, जिसमे अतिक्रमण का बोलबाला न हो। यहाँ के निवासियों ने बताया कि गांव में महामाई तालाब, मिचकुरिया तालाब, सन्दूक तालाब, समदी तालाब और फुटहा तालाब है। आज के कुछ वर्ष पूर्व सभी तालाब हरे भरे थे। तालाब की पारो में कोई अतिक्रमण नही था। बारिस के पानी से तालाब लबालब हो जाते थे और लोगो को इससे पानी की भरपूर सुविधा थी। लेकिन धीरे धीरे स्थितियां बिगड़ने लगी अब पहले जैसी बरसात नही होती तालाब भी नही भर पाते और तालाब की पारो में अतिक्रमण का बोलबाला भी होता जा रहा है। मौजूदा स्थित में देखा जाये तो गांव का कोई भी ऐसा तालाब नही है जो अतिक्रमण से बचा हो। तालाब की पारो में लोगो द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण कर लिया है। यहां तक कि तमाम लोगो ने तालाब की पाट में ही अपना आशियाना बना लिया है। हालात यह है कि अतिक्रमण होने से तालाबों का दायरा सिकुड़ता चला जा रहा है। लोगो का कहना है कि अतिक्रमण की यही स्थित बनी रही तो धीरे धीरे उनका नामो-निशान मिट जायेगा। कोर्ट का आदेश है तालाबों पर व्याप्त अतिक्रमण हटवाया जाये लेकिन उनका पालन नहीं हो रहा है। स्थित पहले से भी ज्यादा बदतर होती जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि इस अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर से लेकर जिला प्रशासन तक कोई कार्यवाही नही हो रही है। यही कारण है कि अतिक्रमण करने वालो के हौसले बुलंद है। लोगो ने जिलाधिकारी से मांग की है कि तालाबों में हो रहे अतिक्रमण को रोका जाये।