कृषक पर्यावरण को स्वच्छ बनाये रखने के लिये मक्का, धान की पराली (फसल अवशेष) न जलाये: डीएम
कानपुर देहात। शासन द्वारा पर्यावरण को हो रहे क्षतिपूर्ति की वसूली के निर्देश दिये गये है। जिसके तहत जिलाधिकारी डा0 दिनेश चन्द्र ने पराली जलाने की घटना पाये जाने पर राष्टीªय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा-24 के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति की वसूली एवं धारा-26 के अन्तर्गत उल्लंघन की पुनरावृत्ति होने पर सम्बन्धित के विरुद्ध कारावास एवं अर्थदण्ड लगाये जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही करने के निर्देश शासन द्वारा दिये गये है। जिसके तहत जिलाधिकारी ने जनपद में दिनाॅक 6 अक्टूबर को निम्न कृषकों के द्वारा मक्का की पराली जलाये जाने के कारण प्रशासन के द्वारा एफ0आई0आर0 करायी गयी है। जिसमें अमर सिहं,रमेश सिहं, गजेन्द्र सिहं व गोविन्द सिहं पुत्रगण लज्जाराम निवासी ग्राम नैनपुर विकास खण्ड- राजपुर जनपद कानपुर देहात। इसी प्रकार देवेन्द्र कुमार व दशरथ पाल पुत्रगण कन्हई, ओमनारायन, सत्यनारायन व उदयनारायन पुत्रगण घसीटे लाल निवासी ग्राम रमऊ विकास खण्ड राजपुर जनपद कानपुर देहात। शिवबालक सिहं व प्रकाश नारायण सिहं पुत्रगण मलखन सिहं,रामनरेश सिहं पुत्र लक्ष्मीधर सिहं व वीर सिहं पुत्र रामप्रकाश निवासी ग्राम सलेमपुर बैना विकास खण्ड राजपुर कानपुर देहात।
जिलाधिकारी ने कृषकों से अपील कि है कि पर्यावरण को स्वच्छ बनाये रखने के लिये मक्का, धान की पराली (फसल अवशेष) न जलाये उचित होगा है कि फसल अवशेष जो निराश्रित गोवंश के खाने योग्य हो उसे गौशालाओं को दान कर दें और अतिरिक्त पराली का प्रबन्धन करें ताकि मृदा की उर्वराशक्ति बढेगी और रासायनिक खादों के प्रयोग से बचेगें जिससे लागत कम होगी जो कृषक की आमदनी बढाने में सहायक होगा साथ-साथ वातावरण के प्रदूषण को भी रोका जा सकेगा। फसल अवशेष के प्रबन्धन हेतु कृषक इन-सीटू यन्त्रो का प्रयोग करे फसल अवशेष के प्रबन्धन हेतु कृषक इन-सीटू यन्त्रो को 50 प्रतिशत अनुदान पर खरीद सकते है या जनपद में स्थापित कस्टाम हायरिंग सेन्टर व फार्म मशीनरी बैक से किराये पर लेकर कर सकते है। अगर कृषको के द्वारा फसल अवशेष जलाये जाते है तो कृषको के विरुद्ध उपरोक्तानुसार कार्यवाही की जायेगी।