कानपुर नगर। मण्डलायुक्त डा0 राज शेखर ने आज डेडिकेटेड फ्रेट काॅरिडोर (डी0एफ0सी0) में चल रहे कार्यो का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मण्डलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि डी0एफ0सी0 भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो रेलवे मंत्रालय की है, जिसकी शुरुआत डेडिकेटेड रेलवे लाइन की स्थापना के द्वारा “स्पीडी, स्मूथ एंड हैसल फ्री ट्रांसपोर्ट ऑफ गुड्स‘‘ को सुनिश्चित करके अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के उद्देश्य से की गई है। उत्तर प्रदेश में, दादरी से मुगलसराय (वाया कानपुर और प्रयागराज) के बीच कुल डीएफसी मार्ग की लंबाई लगभग 1500 किलोमीटर है।
उन्होंने कहा कि दादरी से कानपुर तक का भाग लगभग पूरा हो चुका है और निकट भविष्य में परिचालन के लिए तैयार है। कानपुर से प्रयागराज का स्ट्रेच जून 2021 तक पूरा हो जाएगा और प्रयागराज से मुगलसराय तक का बाकी हिस्सा दिसंबर 2021 तक पूरा हो जाएगा। डी0एफ0सी0 रूट पर फ्रेट (गुड्स) ट्रेनों की औसत गति 100 किलोमीटर/घंटा होगी। भारतीय रेलवे के मौजूदा ट्रैकों पर माल गाड़ियों की वर्तमान औसत गति लगभग 50 किलोमीटर/घंटा है। इस परियोजना के सभी छोटे छोटे लंबित मुद्दों को हाल के दिनों में स्थानीय लोगों और प्रशासन की सहायता और सहयोग से हल किया गया है। अब दो छोटे मुद्दे कानपुर स्ट्रेच में लंबित हैं, जिन्हें जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।
डी0एफ0सी0सी0 के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इस परियोजना के लिए जिला प्रशासन और लोगों से अच्छा समर्थन और सहयोग मिल रहा है। डी0एफ0सी0सी0 के अधिकारियों ने सरसौल रेलवे क्रॉसिंग पर रेलवे ओवर ब्रिज (आर0ओ0बी0) की आवश्यकता का एक मुद्दा उठाया, जो कि डी0एफ0सी0सी0 स्टेशन (निर्माणाधीन) का मुख्य प्रवेश बिंदु है। सरसौल चैराहे पर आरओबी के आवश्यकता उपरोक्त मुद्दे को हल करने के लिए, मण्डलायुक्त ने डीएफसीसी, भारतीय रेल, सेतु निगम, पीडब्ल्यूडी और एसडीएम नर्वल की एक बैठक बुलाई है ताकि इस योजना और इसके निष्पादन पर काम किया जा सके। आयुक्त ने डीएफसी निगम (भारत सरकार का एक संगठन) को समय पर परियोजना को पूरा करने और शुरू करने के लिए हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया था ताकि कानपुर के व्यापार और उद्योग वर्ग इस मेगा परियोजना से लाभान्वित हों।
निरीक्षण के दौरान बी0एस0 सान्याल, अति0जनरल मैनेजर, राजेश अग्रवाल, डीएफसीसी प्रोजेक्ट मैनेजर, आर0के0जैन डीएफसीसी सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।