Tuesday, April 22, 2025
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क्या वैक्सीन भी प्रभाव हींन होगी, नए करोना 2 पर ?

वैज्ञानिकों के सामने एक नई वैश्विक चुनौती उभर कर सामने आई है उनका कहना है कि ब्रिटेन में फैले करोना के नए वर्शन पर अ नथक मेहनत के पश्चात ईजाद की गई करोना विरोधी वैक्सीन, शायद वर्तमान करोना से पीड़ित लोगों पर कम प्रभावशाली या प्रभाव हीन हीं हो सकती है, ऐसे में वैश्विक स्तर पर नागरिकों की सुरक्षा करना एक नई और बड़ी चुनौती सामने आ गई है, वैज्ञानिकों का यहां तक कहना है कि यह संक्रमण पूर्व संक्रमण से ज्यादा खतरनाक हो सकता है। गौरतलब है की ब्रिटेन में करोना वायरस के नए रूप रंग को देखने के बाद ब्रिटेन सरकार दहशत में आ गई है| इसके साथ ही साथ नये वायरस को लेकर पूरी दुनिया में खौफ तथा चुनौती सामने आई है| और नई महामारी के स्वरूप के चलते भारत के अलावा कनाडा, तुर्की, बेल्जियम, इटली, इजरायल समेत अन्य कई देशों ने ब्रिटेन से आने जाने वाली तमाम हवाई उड़ानों को रद्द कर दिया है| भारत सरकार ने एहतियात के तौर पर ब्रिटेन से आने वाली व्यक्तियों को मंगलवार तक कड़े कोविड-19 परीक्षणों से गुजर कर आइसोलेशन सेंट्रो में रखा जाएगा,साथ ही ब्रिटेन के लिए समस्त उड़ानों पर 31 दिसंबर तक प्रतिबंध लगा दिया गया है| उधर ब्रिटेन की सरकार ने घोषणा की है की कोरोनावायरस के नए संस्करण से वायरस का जानलेवा संक्रमण फिर से तेजी से फैलने की आशंका है, और सावधानी रखने के फल स्वरूप वहां कई पाबंदियां रोपित कर दी गई हैं| ब्रिटिश सरकार ने बताया यह नया वैरीअंट वायरस पूरे ब्रिटेन में फैल चुका है केवल नॉर्दर्न आयरलैंड मैं रह रहे निवासी अभी वायरस से बचे हुए हैं वहां इतिहात के तौर पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए हैं| ब्रिटेन में इस नए वायरस का पता सर्वप्रथम सितंबर 2020 में चला था तो वहां लंदन में कोरोनावायरस के संक्रमण के 25% रोगियों में यह वायरस बड़ा कारण था और दिसंबर के मध्य में वहां के डॉक्टरों का कहना है की 66 से 70% तक मरिज इस करोना नए वाक्यरेंट के जनक थे और वे सब के सब इसने वायरस से संक्रमित पाए गए, ब्रिटेन में साउथ ईस्ट इंग्लैंड तथा पूर्वी इंग्लैंड में जिसके संक्रमित रोगी ज्यादा पाए गए, परीक्षण करने वाली संस्था नेक्स्टस्ट्रेन्न के दिए गए आंकड़ों के हिसाब से ऑस्ट्रेलिया तथा नीदरलैंड में भी इस बदले हुए वायरस से संक्रमित मरीज पाए गए, इंग्लैंड में पाए जाने वाले वायरस का स्वरूप अलग प्रकार का पाया गया, यह वायरस कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीज में तेजी से विकसित हुआ क्योंकि ऐसे मरीज वायरस को पूरी तरह खत्म नहीं कर पाए थे,| डॉक्टरों के अनुसार वायरस अपना स्वरूप बदलते रहते हैं और ऐसे वायरस के व्यवहार के बदलते हुए स्वरूप पर रिसर्च करने वाले स्कॉलर अध्ययन तथा मनन में इसकी निजात पाने हेतु लगातार अपनी नजर रखे हुए हैं, जिसके फलस्वरुप करोना वायरस के नया स्वरूप का पता लग पाया| वैज्ञानिकों द्वारा यह बताया गया की इनकी निरोधक क्षमता को बाधित करने वाली एंटीडोट वैक्सीन से अपनी रक्षा करने के लिए वायरस हमेशा अपना स्वरूप बदलते रहते हैं जिससे निरोधक वैक्सीन संपूर्ण रुप से अपना प्रभाव नहीं डाल पाती एवं मरीजों के लिए कारगर साबित नहीं हो पाती और वायरस लगातार निरंतर लोगों को संक्रमित करता रहता है| वैज्ञानिकों का यह भी दावा है की दूसरे प्रकार के वायरस का न्म्युटेंट होना एक आम प्रक्रिया है पर कोविड-19 के मरीजों के लिए यह बदला हुआ स्वरूप बहुत ही खतरनाक हो सकता है, वैज्ञानिकों का दावा है की यह नया म्युटेंट कोविड-19 से ज्यादा खतरनाक भी हो सकता है अतः इसके इलाज के लिए सरकारों को पूरा इतिहास भरत कर मानव जाति को इस संक्रमण से बचाने का पूरा प्रयास किया जाना चाहिए इस नया वायरस के पैदा होने तथा आमजन पर संक्रमण करने वैश्विक दहशत फैल चुकी है इसके पूर्व करोना वायरस ने पूरे विश्व में मृत्यु का तांडव मचा रखा है, नई बीमारी के आने से और भी चुनौतियां सामने आने की संभावनाएं हैं अतः सरकारों ने अपने नागरिकों से उसी गाइडलाइंस को पालन करने हेतु कहा है जो पूर्व में सरकार ने जारी कर रखी थी अन्यथा उसकेनकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगेंगे, ज संपूर्ण मानवता के लिए एक चुनौती होगी| अब करोना के नए स्वरूप से न सिर्फ वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है बल्कि विश्व के सारे देश इस नई महामारी से जुड़ने के लिए प्राथमिक तौर पर सजग होकर पूरी ताकत से इसके रोकने के प्रयास में जुट गए हैं तथा फिर से इस महामारी को थामने और रोकने नई गाइडलाइंस जारी करने में जुट गए हैं अन्यथा करोना का नया स्वरूप फिर मौत का तांडव दिखा सकता है जो एक चिंतनीय पहलू भी है।