फिरोजाबाद,जन सामना। प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल गुरूवार को फिरोजाबाद पहुंची। जहां उन्होंने कांच कारखाने का निरीक्षण करते हुये कांच के आयटमों के बनाने की प्रक्रिया को समझा। इसके साथ ही उन्होंने किसानों व स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से बात कर उन्हें आत्मनिर्भर बनने के बारे में बताया। इसके बाद राज्यपाल ने टीबी से ग्रसित बच्चों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करते हुये अधिकारियों के साथ बैठक की। प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने अपने एक दिवसीय जनपद भ्रमण कार्यक्रम में सबसे पहले सिविल लाइन निरीक्षण भवन पहुंची, जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह, वरिष्ट पुलिस अधीक्षक अजय कुमार पाण्डे, मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ द्वारा पुष्प भेंट कर स्वागत किया गया। इसके उपरांत राज्यपाल ने औद्योगिक आस्थान स्थित प्रगति ग्लास इण्डस्ट्रीज का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होने आटोमैटिक मशीनों एवं कुशल कारीगरों द्वारा निर्मित कांच उत्पादों की निर्माण प्रक्रिया को बारीकी से देखा और देखते-देखते पिघलते कांच से कलात्मक उत्पाद को बनते देखकर आश्चर्यचकित रह गयी। उन्होेने संस्थान के प्रबन्धकों द्वारा कांच उत्पादन के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। जिसमें उन्होने बताया कि यह कांच के उत्पाद भारत के विभिन्न शहरों के अलावा विदेशों में भी बडी मात्रा में निर्यात किये जा रहंे है, जिससे भारत को विदेशी मुद्रा प्राप्त हो रही है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद में अपना अहम योगदान प्रदान कर रही है। प्रदेश सरकार द्वारा एक जनपद एक उत्पाद योजना के माध्यम से जनपद के कांच उद्योग को तमाम सहुलियतें प्रदान की जा रहीं है। राज्यपाल ने कारखाने में कार्य कर रहे श्रमिकांें से भी संवाद कायम किया तथा उनके द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों की भी प्रशंसा की।
इसके बाद राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने स्वंय सहायता समूह तथा हस्तशिल्प उत्पाद प्रदर्शनी का निरीक्षण सर्किट हाउस परिसर में किया। उन्होने कहा महिला कल्याण की योजनाओं से महिलाओं को जोड़कर एक नई इबारत लिखी जा रहीं है। स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को निर्धनता के चंगुल से निकालने का कार्य किया जा रहा है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। उन्होने कहा कि महिलाऐं स्वंय सशक्त बनें और समाज केे कमजोर और पिछडे वर्ग की महिलाओं को भी सशक्त बनाने की दिशा में कार्य करें। यह समय सामाजिक बदलाव का हैै। महिलाओं को भी पुरूषों के समान आगे आकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना है। उन्होने स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि वह अपनी कन्याओें को अवश्य शिक्षित करें तथा बाल विवाह एवं दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों का परित्याग करें। बाल विवाह हो जाने की दशा में बच्चियों का मानसिक विकास नही हो पाता है और एसी कन्याओं से एक स्वस्थ्य बच्चे के जन्म की उम्मीद भी नही की जा सकती है। समीक्षा के दौरान उन्होने पाया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन के तहत 3125 समूहों का गठन किया गया है, जिसके माध्यम से 35876 परिवारों को जोड़ा गया है। समूह की महिलाओं द्वारा मुख्यतः कांच के खिलौने, मिटटी के दीपक, कपड़ों के फोल्डर, सिलाई, पशुपालन, डेयरी, मसाला आदि कार्य प्रमुख रूप से किए जा रहें है तथा 664 समूहों को आंगनबाड़ी केंद्रों में ड्राई राशन वितरण, 120 समूहों को सामुदायिक शौचालयों की देखरेख हेतु 09 समूहों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित दर की दुकान, 80 स्वंय सहायता समूहों को सिलाई कार्य तथा ग्रामीण क्षेत्रों मंे बिजली बिल जमा करने के कार्य से जोड़ा जा रहा है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी समूह की महिलाओें द्वारा 70 हजार फेस मास्क, 500 पी0पी0ई0 किट एवं हैण्ड सेनेटाइजर बनाने का कार्य भी किया गया है।
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है कि वर्ष 2025 तक देश को क्षय रोग से मुक्त कराना है इस हेतु वृहद स्तर पर क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ‘‘टी0वी0 हारेगा देश जीतेगा‘‘ अभियान संचालित किया जा रहा है। आज अपने जनपद प्रवास के दौरान राज्यपाल ने निरीक्षण भवन में क्षय रोग से पीड़ित बच्चों को गोद लेने वाली स्वंयसेवी संस्थाओं विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य एवं प्रधानाचार्या, अधिकारियों एवं चिकित्सको के साथ एक बैठक की उन्होने कहा कि भारत सरकार द्वारा क्षय रोग के समूल उन्मूलन के लिए तमाम योजनाऐं चलाई जा रहीं है, जिनके माध्यम से निर्धन व वंचित वर्ग के क्षय रोगियों का इलाज किया जा रहा है।जिलाधिकारी चंद्रविजय सिंह द्वारा बताया कि पूर्व में राज्यपाल द्वारा 0 से 18 वर्ष तक के जिन 513 बच्चों को स्वंय सेवी संस्थाओं को गोद दिया था वह अब पूरी तरह स्वस्थ्य होकर टी0वी0 के कुचक्र से बाहर निकल चुके है। उचित खानपान एवं दवाओं के माध्यम से उन्होने इस बीमारी पर विजय हासिल की है। समीक्षा के दौरान उन्होने पाया क्षय रोग खोजी अभियान के तहत 341 बच्चें इस बीमारी से ग्रसित पाए गए है। इन्हे स्वंय सेवी संस्थाओं एवं प्राधानाचार्यों को गोद देकर पोषण युक्त आहार की मदद से इस बीमारी से बाहर निकाला जा सकता है। उनकी शिक्षा-दीक्षा भी इस दौरान बाधित नही होनी चाहिए।
इस अवसर पर राज्यपाल ने रेड क्राॅस सोसाइटी, जन आधार कल्याण समिति, आदर्श विकास संस्थान, ज्वाइंट ग्रुप ऑफ फिरोजाबाद आदि स्वंय सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को तथा उनके द्वारा गोद लिए बच्चों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर इस अवसर पर इस दौरान क्षेत्रीय सासंद डा0 चंद्रसैन जादौन, मेयर नूतन राठौर, विधायक शिकोहाबाद डा0 मुकेश वर्मा,विधायक जसराना रामगोपाल लोधी, जिलाधिकारी चंद्रविजय सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार पाण्डे, मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट एकता सिंह, नगर आयुक्त विजय कुमार, उप निदेशक कृषि हंसराज, डीसीएनआरएलएम राजेश कुमार, जिला उद्यान अधिकारी विनय कुमार यादव, क्षेत्राधिकारी सदर हीरालाल कनौजिया, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 नीता कुलश्रेष्ठ एवं अभियान से जुडे चिकित्सक आदि उपस्थित रहें।
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