हाथरस,जन सामना। करीब 9 साल पूर्व उत्तर प्रदेश के जिला हाथरस के थाना मुरसान क्षेत्र के गांव मुगरिया निवासी श्याम सुंदर ने अपनी बेटी कृष्णा की शादी जिला अलीगढ़ के थाना मुकीमपुर क्षेत्र के पीडोल में की थी| शादी के कुछ दिनों बाद से ही ससुराली जन दहेज की मांग करने लग गए नौबत यहां तक आ गई, कि जब कृष्णा अगर साड़ी भी पहन ने के लिए मांगती तो तो ससुराली जन कह देते कि अपनी मायके से ले आ। इन आठ 9 साल के भीतर कृष्णा के 2 बच्चे हुए जिनमें एक बेटा और एक बेटी है बेटा 7 साल का है और बेटी 5 साल की है मई 2020 में कृष्णा के ससुराली जनों ने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और धनबल के दम पर मामले से छुटकारा भी पा लिया लेकिन पीड़ित परिवार अभी न्याय की उम्मीद में भटक रहा है और आत्मदाह करने को मजबूर हो रहा है।
अब तक इस मामले में इंसाफ न मिलने के कारण मृतका के भाई दीपक ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। पीड़ित दीपक चौधरी पुत्र श्यामसुंदर निवासी ग्राम मुगरिया थाना मुरसान जिला हाथरस ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में अपराध संख्या 101 सन 2020 धारा 307 498ं 323 506 आईपीसी थाना पाली मुकीमपुर जिला अलीगढ़ का जिक्र करते हुए लिखा है, बहन कृष्णा की शादी विमल पुत्र गजराज सिंह निवासी पीडोल थाना पाली मुकीमपुर जिला अलीगढ़ के साथ हुई थी। विमल के भाई विपिन की शादी सीमा से हुई थी ।सीमा पर एक बच्चा था तथा विपिन का देहांत हो गया । देहांत के बाद सीमा को विमल ने पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया परंतु शादी के समय यह बात नहीं बताई । विमल से सीमा के 2 पुत्र पैदा हुए जिनका नाम राहुल उम्र 15 वर्ष व कपिल उम्र 13 वर्ष है । जब प्रार्थी की बहन को इस बात की मालूम हुआ कि मेरी बहन की विमल द्वारा एक पुत्र उम्र 7 वर्ष एक पुत्री उम्र 5 वर्ष जिनके नाम क्रमशः अभय अवनी है । इसी बात को लेकर मेरी बहन के सास रघुवीरी ने मिलकर विमल व कैलाश व विमल के दोस्तों ने मिलकर षड्यंत्र के तहत मेरी बहन को मारने की योजना बना ली। इस बात की जानकारी मेरी बहन को हो गई दिनांक 27 मार्च 2020 को समय करीब सुबह 7ः40 पर मेरी बहन कृष्णा ने मोबाइल नंबर 9675 444 682 से मेरे मोबाइल नंबर 8755 0680 34 पर फोन आया तो मेरी बहन कृष्णा ने कहा कि भाई जल्दी आ जाओ इन लोगों ने रात को मुझे आग लगाकर जान से मारने का षड्यंत्र बनाया है| यह लोग किसी भी समय मुझे जान से मार देंगे जैसे बने वैसे जल्दी आ जाओ जिसकी कॉल रिकॉर्डिंग मेरे पास है । तब मैंने 112 नंबर पर सूचना दी तो पुलिस घर पर पहुंची तभी गजराज पुत्र राम सिंह विमल पुत्र गजराज सिंह कैलाश पुत्र विपिन विमल का दोस्त बंदा दीवार कूदकर भाग गए और पुलिस ने दरवाजा खोलने की कोशिश की तो दरवाजा अंदर से बंद था अंदर से दरवाजा सास रघुवीर ने मुश्किल से खोला तो देखा के भीतर मकान में मेरी बहन अचेत अवस्था में जमीन पर पड़ी थी और गले में बीच में दुपट्टे से गांठ लगी हुई थी। आंखों पर मारपीट की चोटों के निशान थे। जिसकी वीडियो 112 नंबर पुलिस द्वारा बनाई गई जिसकी फोटो हमारे पास है उस समय पुलिस ने ही जेएन मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ में भर्ती कराया जिसकी रिपोर्ट थाना पाली मुकीमपुर में दर्ज कराई और इलाज के दौरान दिनांक 17 2020 को मेरी बहन की मृत्यु हो गई जिसका पोस्टमार्टम चीरघर पर कराया गया। पोस्टमार्टम के दौरान सीएचसी अतरौली सुंदर सिंह ने हमसे ₹20000 की मांग की जो कि हमने नहीं दिए लेकिन थाना हाजा पुलिस वालों से मिली हुई है। इसलिए मृत्यु के बाद थाना पाली मुकीमपुर के जांच अधिकारी सुरेंद्र सिंह राणा ने 302 आईपीसी की जगह धारा 306 आईपीसी में बदल दी। इसलिए सुरेंद्र सिंह राणा से जांच की कोई उम्मीद नहीं थी तो हमने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अलीगढ़ से पुनः जांच कराने की प्रार्थना की तो उन्होंने क्राइम ब्रांच अलीगढ़ में जांच के आदेश कर दिए। क्राइम क्राइम ब्रांच अधिकारी अजब सिंह पर जांच पहुंच गई जिन से हमने मुलाकात की तो इन्होंने भी हमको डरा धमका कर घर बैठने को कहा व हमारे साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए। और पुनः जांच में भी कोई रुचि नहीं ली तथा अभियुक्त गण से सांठगांठ करके सही तथ्यों को उजागर करना नहीं चाहा और 112 नंबर पुलिस द्वारा बनाई गई मौके की वीडियो मांगने पर हम को नहीं दी गई और ना ही कोई कार्यवाही की गई। खुलेआम दोषी घूम रहे हैं । आए दिन जान से मारने की धमकी देते हैं दो बार मेरा एक्सीडेंट करा कर जान से मारने की कोशिश की। जिससे मैं बाल-बाल बचा हूं । इन्हीं कारणवश मेरा कानून से भरोसा उठ गया है । इसलिए मेरे पास पूरे परिवार सहित आत्महत्या करने के सिवा कोई दूसरा चारा नहीं है।