हाथरस,जन सामना। सेठ फूलचन्द बागला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, हाथरस की राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयन्ती को धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के मुख्य अनुशासन अधिकारी डा. चन्द्रशेखर रावल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नेताजी अद्भुत प्रतिभा के धनी थे उन्होंने आई.सी.एस. की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी अंग्रेजों की अधीनता में वह नौकरी स्वीकार नहीं की उनके बारे में यह पंक्तियां एकदम सटीक हैं- ‘कुछ लोग थे कि वक्त के सांचे में ढल गये। कुछ लोग थे कि वक्त का सांचा बदल गये। महाविद्यालय के अति. मुख्य अनुशासन अधिकारी डा. धर्मेन्द्र कुमार सिंह सेंगर ने कहा कि भारत की आजादी में सिर्फ गांधी जी ही नहीं हमारे क्रान्तिकारी भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव जैसे महानायकों में ही सुभाष बावू का नाम महानायक के रूप में आता है। कार्यक्रम अधिकारी डा. एम.पी. सिंह ने कहा कि सुभाष चन्द्र बोस ने अपने जीवन में देश के लिए लीक से अलग हटकर कार्य किए ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूॅगा’ ‘जय हिन्द’ और ‘दिल्ली चलो’ के उनके नारे देश की जनता को जगाने के लिए थे जो उस समय की आवश्यकता थे। प्रतिभागियों में संतोष सिसौदिया ने कहा कि यदि सुभाष चन्द्र बोस की कही हुयी बातों को अपने जीवन में ग्रहण कर उन पर अमल करें तो यही उनके द्वारा बताये गये मार्ग पर चलने का सही अर्थ होगा। मुकेश कुमार, एकता, मयंक, विशाल, सपना, गौरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर गणेश, विष्णु, ओमकार, विजय, शाहरूख खान, सृष्टि, डौली, चिराग, गुंजन, नीतेश, डौली पाठक, कुलदीप, कृतिका पाठक, पूजा आदि उपस्थित रहे