लखनऊ। आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने कानपुर विकास प्राधिकरण की भूमि पर अवैध कब्ज़ा तथा फर्जी बैनामा के संबंध में प्राधिकरण द्वारा दर्ज कराये गए मु०अ०स० 1044/2014 धारा 420, 424, 467, 468, 471 आईपीसी थाना चकेरी में त्वरित विवेचना तथा कार्यवाही की मांग की है।
एडीजी जोन कानपुर, आईजी रेंज कानपुर एवं अन्य अफसरों को भेजी अपनी शिकायत में अमिताभ ठाकुर ने कहा कि उन्हें प्राप्त अभिलेखों के अनुसार आराजी संख्या 1127, अहिरवां में प्राधिकरण की खाली जमीन पर वीरपाल सिंह गौतम आदि ने जीवन बीमा कर्मचारी गृह निर्माण समिति लि० की आड़ में कई प्लाट बना कर उन्हें अवैध ढंग से बेच दिया। इन लोगों ने बिना किसी भू.विन्यास, मानचित्र स्वीकृति आदि के ही कूटरचना कर प्राधिकरण की जमीन को समिति की भूमि बताते हुए बेच दिया। इस संबंध में विनायकपुर निवासी विकास श्रीवास्तव की शिकायत पर प्राधिकरण द्वारा जाँच करायी गयी तथा प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के आदेश के बाद जोन-4 के तहसीलदार आत्मा स्वरुप श्रीवास्तव ने एफआईआर दर्ज करवाया।
शिकायत के अनुसार पहले विवेचक आमोद कुमार सिंह ने आपराधिक कूटरचना की पुष्टि करते हुए धारा 467, 468, 471 आईपीसी की बढ़ोत्तरी की किन्तु बाद में तहसीलदार आत्मा स्वरुप तथा दूसरे विवेचक ने मिलीभगत कर ली तथा विवेचक ने साक्ष्य के अभाव के नाम पर मामले में अंतिम रिपोर्ट भेज दी।
विकास श्रीवास्तव द्वारा इस अंतिम रिपोर्ट के खिलाफ प्रोटेस्ट प्रार्थनापत्र दायर किया गया जिसपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट कानपुर नगर की कोर्ट ने आदेश दिनांक 30 नवम्बर 2017 द्वारा सरसरी विवेचना बताते हुए अंतिम रिपोर्ट को ख़ारिज कर अग्रिम विवेचना के आदेश दिए। तब से यह केस क्राइम ब्रांच कानपुर नगर के पास लंबित है किन्तु पुलिस द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है।
अमिताभ ने मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए सरकारी जमीन पर कब्जे एवं कूटरचना के संबंध में प्राधिकरण द्वारा दर्ज मुकदमे में त्वरित कार्यवाही कर अभियुक्तगण की गिरफ़्तारी की मांग की है। साथ ही उन्होंने इस मामले में अंतिम रिपोर्ट लगाने के लिए उत्तरदायी अफसरों के खिलाफ कार्यवाही किये जाने की बात भी कही है।