कानपुर,जन सामना। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी कानपुर नगर ग्रामीण के पदाधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के आवाहन पर जिलाधिकारी कानपुर के माध्यम से प्रधानमंत्री भारत सरकार नई दिल्ली को 4 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया! पूर्व मंत्री शिव कुमार बेरिया ने बताया कि भारत सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण के दौरान जल्दबाजी में किसानों को बर्बाद करने की मंशा से कृषि विधेयक लाया गया है। इसमें तीन किसान बिल लागू किया है। भारत सरकार अभी तक किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदनी पड़ती थी ।भारतीय निगम भंडारण करता था, जिस पर सरकार का काफी खर्च होता था। सरकार किसानों को आजादी देने के नाम पर इस वित्तीय बोझ से अपना पिंड छुड़ाना चाहती है। यम एस पी खत्म करने की नीति होगी, तो यह काला कानून किसानो की बर्बादी का आधार बनेगा ।जिला अध्यक्ष विनोद प्रजापति ने बताया कि सीएसीपी जो अभी कृषि मंत्रालय का एक विभाग है। उसे संवैधानिक आयोग का दर्जा मिले, इसकी सिफारिशें बाद बाध्य कारी होनी चाहिए। आज समूचे भारत का किसान कृषि विधेयक के खिलाफ करीब 70 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर अपनी बात संवैधानिक तरीके से रखना चाहता है, यह दुर्भाग्य हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास किसानों की बात सुनने के लिए समय नहीं है, उल्टा लाखों आंदोलनकारी किसानों पर सर्दी के समय ठंडे पानी की बौछार आंसू गैस के गोले व लाठिया चलाई जा रही हैं। फर्जी झूठे मुकदमे पंजीकृत कराए जा रहे हैं, आंदोलन स्थल के चारों तरफ पाकिस्तान सीमा की तरह कटीले तारों की बैरीकेटिंग की जा रही है। किसान इस देश का अन्नदाता है, अन्नदाताओ पर ऐसी अमानवीय अत्याचार करने वालों को सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं हैं। यदि केंद्र में बैठी भाजपा जनविरोधी सरकार किसान विधेयक वापस नहीं लिया, तो जिला संगठन जिला मुख्यालय घेरने प्रदर्शन करने पर मजबूर होगा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जोनल प्रभारी पूर्व मंत्री शिवकुमार बेरिया, जिलाध्यक्ष विनोद प्रजापति, प्रमुख महासचिव राजपाल यादव, राष्ट्रीय सचिव गोविंद त्रिपाठी, वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष सलीम अहमद, राम प्रकाश मिश्रा, संजय प्रजापति, सुरेश कुरील, रुपन निषाद आदि लोग मौजूद रहे।