कानपुर,जन सामना। देश के 15 लाख बिजली कर्मियों के साथ केस्को के कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के निजीकरण की नीतियों के विरोध में एवं अन्य समस्याओं के समाधान हेतु 1 दिन का सांकेतिक कार्य बहिष्कार किया। विदित हो कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश ने केंद्र सरकार के निजीकरण की नीतियों के विरोध में एवं बिजली कर्मियों की ज्वलंत समस्याओं के समाधान हेतु सरकार को चेतावनी स्वरूप कई बार ज्ञापन दिया था। परन्तु सरकार के उदासीन रवैए को देखते हुए विद्युत कर्मचारियों ने आज एक दिन का कार्य बहिष्कार कर सरकार को पुनः चेतावनी दी। इसी के साथ बिजली कर्मचारियों ने सभी स्टेशनों से जुलूस निकालकर सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए केस्को मुख्यालय में जमा हुए जहां बिजली कर्मियों ने विशाल जनसभा की। सभा को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों ने बताया कि निजीकरण का प्रयोग उड़ीसा,ग्रेटर नोएडा और आगरा में बुरी तरह विफल हो चुका है।फिर भी केंद्र सरकार ने बिजली के निजीकरण हेतु इलेक्ट्रिसिटीअमेंडमेंट बिल 2020 एवं स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट जारी किया है। इसी के साथ केंद्र सरकार के निर्देश पर केंद्र शासित प्रदेशों चंडीगढ़ और पांडिचेरी में बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही हैएजिससे देशभर के बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है। विद्युत कर्मचारियों ने किसान आंदोलन को नैतिक समर्थन दिया और कहा किसानों की मांग में प्रमुख रूप से इलेक्ट्रिक सिटी अमेंडमेंट बिल 2020 की वापसी प्रमुख है। सभा को संबोधित करते हुए इंजी0 सत्य प्रकाश यादव ने कहा सरकार फायदे वाले सरकारी उपक्रम उपक्रम के निजी करण की तैयारी कर रही है। जिसके लिए सरकार पहले उस विभाग को बदनाम करती है,फिर उसका निजी करण कर देती है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण भारत संचार निगम लिमिटेड है, सरकार ने पहले उस विभाग को बदनाम किया, उसके बाद उसको बेचने की तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा अगर सरकारी उपक्रम घाटे में है तो पूंजीपति उसको खरीद क्यूँ रहे हैं अगर उस विभाग से सरकार को फायदा है तो सरकार उसका निजीकरण क्यूँ कर रही है। इंजी0 राजू पासवान ने अपने संबोधन में कहा जिस तरह सरकार सरकारी उपक्रम को बेच रही है। वह देश की जनता को गुलामी की तरफ ले जा रही है। जिसका बिजली कर्मी खुला विरोध करेंगे।उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा अगर सरकार अपनी गलत नीति वापस नहीं लेगी, तो बिजली कर्मचारी पूरे देश की बिजली व्यवस्था चौपट कर देंगे जिसकी जिम्मेदारी भाजपा सरकार की होगी।विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति ने मांग की सरकार इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट वापस ले और निजी करण की सारी प्रक्रिया निरस्त करें। ग्रेटर नोएडा का निजीकरण व आगरा फ्रेंचाइजी का करार समाप्त करे,साथ ही विद्युत उत्पादन और वितरण निगमों को एकीकृत कर यूपी एसईबी लिमिटेड का गठन करे।इसी के साथ बिजली विभाग में रिक्त पदों को प्राथमिकता पर भरा जाये।सभा को प्रमुख रूप से भगवान मिश्रा,इंजी0 अश्विनी चतुर्वेदी, इंजी0 देवेंद्र अग्रवाल, बीके अवस्थी, रफीक अहमद, विष्णु पांडे,कपिल मुनि प्रकाश,मोहम्मद आरिफ बेग,इंजी0 विपिन गंगवार,इंजी0 सतीश चंद्र,विकास भटनागर,श्रीकांत रंगीला,जी एस श्रीवास्तव,पवन तांबे,गौरव दिक्षित,हसमत उल्ला खां,शिव कुमार गौतम,राकेश कुमार, शंभू सिंह आदि ने संबोधित किया और सभा का संचालन गौरव दीक्षित ने किया।