कानपुर, जन सामना। मलिन बस्ती विकास मंच का एक प्रतिनिधि मण्डल प्रदीप यादव के में नतृत्व मण्डलायुक्त कानपुर मण्डल से मिलकर दिये गये ज्ञापन में बताया गया है कि आराजी संख्या.874 जूही बारादेवी में स्थित है और एवार्ड संख्या 622 के तहत 1938 में अर्जित भूमि है व के0डी0ए0 को कब्जा प्राप्त है। इस बस्ती को जूही गढ़ा मलिन बस्ती के नाम से जाना जाता है। इसी भूमि पर के०डी०ए0 अधिकारियों और भूमाफियाओं के सांठ.गांठ के चलते 2005 में भवन बनाने के लिए नक्शा स्वीकृत कर दिया। जिसको बाद में विरोध दर्ज कराकर निरस्त कराया गया । जिस भूमि को भूमाफिया अपनी बता रहे हैं उक्त अर्जित भूमि पर भूमि संख्या 127.559 जूही पर के0डी0ए0 ने योजना बनाकर विकसित भी किया गया। अभियन्त्रण जोन.3 द्वारा 2019 में उक्त बस्ती का सर्वे भी कराया गया। इसके बाद भी भूमाफिया बाज नहीं आ रहे हैं। के0डी0ए0 व कुछ भाजपा नेताओं की मिलीभगत के कारण भूमाफिया के खिलाफ अभी तक मुकदमा नहीं दर्ज कराया गया। जबकि आधा दर्जन से अधिक बार कूटरचित दस्तावेजों व सबूतों के साथ की गयी शिकायतों का निस्तारण अभी तक नहीं किया जाना घोर अनियमितता है। मण्डलायुक्त से परीक्षण कराकर भूमाफियाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने व दोषी के0डी0ए0 अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही किये जाने की मांग की गयी।प्रतिनिधि मण्डल में प्रमुख रूप से नरेन्द्र शुक्ला, मनोज बाल्मीकि, गया प्रसाद वर्मा, हेमलता वर्मा, शाकिर अली उस्मानी, रानी कठेरिया, वारिस अली आदि प्रमुख थे