हाथरस। शहर से सटे गांव रघनियां रोड स्थित टायर फैक्ट्री में बीती रात अचानक लगी आग से समूचे ग्रामीण अंचल में भारी अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया। फैक्ट्री में कार्यरत कर्मचारियों में भय से हड़कम्प मच गया व फैक्ट्री से फरार हो गये। आग की उठती उग्र लपटों को देखकर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण खेतिहार किसान घटना स्थल पर आ गये। अधिकतर किसान अपनी फसलों को जल कर नष्ट न हो जाएं, इस चिन्ता से चिन्तित नजर आये। सूचना मिलने पर फायर बिग्रेड की टीम अपने लाव लश्कर के साथ पहुंच गई। आक्रोशित किसानों के आक्रोश को भांप कर भारी मात्रा में पुलिस फोर्स भी पहुंच गया व आक्रोशित किसानों को शांत करने में जुटा रहा। कई बार आक्रोशित ग्रामीण फैक्ट्री स्वामी को खोजते नजर आए। इस भयंकर आग को काबू पाने के लिए फायर बिग्रेड का अमला पूरी रात लगा रहा। सुबह होते-होते आग पर कुछ हद तक काबू पा लिया गया। उसके बाद क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली।
क्षेत्रीय ग्रामीणों के गम्भीर आरोप थे कि फैक्ट्री स्वामी द्वारा बरती जा रही लापरवाही के चलते अनेकों बार आग लगने की घटना घटित हो चुकी है, लोग अब तक हताहत हो चुके हैं, मगर कोई कठोर कार्यवाही नहीं हो सकी है। मिली जानकारी के अनुसार थाना हाथरस गेट क्षेत्र के गांव रघनियां मार्ग स्थित टायर फैक्ट्री के स्वामी दिन की शिफ्ट खत्म कराने के बाद देर सायं अपने घर चले गये, उसके बाद रात्रि को काम करने वाली लेबर अपने काम को अंजाम दे रही थी तभी अर्द्धरात्रि को अचानक फैक्ट्री में आग लग गई। जिसको पहले लेबर के लोगों ने स्वयं बुझाने का प्रयास किया, मगर आग बुझने की अपेक्षा और उग्र हो गई जिसको देखकर काम कर रहे मजदूर काम छोड़ कर फैक्ट्री से भाग गये। अन्दर से उठती आग की लपटों को देखकर आस-पास के ग्रामीण दर्जनों की संख्या में घटना स्थल की ओर दौड़ पड़े जिस पर जैसे बना वह आग पर काबू करने का प्रयास करने लगा। सूचना फायर बिग्रेड विभाग को दी गयी। वह मय गाड़ी के घटना स्थल पर पहुंच गई और आग पर काबू पाने का प्रयास किया। फैक्ट्री के अन्दर लगी वाटर लाइन को चालू कर दिया गया, घण्टों बीत गये लेकिन आग बुझने का नाम नहीं ले रही थी। टायरों में लगी आग इतनी भीषण थी कि लपटों के साथ काले धुंए के बादल समूचे क्षेत्र में छा गये। दर्जनों ग्रामीण आक्रोशित होेकर फैक्ट्री स्वामी को ढूंढते रहे वह मालिक को सवक सिखाना चाहते थे। उनको खतरा था कि यह आग और उग्र हो गई तो उनकी पकी खड़ी फसल जलकर भस्म हो जाएंगी और वह बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएंगे।
लोगों ने बताया कि फैक्ट्री के अन्दर तरल पदार्थ से भरे टैंकर में अगर आग लग गई तो इसमें होने वाले विस्फोट के बाद फैक्ट्री से सटे गांव सुक्का नगला, रुहेरी, श्रीनगर, रघनियां, नया नगला, गल्ल पुरा, रहना आदि क्षेत्र इसकी चपेट में आ जाएंगे और भारी नुकसान हो जाएगा। इस डर से ग्रामीण भय के साथ आक्रोशित भी थे। दर्जनों लोग घरों को छोड़ कर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए वह अन्जाने खतरे से भयभीत थे।
अनगिनत आक्रोशित ग्रामीणों के आरोप थे कि फैक्ट्री स्वामी हिटलर शाही रवैया अपना कर वर्षों से इस फैक्ट्री में अवैध रूप से टनों की संख्या की तादात में बने अधबने टायर के कबाड़ का अम्बार लगा रखा है। इस फैक्ट्री में यह आग लगने की घटना पहली बार नहीं हुई है। दर्जनों बार आग की घटना घटित हो चुकी है। पीड़ित परिवारों द्वारा कार्यवाही की मांग की गई हैं मगर वह फैक्ट्री स्वामी द्वारा पैसे के बल पर हर बार खत्म करा दी गई हैं। किसी को आज तक इंसाफ नहीं मिला है। अबकी बार हम इस फैक्ट्री के मालिकानों को सबक सिखा के रहेंगे। ग्रामीणों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा था। कई बार आक्रोशित किसान रात के अंधेरे में एक दूसरे से गलतफहमी के कारण टकराते हुए देखे गये। उनको यह समझ नहीं आ रहा था कि फैक्ट्री मालिकान कौन है अथवा किसान कौन है। जब एक दूसरे की पहचान होती तब मामला शान्त होता। पूरी रात फायर बिग्रेड कर्मी आग बुझाने की जुगत में लगे रहे। भीड़ के बढ़ते दवाब को देखकर थाना हाथरस गेट तथा थाना सासनी पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गई, वह किसानों को समझाती बुझाती रही और सुबह होते-होते आग पर काबू पा लिया गया। उसके बाद समूचे क्षेत्र में मची अफरा तफरी का माहौल रफ्ता रफ्ता शांत हुआ। इस फैक्ट्री में आग कैसे लगी, क्या कारण रहे, यह साफ तौर पर कोई बताने को तैयार नहीं था। किसी का अनुमान आग लगने का कारण शाॅर्ट सर्किट था, तो किसी का अनुमान था कि फैक्ट्री के अन्दर ज्वलनशील तरल पदार्थ को लापरवाही पूर्वक रखा गया था, जिसमें आग लगने के कारण आग बुझाने के पर्याप्त मात्रा में संसाधन नहीं थे, जिसके चलते आग बुझने की अपेक्षा और उग्र हो गई थी। आग लगने से फैक्ट्री में कितनी क्षति हुई है इसका आंकलन अभी नहीं किया जा सकता। आग जब पूर्णतः शान्त हो जाएगी तभी क्षति का आंकलन किया जा सकता है।