मौदहा, हमीरपुर। लम्बे समय तक देश के साथ ही कई प्रदेशों में राजनीति की धुरी रही और मजदूर, किसानों के साथ ही समानता के लिए पहचानी जाने वाली सीपीआई ने बुण्देली धरती से हुंकार भर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को चौंका दिया है और किसानों, मजदूरों के हितों की बात को लेकर आयोजित एक दिवसीए सेमीनार में सरकार की जमकर बखिया उधेड़ी। कस्बे के मोहल्ला पूर्वी तरौस बाकी तलैया के निकट भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला अध्यक्ष आरिफ चौधरी के नेतृत्व में किसानों, मजदूरों, छात्रों सहित आम नागरिकों की समस्याओं को लेकर एक दिवसीए गोष्ठी का आयोजन किया गया| जिसके मुख्य अतिथि पार्टी के प्रदेश सचिव डा.गिरीश और विशिष्ट अतिथि प्रदेश सहसचिव का.अरविंद राज स्वरूप रहे।तथा गोष्ठी से पहले प्रदेश सचिव ने पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया और किसानों, मजदूरों के साथ ही आम नागरिकों की समस्याओं को उठाया।पार्टी के विनय पाठक ने कहा कि आज के समय में मजदूर, किसान, छात्र के साथ ही महिलाएं सुरक्षित नहीं है और सरकार महिला सुरक्षा का दम भर रही है। जबकि वास्तविकता इससे उलट है समाज का हर तबका परेशान हैं बेरोजगारी और मंहगाई बेतहाशा बढ़ रही है जिसपर सरकार ध्यान नहीं दे रही है।वहीं प्रदेश सचिव ने कहा कि आज छात्रों की हालत खराब हो गई है जबकि किसानों और मजदूरों की दशा उससे भी खराब हो गई है।नौकरियों में छटनी हो रही है जबकि सरकार रोजगार देने की बात कह रही है।देश की जनता हाहाकार कर रही है ऐसे में एक आन्दोलन की आवश्यकता है।वहीं आयोजक आरिफ चौधरी ने बताया कि उनके कार्यालय का उद्घाटन किया गया है और एक दिवसीए सेमिनार के माध्यम से किसानों, मजदूरों, छात्रों की समस्याओं को उठाया गया है।हालकिं बुण्देलखण्ड में सीपीआई का न तो जनाधार बचा हुआ है और न ही वोटबैंक है।लेकिन विधिनसभा चुनावों के ठीक पहले हुए इस आयोजन ने दूसरे प्रमुख राजनीतिक दलों को समीक्षा करने के लिए मजबूर कर दिया है।अगर सीपीआई के चुनावी समर में कूदने का जिक्र किया जाए तो कम्युनिस्ट पार्टी के चुनाव मैदान में आने से सबसे अधिक नुकसान सपा और बसपा को होता दिखाई दे रहा है हालकिं अभी तक कम्युनिस्ट पार्टी के चुनावी मैदान में कूदने की ठोस जानकारी नहीं है लेकिन राजनीति में कभी भी सारे विकल्प समाप्त नहीं होते हैं और यदि सीपीआई चुनाव मैदान में उतरती है तो इसका सीधा लाभ बीजेपी को होता दिखाई दे रहा है।इस दौरान असलम चौधरी, आरिफ चौधरी, रामसिंह, बबलू,राजकुमार, रामबाबू, जमाल मंसूरी, तबीब जान सहित लगभग एक सैकड़ा महिला पुरुष मौजूद रहे।