क्षेत्र में जगह-जगह बिना पर्दे के सज रहीं मांस की दुकानें, आखिर कब होगी इन पर कार्रवाई
सड़क के किनारे बिना किसी चिकित्सीय जांच के बेंचा जा रहा मुर्गे-बकरे इत्यादि का मांस
रायबरेली, पवन कुमार गुप्ता। शहर के व्यस्ततम व्यवसायिक इलाकों के अलावा आवासीय इलाकों में सड़क के किनारे ही बरसों से गुमटियों में सज रही मुर्गा, बकरा इत्यादि के मांस की दुकानें। कोतवाली क्षेत्र ऊंचाहार के गली मोहल्ले और भीड़ भाड़ वाले बाजार बूचड़खाना बनते जा रहे है। क्षेत्र की सड़कों पर खुलेआम अवैध रूप से मांस की दुकानें संचालित हो रही है। एक दो को छोड़ दें तो नगर में किसी भी मांस विक्रेता के पास दुकान खोलने का लाइसेंस नहीं होगा। ऊंचाहार क्षेत्र के कई मुख्य मार्गों पर जैसे सलोन रोड के गंदा नाला का पुल, एनटीपीसी गेट नंबर 2 का मुख्य बाजार, बहेरवा चौराहा, बीकरगढ़ बाजार जिसमें से यह सभी रहवासी क्षेत्र भी है इन पर खुलेआम गुमटी में और सड़क के किनारे जमीन पर बैठकर मांस मछली बेची जाती है।
पशु वध से निकलने वाला अपशिष्ट पदार्थ भी दुकानदार सड़क के किनारे फेंक देते हैं या फिर सड़क के बगल से गुजरने वाली छोटी सी नहर अथवा तालाब में फेंक देते हैं। इससे आती दुर्गंध से स्थानीय लोगों का जीना दूभर हो रहा है। सब्जी और फल की बाजार की आड़ में मांस व्यापारी सड़क के किनारे कहीं भी अपनी दुकान सजा लेते हैं और पुलिस प्रशासन मार्ग से आते जाते हुए भी इन्हें अनदेखा कर देता है। इन मांस व्यापारियों के द्वारा आसपास के नदी नाले में फेंके गए अपशिष्ट पदार्थ के कारण इन नदी नालों की कर्मचारी सफाई भी नहीं करते हैं। ऊंचाहार क्षेत्र के सलोन रोड पर गंदा नाला, एनटीपीसी गेट नंबर 2, बहेरवा चौराहे की दुकानों पर सुबह-सुबह ही मीट मुर्गा बकरा इत्यादि काटना शुरू हो जाता है और सरेआम उसकी खाल उतारकर पूरा बकरा टांग देते हैं जो मानकों का उल्लंघन तो है ही आम लोगों को भी इससे परेशानी होती है।राहगीरों की मांग है (इनमें खासकर वह लोग शामिल हैं जोकि धार्मिक कार्यों से भी सड़क मार्ग से निकलते हैं और खुलेआम दुकानों पर कटे हुए पशुओं को देखकर मन दुखी हो जाता है) कि खुलेआम बिना पर्दे के सज रही मांस की दुकानों को पर्दे में रखा जाए।