कानपुर देहात। द मिलियन फार्मर्स स्कूल 5 वॉं संस्करण किसान पाठशाला के द्वितीय माड्रयूल में आज दिनांक 21.09.2021 को जनपद के 75 न्याय पंचायत के ग्रामों में द्वितीय दिवस पर किसान पाठशाला का आयोजन सायं 02ः30 से 05ः30 तक किया गया। आज के दिन कृषकों के बीच में द्वितीय दिवस में कृषि उत्पादक संगठन/कृषि उत्पादक कम्पनी के अन्तर्गत एफ0पी0ओ0 क्या है, गठन प्रक्रिया, संचालन एवं इससे होने वाले लाभ की जानकारी दी गयी। जैविक खेती/प्राकृतिक खेती/जीरो बजट खेती/यौगिक खेती/स्वतः जैविक खेती के विषय में कृषकों को विस्तार से जानकारी दी गयी। जैव उर्वरक राईजोबियम का दलहन में बीज उपचार, एजेटोवेक्टर, एजो इस्पाईरलेम एवं पी0एस0बी0 कल्चर से बीज उपचार एवं भूमि उपचार करने से 15 से 20 प्रतिशत लागत में कमी आती है एवं 20 प्रतिशत उपज में वृद्धि होती है। इस तरह खेती करने से लागत कम आती है। बीमारियां भी कम होती हैं। इसके अतिरिक्त बीजामृत एवं जीवामृत तथा पंचगव्य के प्रयोग करने से जैविक खेती आसानी से की जा सकती है।कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन सफाई, छटाई, श्रेणीकरण, प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग से कृषक अपनी उपज का अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। भूमि एवं जल संरक्षण के अन्तर्गत मल्चिंग का प्रयोग, हरी खाद का प्रयोग, मिश्रित खेती, ढाल के विपरीत दिशा में जुताई एवं मेडबन्दी तथा खेत को समतल करके उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है। ऊंचे स्थानों पर जहां पर पानी की पर्याप्त सुविधा न हो केवल एक या दो सिंचाई ही सम्भव हों, ऐसे क्षेत्रों में सरसों एवं तोरिया की बुवाई करके जिप्सम का प्रयोग करके कृषक भाई अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।न्याय पंचायत अटवा, ग्राम पंचायत पिलखनी विकासखण्ड अमरौधा में विधायक भोगनीपुर विनोद कटियार की अध्यक्षता में किसान पाठशाला का आयोजन किया गया, जिसमें विधायक विनोद कटियार ने किसानों को पराली प्रबन्धन के विषय पर जानकारी दी तथा कृषकों को बीज की मिनी किट भी वितरित की। जिला कृषि अधिकारी डॉ0 उमेश कुमार गुप्ता, जयवीर सिंह प्रा0सहा0, कृषि विभाग से अशोक कुमार विश्वकर्मा प्रा0सहा0 आदि उपस्थित रहे। जिला कृषि अधिकारी द्वारा एफ0पी0ओ0 के गठन एवं जैविक खेती, राई/तोरिया की विस्तृत खेती, जिप्सम प्रयोग, संतुलित उर्वरक प्रयोग, कूंड में बुवाई, विरलीकरण एवं टोपिंग, आदि क्रियाओं की जानकारी किसानों को दी गयी। किसान पाठशाला में 150 कृषकों ने प्रतिभाग किया। पाठशाला में प्रधानमंत्री फसल बीमा के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी गयी। साथ ही राजकीय कृषि बीज भण्डार पर तोरिया, राई/सरसों, मसूर, चना का बीज उपलब्ध करा दिया गया। गेंहूं का बीज शीघ्र गोदामों पर पहुंच जायेगा, जो कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध होगा। जबकि जिप्सम 75 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध है। इसके प्रयोग से तिलहनी फसलों में तेल की मात्रा में बढोत्तरी तथा मृदा के गुणों में सुधार होता है।