Monday, September 23, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » कमजोर वर्ग को विधिक सहायता देना ही प्रमुख उद्देश्य:न्यायाधीश

कमजोर वर्ग को विधिक सहायता देना ही प्रमुख उद्देश्य:न्यायाधीश

हाथरस। आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान विधिक सेवा दिवस के अवसर पर जे.पी. लॉ डिग्री कॉलेज में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया और लोगों को कानून के बारे में जानकारी दी गई।राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशन में जे.पी. डिग्री कॉलेज में मूट कोर्ट प्रतियोगिता एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन जनपद न्यायाधीश व अध्यक्ष  मृदुला कुमार के आदेशानुसार ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में अपर सिविल जज (व.प्र.) श्रीमती इन्द्रेश की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें अपर सिविल जज (क.प्र.) जीशान मंेहदी, जिला महिला कल्याण अधिकारी  मोनिका गौतम व रामाशंकर सारस्वत प्रबन्धक, किशोर कुमार शर्मा, वेदप्रकाश, अर्जुन सिंह, सुनील कुमार, सुखवीर सिंह, नरेश कुमार सारस्वत प्रवक्ता व शिवकुमार शर्मा एवं हरीश कुमार शर्मा वरिष्ठ अधिवक्ता आदि की उपस्थिति में  इन्द्रेश अपर सिविल जज (व.प्र.) द्वारा विधि छात्र-छात्राओं को अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आज राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस है, जो पूरे भारत वर्ष में मनाया जा रहा है। भारत में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम और मुकदमों के अधिकार के तहत विभिन्न प्रावधानों से लोगों को अवगत कराने के लिए हर साल 9 नवंबर को विधिक सेवा दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों के लोगों को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान करना एवं लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना भी है, जिनके वे हकदार हैं। भारत के कमजोर वर्गों और गरीब समूह को विधिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली ने देश में विधिक सेवा दिवस मनाने की शुरुआत की थी। विधिक सेवा प्राधिकरण का मुख्य कार्य जनता जनार्दन को विधिक जानकारियॉ उपलब्ध कराना, लोक अदालतों का आयोजन कराना है।
जीशान मेंहदी अपर सिविल जज (क.प्र.) ने अपने वक्तव्य में कहा कि इस दिन सर्वोच्च न्यायालय ने देशभर में कमजोर लोगों की मदद के लिए शुरूआत की थी। इसका उद्देश्य महिलाओं, दिव्यांग जन, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और मानव तस्करी के शिकार आदि लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करता है। इस दिन देश के कई स्थानों पर विशेष रूप से पिछड़े और आदिवासी क्षेत्रों में कई कानूनी साक्षरता शिविर और समारोह आयोजित किए जाते हैं। सरकारी और गैर सरकारी संगठनों के लोग विधिक सेवा दिवस से संबंधित कार्यों और शिविरों में भाग लेते हैं। इसके अलावा इस दिन विधिक अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विधिक सहायता एवं जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाता है।महिला कल्याण अधिकारी श्रीमती मोनिका गौतम ने अपने वक्तव्य में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, महिला हेल्पलाइन 1090, रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष, कन्या सुमंगला योजना, वन स्टॉप सेन्टर, पोक्सो एक्ट एवं घरेलू हिंसा के खिलाफ जागरूकता अभियान के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी।वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश कुमार शर्मा ने अपने वक्तव्य में विधि छात्रों को संविधान के सम्बन्ध में एवं नालसा द्वारा संचालित योजनाओं के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुये योजनाओं का लाभ उठाने का भी आग्रह किया।विधिक साक्षरता शिविर का संचालन किशोर कुमार शर्मा प्रवक्ता ने किया। उन्होंने छात्र एवं छात्राओं को बताया कि इस विधिक साक्षरता शिविर में प्राप्त जानकारी अपने सगे सम्बन्धियों को दें।