हाथरस । राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशन में दौलत राम बारहसैनी इण्टर कालेज, हाथरस जिला हाथरस में सरकार की योजनाओं का लाभ प्रदान करते हुये मेगा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन माननीय जनपद न्यायाधीश मृदुला कुमार के आदेशानुसार ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के तत्वाधान में अनुराग पंवार, विशेष न्यायाधीश (एस0सी0/एस0टी0 अधिनियम)/नोडल अधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिरकण, हाथरस की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस की सचिव चेतना सिंह, सिविल जज(व0प्र0)/एफ0टी0सी0प्रतिभा, जिला विद्यालय निरीक्षक रीतू गोयल, जिला महिला कल्याण अधिकारी मोनिका गौतम, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश कुमार शर्मा, मौहम्मद आजम, श्रम प्रवर्तन अधिकारी, हाथरस, विद्यालय के अध्यक्ष रामगोपाल, दाल वाले, स्वतन्त्र कुमार गुप्त, प्रबन्धक, डा0 रामनिवास दुबे, प्रधानाचार्य, डा0 एम0एल0 रावत, अध्यक्ष दिव्यांग स्कूल जलेसर रोड हाथरस आदि की उपस्थिति में किया गया। सर्वप्रथम अनुराग पंवार, विशेष न्यायाधीश, (एस0सी0/एस0टी0 अधिनियम)/नोडल अधिकारी द्वारा फीता काट कर व दीप प्रज्जवलित कर मेगा शिविर का शुभारम्भ किया गया। तदोपरान्त स्कूल की छात्राओं द्वारा सरस्वती वन्दना आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये तथा इसके उपरान्त अनुराग पंवार, विशेष न्यायाधीश (एस0सी0/एस0टी0 अधिनियम), सचिव चेतना सिंह, सिविल जज(व0प्र0)/एफ0टी0सी0 आदि द्वारा डा0 एम0एल0रावत के सहयोग से दिव्यांगजन को कान में सुनने वाली मशीन, छड़ी, उपकरण वितरित किये गये। इसके उपरान्त जिला प्रोबेशन कार्यालय की ओर से उपस्थित जिला महिला कल्याण अधिकारी मोनिका गौतम के सहयोग से मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना अन्तर्गत कोरोना काल में अपने माता-पिता को खो देने वाले बच्चों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये तथा श्रम कार्यालय की ओर से उपस्थित श्री मौहम्मद आजाम, श्रम प्रर्वतन अधिकारी के सहयोग से श्रमिक कार्ड एवं श्रमिकों के बच्चों की शादी हेतु दिये जाने वाले अनुदान के प्रमाण पत्र वितरित किये गये।
अनुराग पंवार, विशेष न्यायाधीश, (एस0सी0/एस0टी0 अधिनियम)/नोडल अधिकारी, हाथरस ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में छात्र/छात्राओं एवं उपस्थित जनता को जानकारी देते हुये बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गॉव-गॉव, शहर-शहर, गली-मौहल्लों एवं बस्तीयों में प्रत्येक व्यक्ति को विधिक सेवा प्राधिकरण के उद्देश्यों एवं शासन की योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करा रहा है। जिसका सभी को लाभ प्राप्त करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी बच्चों को पढ़ना एवं ऐसे कार्यक्रमों में प्राप्त जानकारियों को जन-जन तक पहॅुचाने का कार्य करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगें तथा जन-जन को इसका लाभ पहॅुचाने में सहयोग करेंगे।
चेतना सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने अपने वक्तव्य में उपस्थित छात्र/छात्राओं एवं जनता को जानकारी देते हुये बताया कि प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य जन-जन तक कानूनी जानकारी पहॅुचाना एवं पात्र व्यक्तियों को विधिक सहायता उपलब्ध कराना जिससे कोई भी व्यक्ति जानकारी के अभाव में दर-दर न भटके और योजनाओ का लाभ प्राप्त कर सके। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की समस्या हो तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस से सम्पर्क स्थापित कर सकता है। इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सदैव तत्पर्य है। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी बताया कि वैवाहिक विवादों के निस्तारण हेतु ‘‘प्रीलिटिगेशन विशेष लोक अदालत’’ का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है। जिसमें कोई भी पक्षकार अथवा नजदीकी रिश्तेदार एक प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के कार्यालय में दे सकता है, जिसमें दोनों पक्षों के मध्य समझा-बुझाकर समझौता कराया जायेगा, जो सिविल न्यायालय की डिक्री के समान बाध्यकारी होगा।
प्रतिभा, सिविल जज(व0प्र0)/एफ0टी0सी0 हाथरस ने अपने वक्तव्य में उपस्थित छात्र/छात्राओं एवं जनता को जानकारी देते हुये बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण गरीब जनता को सुविधायें प्रदान कराता है, जिसमें पात्र व्यक्तियों को निःशुल्क विधिक सलाह एवं विधिक सहायता प्रदान की जाती है, इसका लाभ उठाना चाहिए।
रीतू गोयल, जिला विद्यालय निरीक्षक, हाथरस ने अपने वक्तव्य में कहा कि आजादी अमृत महोत्सव के दौरान विद्यालयों के द्वारा छात्र/छात्राओं के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाओं व महिलाओं के अधिकारों एवं शासन की योजनाओं की जानकारी पहॅुचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। उन्होंने कहा कि शिविरों में प्राप्त महत्वपूर्ण जानकारियों को जन-जन तक पहॅुचाने में विद्यालय की भूमिका मुख्य रहेगी।मोनिका गौतम, जिला महिला कल्याण अधिकारी, हाथरस ने भी अपने वक्तव्य में कहा कि महिला सशक्तीकरण को बेहद आसान शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है कि इससे महिलाएं शक्तिशाली बनती है जिससे वह अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकती है और परिवार और समाज में अच्छे से रह सकती है। समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना महिला सशक्तीकरण है। विकास की मुख्यधारा में महिलाओं को लाने के लिये भारत सरकार के द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, वन स्टॉप सेन्टर, दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 1986, 2006, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं, महिला हेल्पलाइन 1090, रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मानकोष, कन्या सुमंगला योजना, वन स्टॉप सेन्टर, पोक्सो एक्ट एवं घूरेलू हिंसा के खिलाफ जागरूकता अभियान के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। डा0 एम0एल0 रावत, अध्यक्ष दिव्यांग स्कूल जलेसर रोड हाथरस ने अपने वक्तव्य में कहा कि दिव्यांगजन की पीड़ा मैंने स्वंय पैरालाइसिस होने पर देखी। मैंने देखा कि विकलांग को कितनी पीडा होती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति अपने लिए ही कार्य करता है। दूसरों के लिए नही, जो लोग दूसरे लोगो की सहायता करते है, परमात्मा उनकी सहायता करता है। स्वतन्त्र कुमार गुप्त, प्रबन्धक ने अपने वक्तव्य में सभी उपस्थित जन से प्राधिकरण के उद्देश्यों का लाभ उठाने की अपील की और कहा शिविर में प्राप्त जानकारियों को अपने सगे-सम्बन्धियों से साझा करें। डा0 रामनिवास दुबे द्वारा अपने वक्तव्य में सभी उपस्थित महानभावों का आभार व्यक्त किया गया और ऐसे कार्यक्रमों की सराहना की।हरीश कुमार शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का संचालन करते हुये उपस्थित छात्र/छात्राओं को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य प्राधिकरण द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया