Tuesday, April 30, 2024
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क्षेत्र में बिना प्रदूषण जांच मिल रहा पीयूसी सर्टिफिकेट

वाहनों को प्रदूषण मुक्त कराने में लापरवाही बरत रहा परिवहन विभाग

रायबरेली, पवन कुमार गुप्ता। सरकार ने वाहनाें के लिए प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट को अनिवार्य कर दिया है।जिसके फलस्वरूप वाहन चालकाें काे हर 6 महीने में सर्टिफिकेट बनवाना पड़ता है। सर्टिफिकेट बनाने के लिए परिवहन विभाग ने कई फर्माें काे ठेका दे रखा है।पहले ये सारा काम मैनुअल हाेता था,लेकिन इसमें फ्रॉड की शिकायताें के बाद परिवहन विभाग ने सारी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है।कमाई की लालच में निजी फर्माें के संचालकों ने इसका भी ताेड़ ढूंढ निकाला।बताते हैं कि कामर्शियल गाड़ी,कार और बाइक चलाने वालों को प्रदूषण जांच केंद्रों पर इस समय बड़ी आसानी से और सहूलियत के मुताबिक पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा है।जिससे वाहन चालकों को घर बैठे ही केवल संचालक के व्हाट्सएप पर नंबर प्लेट की फोटो भेजना होता है या फिर जांच केंद्र पर जाकर नंबर प्लेट की फोटो दिखा देने के बाद बड़ी आसानी से कुछ मिनटों में जारी कर दिया जाता है प्रदूषण मुक्त वाहन का सर्टिफिकेट।परिवहन विभाग के अधिकारियों की मेहरबानी से शहर में बढ़ रहे अधिक प्रदूषण वाले वाहन और परिवहन विभाग की ही शय पाकर जनपद के हर क्षेत्र में खुलते जा रहे हैं प्रदूषण जांच केंद्र।बता दें ऊंचाहार क्षेत्र के सवैया तिराहा के निकट खुले प्रदूषण जांच केंद्र पर बिना मशीनों द्वारा जांच किए ही जारी किया जा रहा है प्रदूषण प्रमाण पत्र।परिवहन विभाग की यह बड़ी लापरवाही से जनपद के कोतवाली क्षेत्र ऊंचाहार के सवैया तिराहे पर संचालित प्रदूषण जांच केंद्र से उजागर हो रही है।जांच केंद्रों पर puc सर्टिफिकेट के लिए बड़ी धनउगाही भी की जा रही है जारी किए गए सर्टिफिकेट पर मूल्य लिखा होता है लेकिन फिर भी उसके बाद कुछ रूपए अतिरिक्त शुल्क ले लिया जाता है।जारी किए जा रहे ऐसे प्रदूषण प्रमाण पत्र से केवल पुलिस के चालान से बचा जा सकता है बाकि शहर को प्रदूषण से मुक्त तो परिवहन विभाग के अधिकारी ही करा सकते हैं।इस अव्यवस्था पर संचालक द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई। फिलहाल संचालक ने यह बताया है कि जांच मशीन में कुछ गड़बड़ी होने के कारण उसको रिपेयरिंग के लिए परिवहन विभाग में जमा करवा दिया गया परंतु उस मशीन की जमा रसीद दिखाने में वह असमर्थ था।
रायबरेली परिवहन विभाग के अधिकारी आर.के.सरोज को इस मामले से कई बार अवगत कराया गया लेकिन वह यह कहते हुए टालते रहे कि कोई अपना कार्य कर रहा है तो उसे करने दीजिए।उसके बाद भी उन्होंने कहा कि त्योहार के बाद इस पर ध्यान देंगे।जबकि उन्होंने स्वयं बताया कि वाहनों में बिना जांच किए ही यदि प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी होता है तो यह वैध्य नहीं है फिर कार्यवाही करने से पीछे क्यों हट रहा है परिवहन विभाग।यहां तक कि आरटीओ आर.के. सरोज ने कहा कि जब उपरोक्त मामले की लिखित शिकायत करने पर ही इस पर ठोस कार्रवाई हो सकती है।