हाथरस। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सुदृढ़ करने एवं सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण व बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में केनारा बैंक की मुख्य शाखा पर बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए फोरम की जिला इकाई के संयोजक बी. एस. जैन ने कहा कि आजादी के बाद आर्थिक रूप से देश काफी पिछड़ा हुआ था। बुनियादी रूप से आर्थिक विकास समय की मांग थी। तत्कालीन बैंक निजी हाथों में थे और उनमें से कई बड़े औद्योगिक और व्यापारिक घरानों के स्वामित्व में थे। देश के विकास की प्रक्रिया में योगदान देने के लिए बैंक आगे नहीं आए। कृषि क्षेत्र, ग्रामीण और कुटीर उद्योग, लघु उद्योग और व्यवसाय, जो हमारी अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार थे और अर्थव्यवस्था के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र उपेक्षित रहे। बैंकों का राष्ट्रीयकरण और उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र के अंतर्गत लाना देश के विकास और प्रगति को गति देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण और निर्णायक हो गया था जिसके कारण सन 1955 में इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया को सार्वजनिक क्षेत्र के तहत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के रूप में परिवर्तित किया गया। उसके बाद सन् 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने 14 प्रमुख निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया और उसके बाद 1980 में 6 और बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ। राष्ट्रीयकरण के बाद बैंक आम जनता तक पहुंचने लगे, ग्रामीण क्षेत्रों और दूर-दराज के गांवों में बैंक शाखाएं खुलने लगीं, लोगों की कीमती बचत को जुटाया गया और बैंकिंग प्रणाली में लाया गया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि और विकास के वास्तविक संवाहक हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में न केवल किसानों, भूमिहीन मजदूरों और ग्रामीण जनता को साहूकारों के चंगुल से छुड़ाया अब मौजूदा सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों का निजीकरण करना चाहती है और उन्हें कमजोर कर रही है। इसीलिए पूरे देश में बैंक अधिकारी और कर्मचारी सरकार की निजीकरण नीति का विरोध कर रहे हैं और बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2021 का भी विरोध कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सुदृढं किया जाए ग्रामीण बैंक अधिकारी एसोसिएशन के महामंत्री जी.के. शर्मा, मुकेश कुमार, यूपी बैंक इंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष वीके शर्मा ने भी विचसर व्यक्त किये।प्रदर्शन को सफल बनाने में यतेश गर्ग, डीसी गुप्ता, अजय कुमार, सोनू कुमार, ओमप्रकाश, अशोक कुमार, उमाशंकर जैन, अशोक शर्मा, अमन कुमार, नन्नू मल, रवि राकेश, अनेक सिंह, देवेंद्र शर्मा, राजेंद्र सिंह, अरविंद जैन, सुरेश कुमार, पुष्पांकर जैन आदि ने सक्रिय भूमिका अदा की।