सासनी।क्षेत्र के किसान एवं पशुपालक अपने पशुओं के चारे की ब्लैक मार्केटिंग होने से परेशान हैं किसानों से 450 रुपये से 500 रुपये प्रति कुंतल की दर से खरीदा गया। भूसा 1000 से लेकर साढ़े बारहसौ रुपए कुंतल तक बेचा जा रहा है। भूसा की कालाबाजारी करने वाले अपनी चांदी काट रहे हैं और पशु पालक चारे के लिए भटक रहे हैं।
लेकिन किसानों की हितैशी सरकार अभी ऐसे चारा व्यापारियों पर अंकुश लगाने में अभी तक नाकाम रही है यही कारण है पशुपालकों के पशु भूख से बेचैन हैं और ये काला बाजारी करने वाले लोग काला धन कमाने में लगे हैं। क्षेत्रीय किसानों ने भूसा की कालाबाजारी को न रोके जाने पर आंदोलनात्मक कदम भी उठाने की चेतावनी दी है। सरकार को शासन एवं प्रशासन को निर्देशित करके किसानों के हो रहे इस शोषण से बचाना चाहिए वरना उनका आक्रोश कभी भी सड़क पर आ सकता है।