Saturday, May 11, 2024
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मेरी ख़्वाहिशों की लिस्ट में ‘तुम’

कहते है दाम्पत्य जीवन से गहरा कोई बंधन नहीं होता। प्रेम से शुरू होकर करुणा की यात्रा वाला सफर, पर जब प्रेम की अभिव्यक्ति को अपने हमसफर का सुंदर एहसास मिल जाता है तो दुनिया वाकई बहुत खूबसूरत हो जाती है। एक ऐसा हमदर्द जो आपके मौन और मनोभावों को पहचानने की क्षमता रखता हो तो मन-बसंत के नवीन प्रसून खिलने लग जाते है। तेरा मेरे जीवन में होना मेरे जीवन की बगियाँ को महका देता है। तेरा होना मुझे संजने-सँवरने और कुछ नया करने को प्रेरित करता है। तू ही तो मेरे जीवन में खुशियों की सुनहरी चाबी है। तेरे साथ ही तो मैं रूठना, मनाना, गुनगुनाना, इतराना, इठलाना जैसी भावनाओं को व्यक्त करना चाहती हूँ। तेरे होने से हृदय के एक कोने में सुखों की कल्पनाओं को सँजोये रखती हूँ। तुझसे संवाद करना मुझे मेरी दु:ख की वेदनाओं से दूर करता है। तुम ही तो मेरी जिंदगी का गुरूर हो। तुम्हारा होना ही तो मेरी जिंदगी का सबसे सुंदर नूर है। इस अजनबी दुनिया के भिन्न-भिन्न मुखोटें वाले लोगों के बीच तुम मेरा अडिग विश्वास हो। तुम्हारे साथ बिताए पल ही मेरी दिनचर्या का सुकून है। दिल की तरंगो को चलित बनाने वाला हृदयस्पर्शी सुखद एहसास तो केवल तुम ही हो। मेरा हौसला, उत्साह, सहानुभूति और कठिन राह पर मेरा अदृश्य साथ हो तुम। छल-प्रपंच से भरे निष्ठुर संसार में तुम ही तो मेरी निश्छल प्रेम की प्रतिमा हो। तुम सादगी का प्रतीक हो। इस दिखावटी दुनिया के बंधन में तुम ही विश्वास की डोर हो। जीवन की मनोहारी भोर हो। तुम्हारे साथ में मैं एक ऐसे मधुबन में विचरण करना चाहती हूँ जिनमें खिले फूलों को आजीवन सहेज कर रख सकूँ। तेरे साथ बीती यादों को महसूस करके तेरे और भी करीब आ जाती हूँ। तुम्हारा होना ही तो मुझे फूलों की छांव देता है। इस भागती-दौड़ती जिंदगी में मेरा ठहराव तो तुम ही हो।
ऐसे में यदि ख़्वाहिशों की लिस्ट जारी की जाए तो उसके प्रारम्भ और अंत में तुम्हारा ही नाम होगा। यादों की ऐसी डायरी जो तुमसे शुरू होकर आखरी में भी तुम्हारे नाम से शुशोभित होगी। पूरी दुनिया उस प्रेम में सिमट जाती है तब शब्दो की अभिव्यक्ति न्यून हो जाती है। पूरे शिद्दत वाली चाहत तो खुशनसीब लोगों को ही मिलती है और जब मिल जाती है तो अवसाद का अवसान हो जाता है। जीवन में उत्साह के नवीन गीतों का सृजन होने लगता है। सुना है प्यार वाला सप्ताह चल रहा है और इश्क वाली फरवरी भी बसंत ऋतु में झूम रही है, तो क्यों न दाम्पत्य जीवन की नीरसता को इस प्यार वाले सप्ताह में न्यून करने का सार्थक प्रयास करें और प्रेम से भरी यादों को सहेजने का प्रयास करें।
डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)