Thursday, November 28, 2024
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NTPC विजिलेंस विभाग के प्रमुख पर उच्च प्रबंधन ने की कार्रवाई

<ऊंचाहार परियोजना से नक्सल प्रभावित क्षेत्र में किया स्थानांतरण, दिए जांच के आदेश

रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता।आश्चर्य तो तब होता है जब वही अधिकारी भ्रष्टाचार का आरोपी बने जिस पर पूरे परियोजना को भ्रष्टाचार से नियंत्रित रखने की जिम्मेदारी हो। आखिर एनटीपीसी के जिस अधिकारी पर भ्रष्टाचार और अनैतिक कार्यों को रोकने की जिम्मेदारी थी, आज उसी की हरकतों ने एनटीपीसी की सामान्य व्यवस्था को चौपट कर दिया है। जिससे एनटीपीसी के उच्च प्रबंधन को अपने उस अधिकारी अतिरिक्त महाबंधक (सतर्कता) के विरुद्ध बड़ा निर्णय लेना पड़ा है। एनटीपीसी के दिल्ली मुख्यालय ने ऊंचाहार परियोजना में तैनात एजीएम सतर्कता को यहां से हटाकर छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में भेज दिया है। उनके विरुद्ध जांच के भी आदेश हुए हैं। एनटीपीसी की ऊंचाहार परियोजना में विगत करीब तीन सालों से तैनात अतिरिक्त महाप्रबंधक सतर्कता पंकज शेखर को ऊंचाहार से हटा दिया गया है। एनटीपीसी के दिल्ली मुख्यालय ने उनको छत्तीसगढ़ की संवेदनशील लारा परियोजना में भेजा है। ज्ञात हो कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण लारा परियोजना काफी संवेदनशील मानी जाती है और यहां पर किसी की तैनाती एक प्रकार से सजा ही है। एनटीपीसी ने यह कार्रवाई ऊंचाहार परियोजना से मिली कई रिपोर्टों के आधार पर की है। एनटीपीसी सूत्रों का कहना है कि पंकज शेखर की विभिन्न मामलों में भूमिका और उनके कार्य प्रणाली को लेकर कई शिकायतें हैं। जिन पर अब जांच होने जा रही है।एनटीपीसी के एजीएम सतर्कता रहे पंकज शेखर पर कई आरोप हैं । बताया जाता है कि वह ठेकेदारों से मिलकर अधिकारियों के विरुद्ध अपने पास ही शिकायत करवाते थे, फिर जांच के बहाने उस अधिकारी को परेशान करते थे। यही नहीं एनटीपीसी में अपने समतुल्य अन्य अधिकारियों को भी परेशान करते थे। जिसको लेकर उनकी और कई बड़े अधिकारियों के बीच तनातनी चल रही थी। कुछ अधिकारियों ने दिल्ली मुख्यालय में इस बाबत शिकायत भी की थी।

♦अस्पताल प्रकरण में भी रही भूमिका

एनटीपीसी के चिकित्सालय में सीएमओ के विरुद्ध सीबीआई जांच और उससे जुड़े विवादों में भी इस अधिकारी की बड़ी भूमिका मानी जाती है। एनटीपीसी अस्पताल में भ्रष्टाचार मामले में केंद्रीय सतर्कता विभाग और एनटीपीसी अपने स्तर से जांच कर रही थी। इसी बीच इस मामले में सीबीआई अचानक से सामने आ गई थी। उससे पहले सीबीआई के एक अधिकारी को पंकज शेखर ने एनटीपीसी में बुलाकर एक कार्यक्रम में भागीदार बनाया था। ऐसा समझा जाता है कि मामले में सीबीआई को शामिल करने में पंकज शेखर की ही भूमिका थी। इसके लिए उन्होंने एनटीपीसी अस्पताल में पूर्व में तैनात रहे एक चिकित्सक से सांठगांठ की थी। इसी का नतीजा रहा कि एनटीपीसी के पूर्व सीएमओ के विरुद्ध सीबीआई ने बिना किसी शिकायत के स्वतः ही प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें एनटीपीसी की बड़ी किरकिरी हुई थी। अब एनटीपीसी इन सब मामलों में जांच करने जा रही है। हाल ही एनटीपीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक का ऊंचाहार परियोजना में दौरा प्रस्तावित है। उससे पहले ही दिल्ली मुख्यालय ने बड़ी कार्रवाई करके बड़ा संदेश दिया है।

जिम्मेदार अभी भी साधे हैं चुप्पी:-

एजीएम सतर्कता रहे पंकज शेखर के विरुद्ध कार्रवाई के मामले में एनटीपीसी के जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए है। इस मामले में कोई कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। एनटीपीसी की अतिरिक्त महाप्रबंधक मानव संसाधन बंदना चतुर्वेदी ने बताया कि यह एक सामान्य प्रक्रिया के तहत हुआ है। ऐसे स्थानांतरण होते रहते हैं। उनके कहने का मतलब तो यही हुआ कि सतर्कता विभाग के अधिकारी पर लग रहे आरोपों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है लेकिन वास्तविकता यह भी है एनटीपीसी स्वयं से भी अपने अधिकारी के कार्यों की अभी भी जांच कर रही है।