Sunday, April 28, 2024
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524 वें उर्स के मौके पर अखिल भारतीय मुशायरे व कवि सम्मेलन का आयोजन

रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता।हज़रत सैयद महबूब आलम चिश्ती रह० के 524 वें उर्स के मौके पर सरपस्त हाजी मोहम्मद इलियास, जनरल सेक्रेटरी रईस अहमद खां आदि की उपस्थिति में उस्ताद शायर नाज़ प्रतापगढ़ी की अध्यक्षता एवं कन्वीनर व मंच संचालक मारूफ़ रायबरेलवी कुशल संचालन में दरगाह कैम्पस में एक भव्य अखिल भारतीय मुशायरे व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमे विश्व विख्यात शायरों और शायरात ने शिरकत की, जिस में कानपुर से आये जौहर कानपुरी , लखनऊ से चरन सिंह बशर, दिल्ली से इक़बाल अशहर , कानपुर से शबीना अदीब, दिल्ली से अना देहलवी,मालेगांव से अल्ताफ़ ज़िया ,अमरोहा से निकहत अमरोहवी,प्रयागराज से अफ़ज़ल इलाहाबादी , लखनऊ से अविनाश बाजपेई,कानपुर से आये अहमद दानिश के साथ रायबरेली के राम बाबू रस्तोगी ने अपनी स्तरीय शायरी से श्रोताओं का मन मोह लिया। महामारी के कारण लगभग तीन वर्ष के बाद शहर में हुए ऐसे भव्य मुशायरे व कवि सम्मेलन में श्रोताओं की काफ़ी बड़ी संख्या उपस्थित रही और मारूफ़ रायबरेलवी के करिश्माई संचालन और चुटीले जुमलों ने सुबह के साढ़े चार बजे तक उन्हें मंच से जोड़े रक्खा ..
मालेगांव से आये अल्ताफ़ ज़िया ने नात ए पाक से मुशायरे का आरंभ किया और उसके बाद मशहूर शायरा शबीना अदीब ने देशप्रेम में डूबा हुआ एक सुंदर गीत प्रस्तुत किया। जिस पर श्रोता झूम उठे। जौहर कानपुरी ने कहा कि ” दुआ कीजे कि हम में प्यार के रिश्ते रहें क़ायम , ये रिश्ते टूट जाएंगे तो भारत टूट जाएगा”
लखनऊ से आये चरन सिंह बशर ने कहा ,”ये दुनिया नफरतों की आख़री स्टेज पे है , इलाज इसका मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं है”
दिल्ली से आये इक़बाल अशहर ने कहा कि , “न जाने कितने चराग़ों को मिल गयी शोहरत, इक आफ़ताब के बे वक़्त डूब जाने से”
अना देहलवी ने कहा ,” ऐ अना कौन मिटा सकता है तहज़ीबे ग़ज़ल , जब तलक ज़िंदा हैं ग़ालिब के घराने वाले” अफ़ज़ल इलाहाबादी ने कहा ,”मेरी तामीर मुकम्मल नहीं होने पाती, कोई बुनियाद हिलाता है चला जाता है” मारूफ़ रायबरेलवी ने कहा ,” हक़ीक़त से हैँ कोसों दूर अफसानों को क्या देखें, हों जिनके हाथ नक़ली उनके दस्तानों को क्या देखें”
इसके अलावा भी आये सभी शायरों और शायरात ने श्रोताओं को आने गीतों ग़ज़लों से मंत्र मुग्ध कर दिया। लोगो का कहना था कि कई बरसों में भी रायबरेली में ऐसा कामयाब मुशायरा और कवि सम्मेलन नहीं हुआ जिसका श्रेय सभी मेहमान कवियों के साथ मंच संचालक को भी जाता है ।
इस कार्यक्रम में मुनव्वर सभासद मनीष गुप्ता,रूपेश आनंद ,दिनेश सिंह ,रमाकांत मिश्रा ,अवधेश बाजपेई, बबलू ,हाफ़िज़ हैदर , आसिफ मिर्ज़ा ,डॉ मनीष सिंह , आर पी यादव ,व , यूसुफ़ राना के साथ शहर की कई बड़ी हस्तियां भी उपस्थित रहीं।