Tuesday, May 7, 2024
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हाथरस की बेटी धारणा को आई.आई.टी. रुड़की से मिली पी.एच.डी. की उपाधि

हाथरस। प्रतिभाशाली बेटी कु. धारणा को आई.आई.टी. रुड़की के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित भव्य समारोह पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सुपरवाइजर प्रोफेसर वी. देवदास तथा परीक्षक के रूप में प्रोफेसर क्रिस्टोफर ए. स्कॉट (अमेरिका) की उपस्थिति में उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया। यह उपाधि उन्हें उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के सतत विकास के लिए जल, ऊर्जा और खाद्य गठजोड़ की योजना पर प्रदान की गई है। एक दशक पूर्व से बुंदेलखंड क्षेत्र में सूखा और भुखमरी के कारण हजारों की संख्या में जब किसान वहां से पलायन और आत्महत्या कर रहें हैं। तब इन आत्महत्याओं से द्रवित होकर धारणा ने इस क्षेत्र में जाकर उनके भोजन और पानी की समस्या का अध्ययन कर उसके निराकरण हेतु प्रयास का बीड़ा उठाया। इसी कारण उन्होंने इस क्षेत्र और विषय को चुना।
कुं. धारणा ने अपनी आरंभिक शिक्षा सेंट फ्रांसिस स्कूल और दिल्ली पब्लिक स्कूल से आरंभ की। इसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ से आर्किटेक्चर में डिग्री और फिर उसके बाद अहमदाबाद के सेप्ट विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ रूरल एंड अर्बन प्लैनिंग में मास्टर डिग्री के बाद उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में एचसीएल फाउंडेशन द्वारा चलाये जा रहे ग्राम विकास के एक प्रोजेक्ट लगभग 15 माह काम किया। जहां उन्होंने ग्रामीणों की पानी, खाद्य और एनर्जी की समस्या को नजदीक से देखा और इस विषय पर आईआईटी रुड़की में जनवरी 2018 में पीएचडी की शुरुआत की। अपनी शोध कार्यक्रम के दौरान उन्होंने देश के अनेक भागों के अलावा ब्रिटेन में भी जाकर अपने शोध और अध्ययन का कार्य किया। ब्रिटेन की इस यात्रा में उन्हें न्यूटन भाभा स्कॉलरशिप के अंतर्गत अध्ययन के लिए भेजा गया। अपने इस शोध कार्य के दौरान उन्हें कोरोना महामारी के समय शोध और अध्ययन के लिए विषम परिस्थिति का सामना करना पड़ा। मगर अंततः उन्होंने अपनी मेहनत, लगन और कठिन परिश्रम से डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया।
कु. धारणा शहर के प्रमुख शिक्षाविद स्व. ठाकुर हरदत्त सिंह एवं पूर्व सदस्य जिला पंचायत श्रीमती सुनीता कुमारी की पौत्री है तथा उनके पिता संजीव कुमार आर्यावर्त बैंक में अधिकारी तथा मां श्रीमती शची सिंह स्थानीय जिला महिला चिकित्सालय में फार्मासिस्ट के पद पर तैनात हैं।
कु. धारणा ने पीएचडी की इस उपाधि के लिए अपने परिवार और मित्रों के प्रोत्साहन तथा विश्वविद्यालय के सभी स्टाफ और शोध कार्य में साथ देने वाले सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया है।