Friday, May 3, 2024
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ग्राम प्रधान फर्जी तरीके से गांव में निकलवा रहा है मनरेगा के पैसे

⇒रोजगार सेवक ने खोली बंदरबांट की पोल
⇒कई बार शिकायत करने के बाद भी ग्राम प्रधान के ऊपर नहीं होती कोई भी कार्रवाई
उरई, जालौन। ग्राम पंचायत खेड़ा मु0 विकास खण्ड कुठौन्द के रोजगार सेवक नरेंद्र सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत में मनरेगा कार्य शासन के निर्देशों को पलीता लगाने का कार्य किया जा रहा है जिसकी शिकायत कई बार विकास खंड अधिकारी एवं जिले के अधिकारियों को एवं रजिस्ट्री के माध्यम से कर चुका है लेकिन अभी तक कोई भी जांच नहीं की गई।
रोजगार सेवक ने बताया ग्राम प्रधान दबंग होने के कारण कोई भी जांच नहीं की जाती है और आए दिन दबंगई के बल पर गांव में फर्जी तरीके से विकास कार्य कराए जा रहे हैं। वहीं शिकायतकर्ता ने बताया विकास खंड कार्यालय में कार्यरत सहायक विकास अधिकारी द्वारा फोन पर बुलाकर विकास खंड कार्यालय में जांच हेतु साक्ष्य मांगे जिसने प्रार्थी ने उसको दिखाया और दिखाने के बाद सहायक विकास अधिकारी ने शिकायतकर्ता को दबाव बनाते हुए कहा कि तुम अपनी शिकायत वापस ले लो नहीं तो तो मैं भी नौकरी से निकलवा दिया जाएगा।
आरोप है कि सहायक विकास अधिकारी ने शिकायतकर्ता को धमकी दी है कि तुम चाहे जहां भी शिकायत कर लो लेकिन कोई भी कार्यवाही नहीं करा पाओगे। शिकायतकर्ता ने सोमवार को जिलाधिकारी के यहां अपने परिवार के साथ जाकर जिलाधिकारी को अपनी पूरी बात बताई। इस मौके पर किसी उच्च अधिकारी को भेजकर सही जांच कराने का जिलाधिकारी ने शिकायतकर्ता को आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द प्रार्थना पत्र के आधार पर ग्राम प्रधान के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।रोजगार सेवक ने बताया अब तो मेरा भरण पोषण एवं कोई भी घर चलाने के लिए दूसरा कार्य नहीं है ग्राम प्रधान ने दुत्कार भगा दिया। बताया गांव में ग्राम प्रधान दबंग होने के कारण मनरेगा का कार्य ट्रैक्टर से करवाया जा रहा है जबकि शासन का निर्देश है कि जो भी मनरेगा का कार्य है वह मजदूरों से कराएं। जिससे कि लोगों कहीं भी बाहर मजदूरी करने के लिए नहीं जाना पड़े। आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान ने शिकायतकर्ता को कई बार धमकी दी है कि अगर आप अपनी शिकायत वापस नहीं लेंगे तो आपको कोई झूठे मुकदमे में फंसा देकर जेल भिजवा दिया जाएगा जिससे तुम्हारा और तुम्हारे परिवार को मरने की कगार पर करवा दिया जाएगा।
शिकायतकर्ता ने बताया गांव में जो भी मनरेगा योजना के तहत कार्य करवाए जा रहा है वह नाबालिक बच्चों के खाते में एवं बुजुर्गों के खाते में फर्जी तरीके से पैसे भेजे जा रहे हैं जो भी कभी गांव में कोई भी कार्य नहीं करते हैं फिर भी उन लोगों के खाते में फर्जी तरीके से पैसे भेजे जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने शिकायतकर्ता को आश्वासन दिया है कि निष्पक्ष जांच करा कर दोषियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी