संतकबीरनगरः अरशद चौधरी। दानवीर कर्ण को आज भी दुनिया का सबसे बड़ा दानी माना जाता है। कहते हैं स्नान के बाद कर्ण से जो भी भिक्षा में मांगा जाता था वो उसे दे देते थे। महाभारत के युद्ध को जीतने के लिए भगवान कृष्ण ने बड़ी चतुराई से कर्ण से उनका कवच और कुंडल दान में मांग लिया था। खैर यहां बात महाभारत के कर्ण की नहीं बल्कि कलयुग के कर्ण की है। हम आपको एक ऐसे दानवीर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने हजारों गरीबों की मदद कर दानवीर के रूप में देखे जा रहे है। संत कबीर नगर जनपद के रहने वाले पौली ब्लौक क्षेत्र के ग्राम पंचायत गागरगाढ निवासी वरिष्ठ व लोकप्रिय समाजसेवी उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष जय प्रकाश शर्मा पर सटीक बैठता है। जय प्रकाश शर्मा अपनी कार्यशैली से लाखों दिलों पर राज कर रहे है।
आपको बता दें कि जय प्रकाश शर्मा के दरवाजे पर अगर कोई पहुंचा है तो खाली हाथ कभी वापस नहीं जा सकता है उन्होंने हर रोज दर्जनों गरीबों की मदद करते नजर आते है शादी, विवाह, दवा, शिक्षा अर्थात जो भी जरूरी मदद के लिए जो भी दरवाजे पर पहुंच जाता है उसे हर हाल में सहयोग जरूर मिलता है। इसी का परिणाम है कि हर कोई वरिष्ठ समाजसेवी जयप्रकाश शर्मा को दानवीर के रूप में देख रहा है। वरिष्ठ समाजसेवी जय प्रकाश शर्मा ने बातचीत के दौरान कहा कि इस मुकाम तक पहुंचने में लाखों गरीबों नौजवानों का भरपूर सहयोग है। श्री शर्मा ने कहा कि निस्वार्थ सेवा भाव रखना ही जीवन में कामयाबी का मूल मंत्र है। निस्वार्थ भाव से की गई सेवा से किसी भी हृदय परिवर्तन किया जा सकता है हमें अपने आचरण में सदैव सेवा का भाव निहित रखना चाहिए जिससे अन्य लोग भी प्रेरित होते हुए कामयाबी के मार्ग पर अग्रसर हो सके। सेवा भाव ही मनुष्य की पहचान बनाती है और उसकी मेहनत रंग लाती है। सेवा भाव हमारे लिए आत्म संतोष का वाहक ही नहीं बल्कि संपर्क में आने वाले लोगों के बीच भी अच्छाई के संदेश को स्वागत करते हुए समाज को नई दिशा व दशा देने का काम करता है। जैसे गुलाब को उपदेश देने की जरूरत नहीं होती वह तो केवल अपनी खुशबू बिखेरते है उसकी खुशबू ही उसका संदेश है ठीक इसी तरह खूबसूरत लोग हमेशा दयावान नहीं होते लेकिन दयावान लोग हमेशा खूबसूरत होते हैं।