Friday, May 3, 2024
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दूसरे दिन भी जारी रहा कालीदह पार्क में किसानों का धरना

भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने दिया आंदोलन को समर्थन
कांग्रेस के अलावा कई सामाजिक संगठन भी आए साथ

मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। वृंदावन के कालीदह पर किसानों द्वारा जोती जा रही खादर की जमीन को प्रशासन द्वारा कब्जे में लिए जाने का मुद्दा लगातार तूल पकड़ रहा है। रविवार को भाकियू टिकैत ने आंदोलन स्थल पर पहुंच कर अपने समर्थन की बात कही। कांग्रेस के कई नेता भी धरना स्थल पर पहुंचे। सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग भी आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। पांच जनवरी को कालीदह चौक पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने नौ नामजद सहित करीब सवा सैकड़ों लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया था। इसके बाद यह मुद्दा राजनीतिक रंग लेने लगा। शनिवार को कालीदह पार्क में शुरू हुआ धरना दूसरे दिन रविवार को भी जारी रहा। दूसरे दिन भारतीय किसान यूनियन सहित कई दूसरे कई सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता भी इस आंदोलन से जुड़ गए। कांग्रेस नेता कुंवर सिंह निषाद इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के आगरा मंडल उपाध्यक्ष गजेंद्र सिंह गावर, निवर्तमान महानगर अध्यक्ष पवन चतुर्वेदी, महानगर के वरिष्ठ सलाहकार लोकेश कुमार राही, महानगर महासचिव सुनील चौधरी आदि लोग रविवार को धरना स्थल पर पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने आंदोलन को अपना समर्थन देने की घोषणा की। सत्याग्रह को संबोधित करते हुए किसान नेता कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि वृंदावन के किसानों पर लाठीचार्ज करके भूमि कब्जाने वाले प्रशासन को तत्काल मुकदमे वापस लेने होंगे और जमीन वापस करनी होगी, अन्यथा यह सत्याग्रह अनवरत जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने इस पूरे प्रकरण का संज्ञान लिया है। इस मामले के साक्ष्य उन्होंने मांगे है और साक्ष्य उपलब्ध करा दिए गए हैं। साथ ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने भी इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। भारतीय किसान यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष गजेंद्र सिंह गावर, निवर्तमान महानगर अध्यक्ष पवन चतुर्वेदी, वरिष्ठ महानगर सलाहकार लोकेश कुमार राही, महानगर महासचिव सुनील चौधरी ने संयुक्त रूप से कहा कि जमीन हमारी मां है और हम धरती मां को नहीं छोड़ेंगे। प्रदेश सरकार को किसानों के साथ न्याय करना होगा अन्यथा यह आंदोलन इतना बड़ा हो जाएगा जिसकी कल्पना सरकार ने नहीं की होगी।