Friday, May 17, 2024
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गर्भवती व उसके देखभालकर्ता जरूर पढ़ें एमसीपी कार्ड

मथुरा। जनपद में खसरा और रुबेला (एमआर) से बचाव को छूटे हुए बच्चों के लिए विशेष टीकाकरण अभियान 24 फरवरी तक चलाया जा रहा है। लेकिन यदि एमसीपी कार्ड पर अभिभावक नजर रखें तो समय से ही बच्चे के सभी टीके लगाए जा सकते हैं। एमसीपी कार्ड (मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड) को गर्भावस्था के रजिस्ट्रेशन के दौरान दिया जाता है। एमसीपी कार्ड में गर्भावस्था के दौरान व प्रसव के बाद शिशु की संपूर्ण देखभाल को लेकर जानकारियां दी गई हैं। यदि एमसीपी कार्ड में लिखी सभी जानकारियों का अनुसरण किया जाए तो जच्चा-बच्चा को स्वस्थ रखने के लिए यह कार्ड वरदान साबित होता है यह कहना है ’मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय कुमार वर्मा’ का।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक गर्भवती व उसके परिवार को एमसीपी कार्ड पढ़ना चाहिए। उसी के हिसाब से गर्भवती व शिशु की देखभाल करनी चाहिए। इसमें गर्भवती की प्रसव पूर्व और प्रसव पश्चात देखभाल से लेकर शिशु की देखभाल से संबंधी सभी जानकारियां दी गईं हैं। ’जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डॉ. सत्यप्रकाश राठौर’ ने बताया कि एमसीपी कार्ड 40 पेज की एक पुस्तिका है। इसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से जारी किया गया है। इसमें गर्भावस्था के दौरान किए जाने वाली सभी जाँच के बारें में, चेक-अप से लेकर प्रसव तक में बरती जाने वाली सावधानियां, प्रसव के बाद बच्चे का उम्र के हिसाब से ध्यान रखने की जानकारियां, एवं शिशु के टीकाकरण की संपूर्ण जानकारी आदि होता है।
’जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता मुकेश गौतम’ ने बताया कि जब भी जांच व प्रसव के लिए गर्भवती जाएं, तो एमसीपी कार्ड को साथ को ले जाना न भूलें। एमसीपी कार्ड को अन्य दस्तावेजों की तरह सुरक्षित रखें। इसी कार्ड में बच्चे के टीकाकरण भी रिकॉर्ड होता है। उन्होंने बताया कि जनपद में कार्ड वितरण होने की संख्या कुल गर्भवती महिलाओं की संख्या पर निर्भर करता है। जनपद में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 78 हजार एमसीपी कार्ड वितरित किए गए हैं।