हर साल12 मई को हम वर्ल्ड नर्स डे मनाते है ममता का दूसरा नाम है नर्स क्यूँकि ‘स्पर्श, प्यार और परवाह दवाई का दूजा नाम जब पिलाए परिचारिका अपने हाथों से दवाई या काढ़ा मरीज़ के हर दर्द भागे छुड़ाकर तन से नाता ईश्वर ने स्त्री के भीतर ममता और संवेदना का स्त्रोत कूट.कूट कर भर दिया है। तभी तो परिवार हो या पेशन्ट सबके प्रति सौहार्द भाव से अपना कर्तव्य निभाते जादूई स्पर्श की परत लगाते दर्द से निजात दिलाने में एक नर्स का काम कर रही स्त्री माहिर होती है। इस महामारी में अपने स्वास्थ्य की और परिवार की परवाह न करते मरीज़ों की सेवा में दिन रात अपना योगदान दे रही हर परिचारिकाओं को सौ सलाम। कई जगह पर बिना वेतन के भी सरकारी अस्पताल में सेवाएं दे रही कुछ नर्स,कोरोना मरीज़ो का मुफ्त में इलाज कर निभा रहीं हैं।
Read More »हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी द्वारा आयोजित युवा साहित्य कला संवाद
कांगड़ा,हिमाचल प्रदेश। हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी द्वारा रविवार 9 मई को ऑनलाइन युवा साहित्य कला संवाद का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता अकादमी सचीव आदरणीय कर्म सिंह जी द्वारा की गई । कार्यक्रम का आयोजन संपादक हितेन्द्र शर्मा द्वारा किया गया । कार्यक्रम का संचालन रविता चौहान द्वारा सरस्वती मंत्रोच्चारण से बख़ूबी किया गया ।
युवा साहित्य कला संवाद में हिमाचल के कुछ जिलों में से युवा कवि कवित्रियों ने भाग लिया| जिसमें की रविता चौहान जिला सिरमौर, रेखा ठाकुर जिला शिमला, प्रियंका नेगी जिला किन्नौर, उत्तम सूर्यवंशी जिला चंबा, और राजीव डोगरा जिला कांगड़ा से मौजूद थे।रेखा ठाकुर ने जब समय क्षण भर थम गया,कोरोना संताप,युवा यह क्या हुआ जैसी रचनाएं सुनाई व दर्शकों को अपनी रचना के माध्यम से कोरोना से बचने का संदेश भी दिया ।जिला किन्नौर से प्रियंका नेगी ने इंसानों की बस्ती में इंसानियत बदलती नजर आई कविता सुनाई ।भाषा अध्यापक राजीव डोगरा द्वारा जिंदगी तेरा कोई पता नहीं, दिल लगाते रहेंगे, बचपन,संभाल ले खुदा, तेरा सहारा जैसी रचनाएं प्रस्तुत की। जिला चम्बा से उत्तम सूर्यवंशी ने जिन्दगी जरूरी है तू मेरे लिए, कोई जमीन हो गया कोई आसमान हो गया, मेरे देश का इंसान कहाँ खो गया आदि रचनाएं सुनाई व चंबा जाना जरूर है गीत प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया ।
नास्ति मातृ समो गुरु श्लोक का पाठ कर रविता चौहान ने मातृ दिवस के शुभ अवसर की सभी को बधाई देते हुए गलत रविता कहां किरदार से परदा उठा देना ग़जल मधुर कंठ में प्रस्तुत कर दर्शकों से वाह वाही लूटी।कार्यक्रम संपादक हितेंद्र शर्मा ने मंच संचालन में सहयोग दिया व अपनी रचनाएं व गीत भी प्रस्तुत किया । अकादमी सचीव डॉण्कर्म सिंह ने अध्यक्षता ख़ूब निभाई व युवाओं को प्रेरित किया कि वे अपनी संस्कृति का संरक्षण करें।उन्होंने कहा कि उनका प्रयास सदैव नवोदितों को जोड़ना उन्हें प्रोत्साहित करना होता है।अकादमी साहित्य के क्षेत्र में युवाओं का सदैव उचित मार्गदर्शन करेगी । उन्होंने कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी युवा कवि कवित्रियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी कार्यक्रम को दर्जनों दर्शक ऑनलाइन देख रहे थे। जिन्होंने संदेश के माध्यम से अकादमी अकादमी के कार्यों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की ।
‘करकसर दूसरा भाई’
वक्त की मार ने आज आम इंसान की हालत खस्ता कर दी है। जो खानदानी रईस है उन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ता, पर मध्यम वर्ग और गरीबों का जीना मुहाल हो गया, इस महामारी और लाॅक डाउन के चलते। हमारे बड़े बुज़ुर्गो की कुछ बातें आज याद करेंगे तो अहसास होगा की बुज़ुर्गो की कही एक बात में तथ्य था की करकसर दूसरा भाई है। आज की पीढ़ी करकसर को लोभ की उपमा देती है। पर लोभ और करकसर में बड़ा फ़र्क होता है। लोभ यानी जहाँ जरूरत हो वहाँ भी आप जेब ढ़ीली ना करें, पैसों को महेत्व देते ना पेट में अच्छा खाना डाल सकें ना बिमार होने पर ठीक से इलाज करवाएं। और करकसर यानी फ़िजूलाखर्च। हर दुकान में सेल चल रहा है तो जिस चीज़ की जरूरत न हो उसे भी उठा लाएं। या चद्दर छोटी हो फिर भी पैर फैलाए।
Read More »मेडिकल यूनिवर्सिटी की समस्याओं को दूर करना पहली प्राथमिकताः डॉ रमाकांत यादव ( कार्यवाहक कुलपति)
डॉ रमाकांत यादव ने संभाला सैफई मेडीकल यूनिवर्सिटी के कार्यवाहक कुलपति का कार्यभार
सैफई,इटावा। सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रति कुलपति यशभारती सम्मानित डॉ रमाकांत यादव ने आज सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कार्यवाहक कुलपति के रूम में कार्यभार ग्रहण किया। डॉ रमाकांत यादव सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में चिकित्सा अधीक्षक भी रह चुके हैं और संस्थान में शुरुआत से ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में 3 वर्ष पूर्व शासन द्वारा नियुक्ति कर भेजे गए कुलपति डॉ राजकुमार को कल सुबह शासन ने रविवार को उन्हें छुट्टी पर जाने का आदेश जारी कर दिया। जब कि कुलपति का रिटायरमेंट 31 मई को होना था अंदेशा जताया जा रहा था कि कोविड.19 के चलते कुलपति डॉ राजकुमार का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। लेकिन शासन ने कुलपति का कार्यकाल नहीं बढ़ाया। पिछले 15 दिनों से स्थानीय मीडिया भी कुलपति से खासी नाराज थी। सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी की अव्यवस्थाओं खबरें मीडिया में लगातार आने के कारण शासन ने खबरों को संज्ञान लिया और कुलपति को व्यवस्था सुधारने का निर्देश दिया। लेकिन कुलपति डॉ राजकुमार सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी की व्यवस्थाएं सुधारने में नाकाम रहे।
Read More »सिकन्दरा एसडीएम ने पकड़ा फर्जी गेंहू खरीद केन्द्र
बरामद हुआ एक ट्रक सहित 152 बोरी गेंहू व गेंहू तौल सम्बन्धी यंत्र
मंगलपुर थाने में मुकदमा भी हुआ दर्ज, जांच में फसे हाट केन्द्र प्रभारी
कानपुर देहात। ग्रामीणों के इस सूचना पर कि ग्राम कसोलर थाना मंगलपुर तहसील सिकन्दरा में गेंहू खरीद का कोई केन्द्र न होने के बावजूद निजीतौर पर कुछ लोग सरकार बोरी मार्का, इलेक्ट्रानिक कांटा आदि माध्यम से अवैध रूप से गेंहू का व्यापार व कालाबाजारी कर रहे है तथा एक ट्रक माल भेजने की तैयारी में है, इस सूचना पर उप जिलाधिकारी आरसी यादव ने थानाध्यक्ष मंगलपुर, तहसीलदार सिकन्दरा, विपणन निरीक्षक मोबिन अहमद को मौके पर भेजकर जांच करवाई और सूचना को सही पायी, ग्राम कसोलर में दिलीप उर्फ लालू, प्रदीप उर्फ पिन्टू पुत्रगण राजेन्द्र प्रसाद, महेन्द्र पुत्र वीरेन्द्र बहादुर व सर्वेश दीक्षित पुत्र श्याम प्रकाश व अवनीश कुमार उर्फ लल्लन दीक्षित पुत्र श्याम प्रकाश ने एक मकान के सहन में गंेहू से भरी हुई 152 बोरी (जूट की नई बोरी) जिसमें R F C K N P झींझक मार्का अंकित है मौके पर पायी गयी।
क्यों हो रही है रेमडेसिविर के लिए इतनी मारामारी? कोरोना की रामबाण दवा नहीं है रेमडेसिविर
कोरोना की दूसरी लहर भारत में इतना भयानक रूप धारण कर चुकी है कि पिछले दिनों दिल्ली हाईकोर्ट को कहने पर विवश होना पड़ा कि यह दूसरी लहर नहीं बल्कि सुनामी है और अगर हालात ऐसे ही चलते रहे तो अनुमान लगाए जा रहे हैं कि अगले कुछ महीनों के भीतर मौतों का कुल आंकड़ा कई लाखों में पहुंच सकता है। इन दिनों कोविड संक्रमण के प्रतिदिन साढ़े चार लाख से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं और हजारों लोगों की रोजाना मौत हो रही हैं। यही कारण है कि कोरोनावायरस के तेजी से बढ़ते मामलों की वजह से देशभर में अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन सिलेंडर तथा कोरोना के इलाज में बड़े स्तर पर इस्तेमाल हो रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन सहित कुछ दवाओं की मांग में इतनी जबरदस्त वृद्धि हो गई है कि स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ने लगी हैं
छुट्टी पर भेजे गए सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति,31 मई तक था कार्यकाल
सैफई,इटावा। सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ राजकुमार मेडिकल यूनिवर्सिटी की अव्यवस्थाओं को संभालने में नाकाम रहे इसलिए शासन ने उन्हें छुट्टी पर भेज दिया है उनका कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा था । आलोक कुमार प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन ने इस आशय का पत्र जारी किया है उन्होंने मेडिकल यूनिवर्सिटी में कार्यवाहक कुलपति के तैनाती के संबंध में आदेश जारी किए हैं पत्र में बताया गया है कि कुलपति का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है नए कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रचलित है और शीघ्र ही नए कुलपति की नियुक्ति सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के उपरांत की जाएगी|
Read More »मां का स्थान देश.दुनिया एवं भगवान से भी ऊपरः शास्त्री
ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकान्त शास्त्री ने मातृ दिवस के पावन पर्व पर अपनी मां सहित देश दुनिया की सभी माताओ को प्रणाम करते हुए कहाँ की, मां बच्चों की प्रथम पाठशाला एवं गुरु होती हैए मां ही एक ऐसी गुरु है। जो अपने बच्चों को पूरे मनोयोग से वात्सल्य और प्यार के साथ शिक्षा देती है। मां साहस, धैर्य, ममता, त्याग, तपस्या, सेवा, विश्वास के मिसाल की प्रतिमूर्ति होती है और इसलिए मां सदा.सदा पूज्य थी, पूज्य है और पूज्य रहेंगी। शास्त्री ने यह भी कहा कि मां ममता के आंचल की सर्वोत्तम छाया है। माँ का सम्मान दुनिया के सभी देवी देवताओं का सम्मान है। वर्तमान कोविड.19 महामारी में मां का विशेष ख्याल रखें। शास्त्री ने कहा मेरा ऐसा कोई दिन नहीं बितता जिस दिन मां को प्रणाम न करूं और मां को याद न करूं। वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि मां का दर्जा दुनिया में सबसे ऊपर है और शायद ही कभी कोई मां के ऋण को अदा कर पाएगाए बड़ी बहन एवं बड़ी भाभी भी मां के समान ही पूजी जाती हैं और अपना कर्तव्य बखूबी निभाती है। मां के प्यार से हम तो क्या भगवान भी नतमस्तक हो जाते हैं। मां ने ही भगवान कृष्ण एवं भगवान राम आदि महापुरुषों को जन्म दिया है। शास्त्री ने यह भी कहा कि आज का पावन पर्व देश दुनिया के सभी माताओं को बारंबार प्रणाम करने का दिवस है एवं समूचे देश दुनिया की मातृ शक्तियों को आदर करने और इसको यादाश्त रखने वाला दिवस है और इसी को ही मातृ दिवस कहां जाता है और माँ की कृपा देश दुनिया के सभी भाई बहनों के ऊपर बनी रहे।
आकाशीय बिजली की चपेट में आने से दो की मौत,महिला झुलसी
चकिया,चन्दौली। कोतवाली क्षेत्र में रविवार की सुबह में तेंदू के पत्ते की तुड़ाई करने जा रहे दो मजदूरों की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई तथा एक महिला मजदूर घायल हुई है। जिसका उपचार चल रहा है| चकिया कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक नागेन्द्र सिंह ने बताया कि रविवार की सुबह में मुबारक पुर के निवासी तुफानी उर्फ सदाफल( 35 ) तथा प्रभावती देवी ( 42) एवं परमिला ( 37 )अपने गांव से मजदूरी के लिए शिकारगंज क्षेत्र के जोगिया कला गांव की सीतापुर नई बस्ती की पहाड़ी पर तेंदू पत्ते की तुड़ाई करने जा रहे थे। उसी के दौरान रविवार की सुबह में अचानक बारिश तथा आकाशीय बिजली की चमक होने लगी बारिश से बचने के लिए तीनों एक पेड़ के नीचे बैठ गए उसी समय तीनों आकाशीय बिजली की चपेट में आ गये। जिससे तुफानी उर्फ सदाफल एवं प्रभावती देवी की मौके पर मौत हो गई। जबकि परमिला गंभीर रूप से घायल हो गई है।
शादीशुदा बेटे की विडंबना समझो
शायद इस विषय के बारे में कोई सोच भी नहीं रहा। हर विषय, हर किरदार पर लिखा गया है पर शादीशुदा बेटे कि हालत और मन: स्थिति को शब्दों में ढ़ालना आसान नहीं। ये एक ऐसा किरदार है जिस पर दोगुनी जिम्मेदारी होती है। बेटा खुद को माँ-बाप का कर्ज़दार समझता है क्यूँकि जन्म दिया है। और पत्नी का रखवाला क्यूँकि अग्नि को साक्षी मानकर ताउम्र साथ निभाने का वचन दिया है, तो हुआ न सैंडविच।
अक्सर हम कई घरों में सास बहू को लड़ते झगड़ते देखते है। दोषारोपण और तू तू मैं मैं से शुरू होते परिस्थिति अलग होने की कगार तक आ जाती है। जब बेटे की शादी होती है तो यहाँ पर एक माँ को कुछ बातों के लिए खुद को तैयार करना जरूरी होता है। पहले तो आपका औधा एक पायदान उपर उठता है, यानी कि माँ से आप सासु माँ बनने जा रही है।