कानपुरः स्वप्निल तिवारी। कोरोना (नोवेल कोविड-19) के संक्रमण के कारण जहां लगभग पूरे विश्व में हो हल्ला मचा हुआ है। इस वायरस के संक्रमण से बचने के लिये कई तरह की सावधानियाँ जैसे-बार बार साबुन से हांथ धोना, सेनेटाइजर का प्रयोग करना, माॅस्क का उपयोग करना, छीकते-खांसते समय मुंह ढकना आदि। इस बारे में डॉ0 राज गुप्ता ने बताया कि इक्कीस दिनों का लॉक डाउन कोरोना वायरस को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है और इसकासभी को अच्छी तरह से पालन करना चाहिए यह कहना है। उन्होंने बताया कि यह वायरस हवा से नहीं फैलता बल्कि एक-दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है इस लिए यह जरूरी है कि भीड़ इकट्ठा न हो एक मीटर की दूरी बना कर रहे और हाथों को हर दो घंटे में साफ करे बाजार कम से कम जाएं।
Read More »कोरोना कालः राशन वितरण प्रणाली में बायोमैट्रिक मशीन का प्रयोग क्यों ?
कानपुर नगर। कोरोना (नोवेल कोविड-19) के संक्रमण के कारण जहां लगभग पूरे विश्व में हो हल्ला मचा हुआ है। इस वायरस के संक्रमण से बचने के लिये कई तरह की सावधानियाँ जैसे-बार बार साबुन से हांथ धोना, सेनेटाइजर का प्रयोग करना, माॅस्क का उपयोग करना, छीकते-खांसते समय मुंह ढकना आदि। इसके साथ ही सरकारी विभागों में बायोमैट्रिक मशीनों से कर्मचारियों की हाजिरी लेना तक बन्द कर दिया गया है। लेकिन राशन वितरण की सरकारी दुकानों में अब भी वितरण प्रक्रिया बायोमैट्रिक मशीन के द्वारा जारी है। नाम ना छापने की शर्त पर कई दुकानदारों यानि कि कोटेदारों ने बताया कि अभीतक कोई नया आदेश नहीं प्राप्त हुआ है इस लिये राशन सामग्री का वितरण बायोमैट्रिक मशीन के द्वारा ही कर रहा हूं।
इस बावत जब एडीएम आपूर्ति से फोन पर सम्पर्क किया तो उन्होंने हैलो बोलकर काॅल को होल्डिंग मोड में कर लिया…. जब दुबारा फोन मिलाया तो उन्होंने फोन को रिसीब करना मुनासिब नहीं समझा।वहीं डीएसओ ने बताया कि उप्र के मुख्यमन्त्री जी का आदेश है कि बायोमैंट्रिक मशीन से वितरण करवाया जायेगा। कोटेदार इस दौरान सेनेटाइजर का प्रयोग करेंगे और राशन सामग्री का वितरण करेंगे क्योंकि कालाबाजारी रोकना भी जरूरी है।
पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को घरों में रहने का अनुरोध करें: मुख्य सचिव
लाॅकडाउन के दौरान किसी भी स्थान पर भीड़ एकत्रित न होने पाये तथा जन सामान्य को आवश्यक वस्तुयें उपलब्ध कराना जिला प्रशासन की प्रमुख जिम्मेदारी: मुख्य सचिव
जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य मजिस्ट्रेट/काउण्टर-पार्ट पुलिस अधिकारी प्रतिदिन संयुक्त पेट्रोलिंग कर आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करायें: राजेन्द्र कुमार तिवारी
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी लाॅकडाउन के दौरान किसी भी स्थान पर भीड़ एकत्रित न होने पाये तथा जन सामान्य को आवश्यक वस्तुयें उपलब्ध कराना जिला प्रशासन की प्रमुख जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य मजिस्ट्रेट/काउण्टर-पार्ट पुलिस अधिकारी प्रतिदिन संयुक्त पेट्रोलिंग कर आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करायें तथा पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को घरों में रहने का अनुरोध करें तथा उन्हें आवश्यक व्यवस्थाओं की डिलीवरी कराना सुनिश्चित कर शासन को अवगत करायें। उन्होंने कहा कि होम डिलीवरी की व्यवस्था अधिक से अधिक क्षेत्रों में हो, जिससे कि जन सामान्य को आवश्यक वस्तुओं हेतु निकलना न पड़ें तथा सब्जी मंडी, फल मंडी इत्यादि में भीड़क एकत्रित न होने पाये।
सरकार को वैश्विक महामारी से निपटने के लिए पंजीकृत पैरामेडिकल स्टॉफ को करना चाहिये नियुक्त
डीएम ने किया कन्ट्रोल रूम का निरीक्षण, शिकायत मिलने पर करे तत्वरित कार्यवाही
लाॅक डाउन के दौरान सभी जनपदवासी अपने-अपने घरों में रहे, घर से निकलें न बाहर: डीएम
जिला कन्ट्रोल रूम नं0-05111-271007 एवं 05111-271366 व व्हाट्सएप नम्बर 9044070030,7080815336 पर दर्ज करा सकते हैं शिकायत: जिलाधिकारी
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए जनपदवासियों से अपील की है कि लाॅक डाउन के दौरान अपने-अपने घरों में अपने परिवार के साथ रहे, कोई भी व्यक्ति अपने घर से बाहर कदापि न निकलें। जनपदवासियों को धैर्य बनाये रखने की जरूरत है, घबराने की आवश्यकता नहीं है। सभी आवश्यक वस्तुओं का वितरण कराया जायेगा।
पुलिस की सख्ती से जनता को कोरोना के कहर से बचने में मिलेगी राहत
कानपुर। सडकों पर बिना कारण उचित कारण निकलने वालो के किये 3024 चालान और वाहन किये 72 सीज। गलती का अहसास भी कराया मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ कें कड़े रुख कें वाद डी आई जी अनन्त देव कें निर्देशन में एस पी सिटी एस पी एल आई यू सी ओ एल आई यू सर्किल कें सी ओ थानो के इंस्पेक्टर चैकी इंचार्ज मय फोर्स के प्रशासन द्वारा आवश्यक सामान खरीदने की छूट के वाद कड़ाई से लोगों को घरों में जाने को कहा हम आपके लिये है सड़कों पर आप रहे अपने व अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिये घरों मे प्रशासन के लोग सख्ती कें साथ कडी धूप में टाटमिल चैराहा घंटा घर चैराहा नरोना चैराहा बड़ा चैराहा पर चेकिंग करते दिखे।
Read More »गरीबों और जरुरतमंद को किया खाद्य सामग्री का वितरण
कानपुर। समाजवादी पार्टी के तत्वावधान में महिला सभा प्रदेश सचिव उज्मा इकबाल सोलंकी की अध्यक्षता में जॉजमऊ स्थित गरीब बस्ती में जाकर खाद्य सामग्री का वितरण किया गया। जानकारी देते हुए सपा महिला सभा प्रदेश सचिव उज्मा इकबाल सोलंकी ने बताया कि देश जहां एक तरफ कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रहा है केंद्र सरकार ने 14 अप्रैल तक जनता के हित में लॉक डाउन के आदेश किए हैं। सरकार अपने स्तर पर प्रयास कर रही है ऐसी स्थिति में हम सभी को एक साथ खड़े होकर देश की सेवा कभी चाहिए इस प्रकार की स्थिति में राजनीति नहीं होनी चाहिए। गरीब बस्ती में जाकर जरुरतमंद को खाद्य सामग्री आटा, चावल, दाल, दूध, ब्रेड का वितरण किया गया। गरीबों को इसलिए खाद्य सामग्री का वितरण किया गया कि यह बेचारे रोज कमाकर अपने परिवार को खाना खिलाते हैं इसलिए गरीबों को खाद्य सामग्री का वितरण किया गया। और इसी प्रकार से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर रोज जरुरतमंद को खाद्य सामग्री का वितरण किया जाएगा।
Read More »कोरोना से लड़ाई में सभी देशवासी पीएम के साथ-राकेश रौशन
चन्दौली चहनियां। विश्व के कई देशों को अपनी चपेट में लेने के बाद नोबल कोरोना आज भारत में भी अपना पांव पसारना शुरू कर दिया है। कोरोना भारत में अपना विस्तार न कर पाए इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिन रात एक किये हुए हैं। कोरोना से पीएम की लड़ाई में पूरा भारत पीएम के साथ है। यह कहना है उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा तीन बार सम्मानित और जिले के दिव्यांग स्वीप आईकॉन राकेश यादव रौशन के।
श्री रौशन ने आगे कहा कि यह दुनिया की पहली ऐसी लड़ाई है, जिसे हम युद्ध के मैदान में जाकर नहीं, बल्कि घर में रहकर जीत पाएंगे। अपने सामाजिक रिश्तों को कुछ दिनों के लिए भूलकर अपने परिवार में रहें, उन्हें समय दें। किसी से मिलने जुलने, शादी, विवाह, उत्सव या ऐसे कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम, जिसमें 50 लोगों से अधिक इकठ्ठा हों, उसमें शामिल होने से बचें। सोशल डिस्टेंसिंग बनाएं, हाथ कत्तई न मिलाएं, मुंह पर मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से करें और हाथ सेनेटाइज करते रहें। अपरिचितों से बातचीत करने से बचें और ऐसा करना यदि बेहद जरूरी हो तो बातचीत के दौरान कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखें। घर के बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं का विशेष ख्याल रखें, बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति से न हाथ मिलाएं न नजदीक जाकर बात करें, भले ही वह परिवार का सदस्य ही क्यों न हो। साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखें और बाहर से आई वस्तुओं के सेवन से परहेज करें। एकांत में रहें, टीवी देखें, पुस्तकें पढ़े और कुछ दिन के लिए घर में ही रहें। प्रशासन के दिशा निर्देशों का पालन करें। यह ध्यान रखें कि प्रशासन का हर नियम कानून इस महामारी में आपके जीवन की रक्षा के लिए लागू किया जा रहा है। पुलिसवालों से बहानेबाजी कर घर से अनावश्यक निकलना आपके जीवन को खतरे में डाल सकता है। चन्दौली जनपद में धारा 144 लागू है और पूरे देश को 15 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है।
डाकघरों में स्पीड पोस्ट बुकिंग व बचत सेवाओं के लिए खुले रहेंगे काउंटर, आधार व इंटरनेशनल मेल बुकिंग का कार्य हुआ स्थगित
⇒वित्तीय वर्ष के समापन में टैक्स सेविंग योजनाओं में निवेश के लिए डाकघरों ने उपलब्ध कराई सुविधा
लखनऊ। कोरोना वायरस से उत्पन्न हुई आपात स्थिति एवं लॉकडाउन के बीच भी राजधानी लखनऊ में आवश्यक सेवा के रूप में डाकघर कार्यरत हैं। भारत सरकार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार ने भी आवश्यक एवं आपातकालीन सेवाओं में डाक सेवाओं को रखा है। इसी क्रम में हजरतगंज स्थित चीफ पोस्टमास्टर जनरल कार्यालय के साथ-साथ पोस्टमास्टर जनरल, लखनऊ परिक्षेत्र, महाप्रबंधक (वित्त), प्रवर डाकघर अधीक्षक, चीफ पोस्टमास्टर जीपीओ कार्यालय भी आवश्यक स्टाफ के साथ खुले रहे। लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि राजधानी में जीपीओ और चैक प्रधान डाकघर सहित 16 बड़े डाकघर लोगों की सुविधा के लिए कार्य कर रहे हैं। इन डाकघरों में लोगों की सुरक्षा के लिए न्यूनतम स्टाफ को ही बुलाया जा रहा है, और मास्क व हैण्ड सेनिटाइजर की भी व्यवस्था की गई है।
सबकी सुख समृद्धि के लिए होता है नवसंवत्सर
जो सभ्यता अपने इतिहास पर गर्व करती है, अपनी संस्कृति को सहेज कर रखती है और अपनी परंपराओं का श्रद्धा से पालन करके पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाती है वो गुजरते वक्त के साथ बिखरती नहीं बल्कि और ज्यादा निखरती जाती है।
जब चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा के सूर्योदय के साथ सम्पूर्ण भारत के घर घर में लोग अपने इष्टदेवी देवता का अपनी अपनी परंपरा अनुसार पूजन करके नवसंवत्सर का स्वागत कर रहे होते हैं, तो विश्व इस सनातन संस्कृति की ओर कौतूहल से देख रहा होता है। क्योंकि कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से पूर्वोत्तर तक लोग इस दिन को उगादि, नवरेह, नवरात्र, गुढ़ी पड़वा, जैसे त्योहारों के रूप में मना रहे होते हैं, पावन नदियों की पूजा कर रहे होते हैं, मंदिरों में मंत्रोच्चार के साथ शंखनाद और घंटनाद चल रहा होता है, तो यह पूजन अपने लिए नहीं होता। क्योंकि अपने लिए जब मनुष्य पूजा करता है तो अकेले कर लेता है कभी भी कर लेता है कहीं भी कर लेता है, कैसे भी कर लेता है। कभी करता है, कभी नहीं भी करता। लेकिन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पहली तिथि को वो केवल जीवन जीता ही नहीं है, वो इस दिन को मनाता भी है। इस दिन वो कृतज्ञता प्रकट करता है उस प्रकृति के प्रति जिसने उसके खेतों को फसलों से भर दिया वो आभार व्यक्त करता है उन फसलों का जो उसकी खुशहाली का प्रतीक हैं वो शुक्रिया अदा करता है उस सृष्टि का जिसने उसे इतना कुछ दिया, और वो नतमस्तक होता है उस परम पिता परमेश्वर के आगे जो इस सृष्टि का पालनहार है। और इसलिए यह पूजन उसके खुद के लिए न होकर सम्पूर्ण सृष्टि के लिए होता है, प्रकृति के लिए होता है, मानव समाज के लिए होता है, पशुओं के लिए होता, पक्षियों के लिए होता है, फल देने वाले पेड़ों के लिए होता है, फसलों पौधों के लिए होता, सबकी सुख समृद्धि के लिए होता है। और चूंकि अच्छी फसल पर केवल वो किसान ही नहीं निर्भर होता जिसने खेतों में साल भर मेहनत की होती है बल्कि हम सभी निर्भर होते हैं। इस लिए यह दिन एक त्यौहार बन जाता है जिसमें मनुष्य बीते हुए साल के लिए कृतज्ञता प्रकट करता है तो आने वाले साल के लिए आशीर्वाद की मंगलकामना करता है। सालों से चलने वाली यह परंपरा हर भारतीय घर की संस्कृति का हिस्सा है। शायद इसलिए पूरी दुनिया के साथ मौज मस्ती करते हुए झूमते नाचते हुए हम भारतीय भी भले ही पहली जनवरी को न्यू ईयर पार्टी में जाते हों, लेकिन नववर्ष तो अपने इष्टदेव के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ ही मानते हैं। तारीखें देखने के लिए भले ही अंग्रेजी कैलेंडर लाते हों लेकिन तिथियाँ तो पंचांग में ही देखते हैं। जन्म से लेकर मृत्यु ,गृह प्रवेश से लेकर भूमिपूजन, मुंडन से लेकर विवाह तक शुभ मुहूर्त तो विक्रम संवत से ही निकालतें हैं।