रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता।जहां सरकार पर्यावरण संरक्षण के नाम पर करोड़ो रुपए खर्च कर रही है वहीं राजमार्ग पर बन रहे निर्माणाधीन टोल प्लाजा के नजदीक सड़क चौड़ीकरण के दौरान सैकड़ों की तादाद में पेड़ काटे जा रहे हैं।प्रदेश सरकार ने पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए तरह तरह के प्रतिबंध लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ती है यहां तक की डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है खासकर 10 साल पुराने वाहनों पर लेकिन प्रशासनिक अमला खुद ही पर्यावरण संरक्षण के लिए सजग नजर नहीं हो रही है।विकास और सड़क को चौड़ा करने के नाम पर सैकड़ों पेड़ों की कटौती की जा रही है।अब काटे गए पेड़ों के बदले नए पौधे भी लगाए जायेंगे या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा।
Read More »ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा का उत्पादन : कमलेश सोनी परियोजना प्रमुख
ऊंचाहार/रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। भारत सरकार के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के निर्देशानुसार एनटीपीसी ऊंचाहार में ऊर्जा संरक्षण सप्ताह का आयोजन किया गया।जिसके तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।सबसे पहले ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए सभी कर्मचारियों को शपथ दिलाई गई तथा जागरूकता फैलाने के लिए प्रभात फेरी तथा मैराथन का आयोजन किया गया।जिसका नेतृत्व मुख्य महाप्रबंधक कमलेश सोनी तथा प्रियदर्शिनी महिला क्लब की अध्यक्ष अनु सोनी ने किया।इस मैराथन में मानव संसाधन विभाग की प्रमुख वंदना चतुर्वेदी सहित परियोजना के सभी विभागाध्यक्ष, बड़ी संख्या में महिलाओं तथा बच्चों ने भाग लिया। ऊर्जा संरक्षण विषय पर विभिन्न तरह की प्रतियोगिताएं जैसे निबंध लेखन, नारा लेखन, पेंटिंग, भाषण, क्विज तथा नवसर्जन पर आधारित विचार व सुझाव आदि सम्पन्न कराई गईं।
Read More »कानपुर.झांसी हाईवे पर सड़क हादसा, दो की मौत
कानपुर। सचेंडी थाना क्षेत्र में कानपुर झांसी. हाईवे पर भीषण सड़क हादसा हुआ। हादसे में जनपद जालौन के रामपुरा निवासी कामता सिंह पुत्र विजय सिंह और रिंकू सिंह पुत्र सुघर सिंह की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में एक बाइक सवार भी घायल हुआ है। घटना की जानकारी मिलते ही सचेंडीथाने की पुलिस मौके पर पहुंची। परिजनों को हादसे की जानकारी देकर पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
Read More »सामाजिक एवं राजनैतिक जीवन के कटु यथार्थ को व्यंजित करते ‘दीमक लगे गुलाब’
प्रियंका ‘सौरभ’ का ग्लोबल ज़माने की लोकल कविताओं का संग्रह; अमेज़न, फ्लिपकार्ट और अन्य ऑनलाइन मंचों पर उपलब्ध है
‘दीमक लगे गुलाब’ युवा कवयित्री प्रियंका ‘सौरभ’ का ‘निर्भयाएं’ के बाद दूसरा संग्रह है, साहित्य सृजन के क्षेत्र में वे लंबे समय से सक्रिय है। साहित्य और समसामयिक लेखन में प्रियंका ‘सौरभ’ आधुनिक तकनीकी युग की कवयित्री हैं लेकिन उनकी संवेदना की जड़ें परंपरा में गहरी जुडी हुई हैं। यह भी कहा जा सकता है कि प्रियंका ‘सौरभ’ की कविताएँ ‘ग्लोबल’ जमाने में संवेदना के क्षरण के प्रतिवाद के रूप में ‘लोकल’ को प्रस्तुत करने वाली कविताएँ हैं।
स्काउटिंग राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना पैदा करता है
जोधपुर। खोखरिया गांव के बनाड़ रोड स्थित पिलार बालाजी मंदिर ग्राउंड में बीएसटीसी छात्र छात्राओं के लिए सात दिवसीय कैंप का आयोजन हिंदुस्तान स्काउट्स एंड गाइड्स जोधपुर द्वारा किया जा रहा है जिसमें जोधपुर संभाग के विभिन्न संस्थाओं के विद्यार्थी सहभागिता कर रहे हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रार्थना के साथ किया गया और इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में स्थानीय पार्षद आईदान सिंह सारण तथा स्काउटिंग के स्टेट कमिश्नर एवं जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के आदिवासी अध्ययन केंद्र के निदेशक डॉ. जनक सिंह मीना द्वारा ध्वजारोहण किया गया।
Read More »आजादी कितने प्रतिशत?
जहां आज महिलाएं इस डिजिटल युग में नित नई ऊंचाइयों को छू रही हैं और सबसे बड़ी बात कि गरीब तबकों से आई हुई महिलाएं, लड़कियां भी अपने सपनों को पंख लगा कर उड़ रही हैं ऐसे में महिलाओं की यह सोच एक सवाल खड़ा करती है कि आज भी पति द्वारा पीटा जाना जायज है। नेशनल फैमिली हेल्थ द्वारा एक सर्वे के दौरान यह खुलासा हुआ है और आंकड़ों पर गौर किया जाये तो घरेलू हिंसा को सही ठहराने वाली महिलाओं का प्रतिशत अधिक है. उनमें- आंध्र प्रदेश 83.6℅, कर्नाटक 76.9℅, मणिपुर 65.9℅ और केरल 52.4℅ शामिल हैं। जबकि हिमाचल प्रदेश, नागालैंड और त्रिपुरा में घरेलू हिंसा को लेकर स्वीकृति सबसे कम देखी गई। केवल 14.2℅, 21.3℅ ही सहमति व्यक्त की।
Read More »विवाह की अनमोल भेंट
प्रायः देखा गया है कि अभी भी समाज का कुछ वर्ग दहेज के मायाजाल में उलझा हुआ है। विवाह का मूल उद्देश्य तो खुशहाल जिंदगी में निहित है, जो किसी भी धनराशि पर निर्भर नहीं है, परंतु विवाह की नींव इसी धनराशि को तय करने के बाद रखी जाती है। शंकर के माता-पिता दहेज को लेकर बहुत सारे सपने बुन रखे थे। जब उन्होने शंकर के सामने दहेज की बात रखी तो उसने अपनी उदार सोच उनके सामने रखी। उसने कहा कि मेरी जीवनसाथी की तुलना आप धनराशि से करना चाहते हो। मेरी होने वाली पत्नी भी तो किसी माँ की जिंदगी होगी।
Read More »मंडलायुक्त ने कलेक्ट्रेट के विभिन्न पटलो का किया निरीक्षण, दिए निर्देश
कानपुर देहात। मंडलायुक्त डॉ0 राजशेखर ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत कलेक्ट्रेट के विभिन्न विभागों का निरीक्षण किया। निरीक्षण से पूर्व मंडलायुक्त ने सर्वप्रथम कलेक्ट्रेट परिसर पहुंच गार्ड ऑफ ऑनर लिया, तत्पश्चात संयुक्त कार्यालय मे लेखा लिपिक पटल, शस्त्र अनुभाग व जे0ए0 पटल, राजस्व अभिलेखागार कार्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान शस्त्र अनुभाग में मंगलपुर थाने से जुड़ी अभिलेखों में कुछ खामी मिलने पर शस्त्र लिपिक से जानकारी ली तथा तहसील स्तर पर होने वाले शस्त्रों के नवीनीकरण का ब्यौरा जिले में दर्ज होने के साथ-साथ ऑनलाइन दर्ज करने की बात मंडलायुक्त ने कही, शस्त्र लिपिक को सात जनवरी तक काम पूर्ण करने के निर्देश दिये।
Read More »बुढ़ापा पालतू कुत्ते जैसा होना चाहिए, व्यंग्य नहीं एक हकीकत
किसी ने मुझसे पूछा, बुढ़ापा कैसा होना चाहिए
मैंने कहा पालतू कुत्ते जैसा..वह नाराज़ हो गए बोले वो भला कैसे? ज़रा समझाओ, मैंने कुछ ऐसे समझाया क्या कुछ गलत कहा?
सोचो आजकल लोग शौक़िया तौर पर और खुद को प्राणी प्रेमी समझते कुत्ते पाल लेते है। ना साहब सिर्फ़ पाल नहीं लेते…खुद उनके नौकर हो जाते है। क्या ठाठ होते है उन कुत्तों के। मालिक का सबसे दुलारा, लाड़ला अपने बच्चों से भी ज़्यादा अज़िज और प्राण से प्यारा होता है। असीम प्यार लूटाते मालिक अपने हाथों से गोद में बिठाकर बड़े चाव से खिलाते है, दूध पिलाते है। एक चीज़ नहीं खाता तो दूसरी मंगवाते है।
जिस पर हमे नाज हैं वो हैं हरनाज
७० वीं मिस यूनिवर्स स्पर्धा जो इजराइल में हुई उसमे पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में अनुस्नातक, २१ वर्षीय हरनाज़ संधू ने २०२० का मिस यूनिवर्स का ताज पहना हैं। १९९४ में ये ताज सुष्मिता सेन ने जीता था और २००० में ये ताज लारा दत्ता ने जीता था।ये वही साल था जब संधू ने जन्म लिया था।आज २१ साल बाद फिर उसे संधू ने प्राग्वे की नदिया फरीरा और दक्षिण अफ्रीका की ललेला मेसवा से कड़ी प्रतियोगिता के बाद जीत ही लिया हैं।गुरदासपुर के छोटे से गांव में जन्मी हरनाज़ संधू जैसे ही मिस यूनिवर्स( विश्व सुंदरी)बनी सब जगह संधू संधू ही छाई हुई हैं।सौंदर्य और बुद्धि मत्ता की धनी पूरी दुनियां में छा गई हैं।आज २१ सालों के बाद भारत को इस खिताब उसिकी वजह से लाने का सदभाग्य मिला हैं।अब जब ये नायब कामयाबी पाई हैं तो सभी को हरनाज़ के बारे में जानने की उत्सुकता होना स्वाभाविक बात हैं।
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