दिखावे की राजनीति बंद कर ईमानदार पहल करें
भारतीय लोकतंत्र में आजकल एक नए तरह के चलन या रिवाज पैदा हो गया है। जो काम जिसका है वो काम वो न करके कोई दूसरा करने लगा है। कैसे लगता है जब कोई एक दूसरे के कार्यो में हस्तक्षेप करें। पर अब ऐसा ही होता है। कार्यपालिका के रहनुमा न्यायपालिका की भूमिका का निर्वहन कर रहे है और कार्यपालिका के ही कर्ताधर्ता न्यायपालिका को अपने हिसाब से चलाने का कुत्सित प्रयास करने लगे है।
दरअसल यहां बात कानपुर के कुख्यात अपराधी विकास दुबे द्वारा पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद प्रदेश सरकार की जवाबी कार्रवाई के संदर्भ में हो रही है। कानपुर के चौबेपुर में हुई मुठभेड़ में शहीद हुए पुलिस कर्मियों की शहादत का बदला लेने के लिए योगी सरकार के आदेश पर कानपुर प्रशासन ने कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर को गिराने के साथ कार्रवाई शुरू कर दी है।
चीनी उत्पाद का बहिष्कार आसान नहीं…
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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा शहीद पुलिसकर्मियों को दी गई श्रद्धांजलि
कानपुर, स्वप्निल तिवारी। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश कानपुर इकाई की बैठक अध्यक्ष विजय कुमार निगम एवं प्रांतीय महामंत्री सुरेंद्र पाल सिंह पटेल के नेतृत्व में की गई। बैठक में सर्वप्रथम कानपुर नगर में आधी रात पुलिस मुठभेड़ में शहीद पुलिसकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान राज्य कर्मचारी सयुक्त परिषद के कर्मचारियों ने 2 मिनट का मौन रखा। अध्यक्ष विजय कुमार निगम एवं प्रांतीय महामंत्री सुरेंद्र पाल सिंह पटेल ने संयुक्त संबोधन में कहा कि राज्य कर्मचारियों को मिलने वाले समस्त भत्तों को उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा रोका गया है। जो तत्काल बहाल किया जाए तथा प्राथमिकता के आधार पर महंगाई भत्ता लागू किया जाए बैठक में शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी तथा संबंधित पत्नियों को ओएसडी दर्जा दिलाया जाए। बैठक में मुख्य रूप से विनोद कनौजिया, निखिल शर्मा, पवन निगम, वैभव चतुर्वेदी, अब्दुल वाहिद, संजय अग्रवाल, विकास सक्सेना, सुनीता द्विवेदी, रत्नेश त्रिपाठी, लल्लन, वीरेंद्र कुमार, न्यूटन सक्सेना, खर कुमार, राम ब्रिज रावत, संजय वर्मा, शिवम पटेल, अंकित शर्मा, पौरूष सोनकर मौजूद रहे।
Read More »कानपुर प्रेस क्लब ने शहीद पुलिस जवानो को कैंडेल जलाकर श्रद्धांजलि दी
कानपुर, स्वप्निल तिवारी। कानपुर प्रेस क्लब द्वारा आज शहीद पुलिस जवानो को कैंडेल जलाकर श्रद्धांजलि दी गई। वही प्रेस क्लब के कार्यकारिणी सदस्य मोहम्मद इरफान ने अपने सम्बोधन में कहा कि अपराधी विकास दुबे और उनके साथियों को गिरफ्तार करने की मांग उठाई। अपराधियों के पास अत्याधुनिक हथियार कहां से आए इसकी जांच होनी चाहिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुये अपनी जान को निछावर करने वाले शहीद पुलिसकर्मियों को पत्रकारों ने कानपुर प्रेस क्लब में दी। शहीद हुए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए कानपुर प्रेस क्लब के पदाधिकारी व पत्रकार बंधु और परेड एकता चौकी प्रभारी राजकुमार सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित की वही 2 मिनट का मौन रखकर सभी ने शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इस मौके पर प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष सुनील साहू, कार्यकरणी सदस्य चन्दन जायसवाल, अमन तिवारी, पत्रकार के के साहू, रमन गुप्ता, बबलू जायसवाल, रवि गुप्ता, आमिर सोलंकी, फुरखान खान, अंकित सिंह, शशांक शुक्ला, शुभम शुक्ला, प्रवीण गुप्ता, राहुल बाजपेयी आदि पत्रकार मौजूद रहे।
Read More »सन् 2020, बीस शहादत, बीस दिन, बीस बड़े झटके : चीन चारों खाने चित्त
चीन की एक बड़ी गलती उसे अभी और कितनी महंगी पड़ने वाली है, यह चीन सपने में भी नहीं सोच सकता। १९६२ के उस सीधे-सादे, शांति प्रिय भारत को दिमाग में रख चीन जो हिमाकत की, उसे २०२० का भारत जो सीधा भी है, शांति प्रिय भी मगर उसकी शांति में खलल डालने वालों को वह छोड़ता भी नहीं। शायद उसे यह मालूम न था कि यह २०२० का भारत आज विश्व पटल पर एक चमकता सितारा है, उसके साथ चालबाजियां उसे बर्दाश्त नहीं। यह चाणक्य का देश है, जिन्होंने पूरे विश्व को राजनीति व कूटनीति के गुर सीखाए हैं, उसी से कूटनीति कर बहुत बड़ी गलती कर दी खामियाजा तो भुगतना ही पड़ेगा। बीस दिन पहले चीन की अवैधानिक प्रतिक्रिया के खिलाफ भारतीय सेना के विरोधी कार्यवाही में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद हमारे बीस जवानों की शहादत पर पूरा देश चीन का खात्मा चाहता है। दोनों देशों के बीच तब से अभी तक तनाव जारी है। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए भारत हर तरह से, चीन के खिलाफ हर मोर्चे पर पुख्ता तैयारी कर रहा है, फिर चाहे वो आर्थिक हो, सामरिक हो या फिर कूटनीतिक, सबमें चीन पर भारी पड़ता जा रहा है। ऐसे में पूरे चीनी खेमे में भारत से उलझने की गलती के कारण यह डर व्याप्त हो चुका है कि अगली सुबह भारत की प्रतिक्रिया कैसी रहेगी या यों कहें कि जबसे यह हिंसक झड़प हुई है, तब से हर दिन चीन के ऊपर किसी न किसी प्रकार का हमला भारत के द्वारा जारी है।
Read More »फर्जी शिक्षकों की धरपकड़ के लिए परिषदीय शिक्षकों से मांगा गया 32 बिंदुओं पर जवाब
योगी सरकार में अपराधियों का बोलबाला -यशवंत सिंह यादव
भदोही, जन सामना ब्यूरो। ज्ञानपुर भदोही समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिंह यादव ने अपने एक अनौपचारिक बातचीत में कानपुर मे पुलिस पर अपराधियों के तरफ से किये गये अंधाधुंध फायरिंग से आठ उच्च सिपाहियों के शहीदों पर चिंता जताते हुए कहा की पूरे प्रदेश मे अपराध हत्या बलात्कार की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया की भाजपा की योगी सरकार अपराधियों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से विफल है। इस सरकार में अपराधियों के हौसले बुलंद है कहा कि इस गोलीकांड की घटना ने योगी सरकार के हकीकत को उजागर कर के रख दिया है। उन्होंने आरोप लगाया की योगी सरकार में पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं। यह सब केंद्र की मोदी सरकार एंव प्रदेश की योगी सरकार के नाकामी का नतीजा हैं। जो हमारे जवान, पुलिसकर्मी देश के सीमा पर या फिर प्रदेश मे अपराधियों के हाथों शहीद हो रहे है कहा की योगी राज में बदमाशों के हौसले इतने बुलंद हैं की ना तो उन्हें योगी सरकार से भय है ना ही प्रदेश के पुलिस और प्रशासन का डर भय हैं ! श्री यादव ने आरोप लगाया की प्रदेश भर मे गुंडे माफियाओं का ही बोलबाला है ऐसा प्रतिक होता है की अपराधियों को भाजपा सरकार के ही लोग संरक्षण देने का काम कर रहे हैं। वही युवा सपा नेता इंजीनियर अजीत यादव ने भी उत्तर प्रदेश में बढते अपराध पर चिंता जताते हुए कहा की जल्द ही अपराधियों पर योगी सरकार अंकुश नहीं लगाती है तो यही अपराधी बेलगाम होकर अपराधिक घटनाओं को अंजाम देना शुरु कर देते है और सबकुछ जानते हुए भी योगी सरकार कुंभकर्णी निंद सो रही है। यही कारण है की अब प्रदेश की जनता भाजपा सरकार से उब गई है और आनेवाले समय मे भाजपा सरकार को हटाकर ही दम लेगी।
Read More »विकास दुबे को सोशल मीडिया पर बनाया जा रहा हीरो
कानपुर नगर, अर्पण कश्यप। कुख्यात बदमाश विकास दुबे और उसके साथियों से मुठभेड़ में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के बाद जहां प्रदेशभर में लोग शोकाकुल हैं वहीं, काकादेव के कोचिंग संचालक किलकिल ने सोशल मीडिया पर विकास दुबे को शेर बताकर एक पोस्ट लिखी, जिसमें लिखा कि ब्राहमण होतो विकास दुबे जैसा शेर, दुर्बल जनता को नहीं बल्कि पुलिस को मारा है। सेल्यूट यू विकास दुबे जी। सोशल मीडिया पर ये पोस्ट वायरल होते ही काकादेव पुलिस ने किलकिल पर आईटी एक्ट सहित धारा में रिपोर्ट दर्ज की गई।
महिला पर भी दर्ज हुई रिपोर्ट
किलकिल ही नहीं एक महिला पर भी सोशल मीडिया पर विकास दुबे को ब्राहृमण बताकर भ्रामक पोस्ट करने पर फजलगंज पुलिस ने साइबर सेल की मदद से मुकदमा दर्ज किया।
अधिकारी व कर्मचारी कार्य के प्रति रहे संवेदनशील, लापरवाही पर होगी कार्यवाही: नोडल अधिकारी
शासन के आदेशों का हर हाल में किया जाये पालन: अनुराग पटेल
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जनपद के कोविड-19 नोडल अधिकारी आईएएस अनुराग पटेल ने रसूलाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, एम्बुलेंस 102, 108 चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टॉफ की उपस्थिति, पुरुष व महिला वार्ड के शौचालय, कोविड हेल्प डेस्क-नगर पंचायत कार्यालय, ब्लॉक कार्यालय, तहसील व थाना रसूलाबाद का निरीक्षण किया तथा 2 निगरानी समिति नगर पंचायत रसूलाबाद के अध्यक्ष व सदस्यों से बातचीत भी की।
नोडल अधिकारी ने रसूलाबाद तहसील क्षेत्र का निरीक्षण किया गया इस दौरान उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रसूलाबाद का निरीक्षण के दौरान जहां वार्ड के शौचालयों में गंदगी मिली वही डॉक्टरों अनुपस्थित मिले पर कडी नाराजगी जाहिर की। वहीं एंबुलेंस का निरीक्षण करते हुए एम्बुलेंस संचालक को निर्देश दिये कि एम्बुलेंस में सभी उपकरण उपलब्ध रहे तथा साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाये।
पद्म पुरस्कार-2021 के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 15 सितंबर, 2020
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। गणतंत्र दिवस, 2021 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कारों के लिए ऑनलाइन नामांकन/सिफारिश की अंतिम तिथि 15 सितंबर, 2020 है। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन की शुरुआत 1 मई, 2020 से हो चुकी हैं। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन/सिफारिशें केवल पद्म पुरस्कार https://padmaawards.gov.in/ पोर्टल पर ऑनलाइन माध्यम से ही प्राप्त की जाएंगी।
पद्म पुरस्कारों में पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में शामिल हैं। 1954 में स्थापित किए गए इन पुरस्कारों की घोषणा प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। यह पुरस्कार ‘काम में विशिष्टता’ की पहचान करने का प्रयास करता है और कला, साहित्य, शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान, इंजीनियरिंग, सार्वजनिक मामलों, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवाओं के लिए प्रदान किया जाता है। इन पुरस्कारों के लिए लिये व्यवसाय, स्थिति या लिंग आदि बिना किसी भेदभाव के सभी व्यक्ति पात्र हैं। सरकारी कर्मचारी, सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारी, डॉक्टर और वैज्ञानिक इन पद्म पुरस्कारों के लिए पात्र नहीं हैं।