Wednesday, November 20, 2024
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स्वास्थ्य विभाग में प्रशिक्षित अमले की कमी, 10 हजार लोगों पर मात्र एक डॉक्टर

भारत एक ओर कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की कमी का सामना भी कर रहा है। भारत में अनुमानित तौर पर 6 लाख डॉक्टरों, 20 लाख नर्सों और 7 लाख फार्मासिस्टों की कमी है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि भारत में एंटीबायोटिक व अन्य दवाइयां देने के लिए उचित तरीके से प्रशिक्षित स्टाफ की कमी है, जिससे जीवन बचाने वाली दवाइयां मानक के अनुरूप मरीजों को नहीं मिल पाती हैं।
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज डाइनामिक्स, इकॉनॉमिक्स एंड पॉलिसी (सीडीडीईपी) की रिपोर्ट के मुताबिक एंटीबायोटिक उपलब्ध होने पर भी भारत में लोगों को बीमारी पर 65 फीसदी खर्च खुद उठाना पड़ता है। यह हर साल 5.7 करोड़ लोगों को गरीबी के गर्त में धकेलता है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में हर साल 57 लाख ऐसे लोगों की मौत होती है, जिन्हें एंटीबायोटिक दवाइयों से बचाया जा सकता था। ये मौतें कम और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं। ये मौतें एंटीबायोटिक प्रतिरोधी संक्रमणों से हर साल होने वाली अनुमानित 7 लाख मौतों की तुलना में अधिक है।

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कोरोना कहर में भी फार्मासिस्ट को नहीं पहचान पा रही है सरकार

विकसित देशों में जो रोल डॉक्टर का होता है उसके समकक्ष फार्मासिस्ट को भी माना जाता है। वहाँ डॉक्टर सिर्फ डाइग्नोस्ट करता है और बीमारी की मेडिसिन फार्मासिस्ट लिखता है। वहाँ पर डॉक्टर व फार्मासिस्ट को गाड़ी के दो पहियों की तरह माना जाता है किंतु विडंबना देखिये कि हमारा देश उन देशों की अपेक्षा मेडिकल क्षेत्र में बहुत पीछे है फिर भी यहां फार्मासिस्ट को कोई महत्व ही नहीं दिया जाता है। मुझे तो ऐसा प्रतीत होता है कि यहाँ के लोग यह जानते ही नहीं हैं कि फार्मासिस्ट होता क्या है और उसका काम क्या है? शायद वो सिर्फ यह समझते हैं कि फार्मासिस्ट सिर्फ दवा वितरण का कार्य करता है।
अभी हाल ही में माननीय प्रधामंत्री जी ने सभी फार्मा कंपनीज को कड़े शब्दों में चेतावनी दी थी कि सुधर जाओ नहीं तो स्ट्रिक्ट कानून बना देंगे। मैं इस फैसले का स्वागत करता हूँ किन्तु एक बात मैं अपने प्रधानमंत्री जी से पूछना चाहूंगा कि यह कानून सिर्फ ज्यूरिस्प्रूडेंस की किताब में पढ़ने के लिए बनेगा या फिर इसका पालन भी सुनिश्चित किया जायेगा। ये सवाल इसलिए पूछ रहा हूँ क्योंकि फार्मा सेक्टर में कानूनों की कोई कमी नहीं है लेकिन सिर्फ और सिर्फ दवा संबंधी कानूनों का इस देश में कड़ाई से पालन ही नहीं हो रहा है। आप नया कानून ला रहे हैं अच्छी बात है लेकिन जब मैं आत्मचिंतन करता हूँ तो मन में एक ही शंका बार-बार घर कर जाती है कि क्या ये कानून बनने के बाद कड़ाई से लागू होगा?

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बिना संसाधनों के ऑनलाइन कैसे पढ़े ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे

ऑनलाइन पढ़ाई में अधूरी तैयारी और संसाधनों का अभाव बेसिक शिक्षा परिषद व माध्यमिक शिक्षा परिषद के लिए कड़ी चुनौती बना हुआ है। किसी गांव में नेटवर्क की दिक्कत है, तो किसी के सामने स्मार्ट फोन न होना परेशानी बढ़ा रहा है। जिस गांव में नेटवर्क है भी, वहां स्पीड बहुत कम आना भी छात्रों को बाधा उत्पन्न कर रहा है। शिक्षक हो या छात्र या फिर अभिभावक सभी के सामने यह समस्या गंभीर बनी हुई है।
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन में स्कूल और कॉलेज बंद है। शिक्षा विभाग क‌र्फ्यू के बीच ऑनलाइन पढ़ाई करवाने का प्रयास कर रहा है। लेकिन इसमें अभी भी कई दिक्कतें हैं। कई विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं। ऐसे में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड के दर्जनों स्कूलों ने लॉकडाउन के समय ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करा दी है। किसी ने क्लास स्तर से वाट्सएप ग्रुप तैयार कराकर छात्रों की पढ़ाई शुरू की तो किसी ने यू-ट्यूब चैनल बनाकर उस पर पढ़ाई कराई जा रही है। कुछ स्कूलों ने ऐसा भी कर रखा है कि वे छात्रों को एक साथ वीडियो कॉलिग के माध्यम से पढ़ाई करा रहे हैं। किन्तु ऑनलाइन पढ़ाई से बेसिक शिक्षा परिषद व माध्यमिक शिक्षा परिषद पिछड़ा हुआ है। कक्षा 6 से 9 और कक्षा 11 के छात्रों की पहले ही पढ़ाई यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान प्रभावित रही थी। उसके बाद कोरोना के आये भूचाल ने इन छात्रों की पढ़ाई पूरी तरह ही प्रभावित कर दी है। अब सरकार ने अधूरी तैयारी और संसाधनों के सहारे ऑनलाइन पढ़ाई की तैयारी शुरू कर दी है। यह विधि ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा परेशानी पैदा कर रही है। क्योंकि यहां पर अधिकांश लोगो के पास मल्टीमीडिया मोबाइल का न होना व जिनके पास है भी उनके मोबाईल में नेटवर्क की धीमी रफ्तार और नेटवर्क न आना सबसे बड़ी बाधा का कारण बना हुआ है। यह समस्या भी विभाग को कड़ी चुनौती दे रही है। ऐसे छात्रों की पढाई शासन-प्रशासन व शिक्षा विभाग कैसे पूरी करायेगा यह बड़ा सवाल है।

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गुटखा, तम्बाकू बेचने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्यवाही: डीएम

खाने की शिकायत मिलने पर शीघ्र किया जाये निस्तारण: डीएम
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कोरोना वायरस के चलते सम्बन्धित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा दिये गये निर्देशों के तहत अब 3 मई तक जनपद लाकडाउन रहेगा। उन्होंने 14 अप्रैल तक लाॅकडाउन के दौरान अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा अच्छे कार्य के लिए प्रशांसा की तथा सभी को बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि पहले की भांति आगे भी प्रातः 7 बजे से 11 बजे तक फल, सब्जी, दूध, किराना आदि की दुकाने खुलेगी। जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि पान मसाला, गुटखा आदि पर रोक लगायी गयी है फिर भी चोरी छिपे बिक रहा है इस पर कडाई से रोक लगायी जाये तथा जो दुकानदार बेच रहा है उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाये। उन्होंने कहा कि अब लाकडाउन पार्ट 2 प्रारंभ हो गया है इसके चलते लोग बाहर से आने की भी संभावना हो सकती है जिसके तहत सभी लोग पूरी नजर रखेगे तथा किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही नही होनी चाहिए।

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लाॅक डाउन के दौरान पीड़ित महिलाओं एवं बच्चों की कानूनी मदद करेगा प्राधिकरण: सचिव

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष मा0 जनपद न्यायाधीश यशवंत कुमार मिश्र के मार्ग दर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरोना महामारी (कोविड-19) के दौरान लाॅक डाउन के समय पीडित महिलाओं एवं बच्चों को निःशुल्क कानूनी मदद उपलब्ध कराएगा। प्राधिकरण की सचिव साक्षी गर्ग द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली (नाल्सा) एवं उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ (उ०प्र० साल्सा) के निर्देश पर जनपद स्तर पर कार्यरत वन स्टाप सेंटर व महिला हेल्प लाइन पर आने वाले उक्त पीडितों को विधिक सहायता उपलब्ध कराएगा। विदित हो कि कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए भारत सरकार ने देश में लाॅक डाउन लागू किया है, इस कष्ट के समय बहुत से व्यक्ति कानूनी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इनमें महिलाएँ एवं बच्चे, जो समाज का समसे कमजोर वर्ग है, के लिए भारत सरकार ने वन स्टाप सेंटर व महिला हेल्प लाइन का पूर्व में गठन किया है।

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पुलिस ने गाना गाकर लोगों से की घर में रहने की अपील

इटावा, राहुल तिवारी। मौत से आंख मिलाने की जरूरत क्या है इटावा पुलिस ने गाना गाकर लोगों को घर पर रहने का दिया संदेश इटावा पुलिस अब ग्रामीण क्षेत्रों में गाना गाकर लोगों से घर पर रहने की अपील कर रही है। चौकी प्रभारी सब इंसपेक्टर ने गाने द्वारा लोगों को कोरोना वायरस के बारे में बताया और लोगों को घर पर ही रहने की सलाह दी।
इटावा जनपद के बकेवर थाना पुलिस आज ग्रामीण क्षेत्रों में गाना गाकर लोगों से घर पर रहने की अपील की, चौकी प्रभारी सब इंसपेक्टर मोहम्मद कामिल ने मौत से आंख मिलाने की जरूरत क्या है गाने गाकर लोगों को कोरोना वायरस के बारे में बताया और लोगों को घर पर ही रहने की सलाह दी। पूरे गांव में अपने हमराही सिपाहियों को ग्रामीणों को समझाने का तरीका समझाया देश एक संकट से जूझ रहा है। इसमें हर किसी का सहयोग चाहिए सोशल डिस्टेंस के बारे में भी लोगों को जानकारी दी इन दरोगा साहव ने एक गांव में नहीं कई गांवों को गाना सुनाकर ग्रामीणों का दिल जीत लिया ग्रामीण दरोगा साहब के बताए बातों पर अमल करने के लिए मजबूर दिखाई दिए।

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मनोबल

विरोधियों की भी मजबूरी बन जाओ,
सूझे उन्हें ना कोई रास्ता तुम्हारे सिवा,
तुम इतने जरूरी बन जाओ।
लेना चाहेंगे तुम्हे वो अपनी कैद में,
लेकिन पहुंच ना सके तुम तक,
मीलों की वो दूरी बन जाओ।
गिराएंगे वो मनोबल तुम्हारा ,
लेकिन टिका हो जिनका सारा निष्कर्ष तुम्हारे ऊपर,
ऐसे अक्ष की तुम धुरी बन जाओ। -प्रियंका सिंह

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मण्डलायुक्त ने कम्यूनिटी किचन का किया निरीक्षण

निरीक्षण के दौरान कम्यूनिटी किचन में साफ.सफाई, सैनीटाइजिंग, राशन की उपलब्धता व खाने की गुणवत्ता के बारे में ली जानकारी
प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। मण्डलायुक्त प्रयागराज आर रमेश कुमार ने आज बंशीभवन व ओम नमः शिवाय में चल रहे कम्यूनिटी किचन का निरीक्षण किया। उन्होंने कम्यूनिटी किचन में साफ.सफाई,सैनीटाइजिंग, राशन की उपलब्धता व खाने की गुणवत्ता का परीक्षण किया। मण्डलायुक्त ने स्वयं भोजन करके भोजन की गुणवत्ता की जांच की। उन्होंने वहां मौजूद कर्मचारियों से राशन एवं साग.सब्जी के बारे मे विस्तृत जानकारी ली। मण्डलायुक्त के पूछने पर एडीएम प्रशासन वी0एस0 दूबे ने बताया कि सुबह 500 एवं शाम को भी 500 लोगो के खाने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि नाश्ते में सुबह पोहा, केला एवं उबला चना दिया जा रहा है। जो कि गुणवत्ता के हिसाब से अनुकूल है। एडीएम प्रशासन ने बताया कि खाने में सुबह कढ़ी चावल एवं शाम को पूड़ी सब्जी खिलायी जा रही है। मण्डलायुक्त तत्पश्चात ओम नमः शिवाय में चल रहे कम्यूनिटी किचन का निरीक्षण करने पहुंचे। वहां के संचालक ने बताया कि हमारे यहां प्रतिदिन लगभग 5000 लोगो के खाने की व्यवस्था है। मण्डलायुक्त ने ओम नमः शिवाय में चल रहे कम्यूनिटी किचन की तारीफ की एवं ओम नमः शिवाय के संस्थापक का आभार जताया।
निरीक्षण के दौरान उपाध्यक्ष प्रयागराज विकास प्राधिकरण टी0के0 शिबू, नगर आयुक्त रवि रंजन सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।

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मण्डलायुक्त ने गेहूं खरीद व शिक्षा विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों के साथ की बैठक

गेहूं विक्रय की धनराशि समय से किसानों को प्राप्त होए इसका रखे विशेष ध्यान- मण्डलायुक्त
विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों से ग्रुप बनाकर छात्रों को घर बैठे शिक्षा उपलब्ध करायी जायेंगी- मण्डलायुक्त
प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। मण्डलायुक्त आर रमेश कुमार ने गांधी सभागार में गेहूं खरीद से सम्बन्धित अधिकारियों एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि सरकार की मंशा है कि किसानों को रबी की फसल की कटाई एवं उसकी विक्रय में किसी प्रकार की परेशानी न आये। इसलिए किसानों से गेहूं की खरीद सीधे उनके खेतो से या उनके घर से किए जाने के स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने खाद्यय विभाग के अधिकारी से गेहूं खरीद की पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी। उन्होंने कहा कि आप के यहां गेहूं खरीद के लिए सभी आवश्यक सामाग्री मौजूद होनी चाहिए, जैसे कि काटा, बोरा, पल्लेदार इत्यादि। खाद्यय विभाग के अधिकारी ने बताया कि हमारे सभी सेंटरों पर तैयारी पूर्ण कर ली गयी है एवं हमने खरीद प्रक्रिया की शुरूआत भी आज से कर रहे है। खाद्यय विभाग के अधिकारी ने बताया कि हम रजिस्टर्ड किसानों से गेहूं की खरीद करेंगे।

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किसान दंपति ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए 21 हजार

टूंडला/फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। एक तरफ जहां किसान लॉकडाउन के चलते अपने आप में परेशान है, वहीं एक किसान दंपति ने कोरोना वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 21 हजार रुपए का चेक दिया है।
किसान दंपति पुष्पेन्द्र उपाध्याय उनकी समाजसेवी पत्नी रेखा उपाध्याय ने बुधवार को मुख्यमंत्री राहत कोष में 21 हजार रुपए का चेक उपजिलाधिकारी केपी सिंह तोमर को सौंपा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस समय हर किसान परेशान है, परंतु देशहित में अपनी परेशानी को छोटा मानकर चलना चाहिए। यह कोरोना वैश्विक महामारी पूरे देश के लिए घातक है। ऐसे में सभी देशवासी जो भी इस संकट की घड़ी में कुछ भी देने में सक्षम हैं वह दें और देशहित में मदद करें। उन्होंने कहा कि और भी कई किसान इस प्रकार से मदद कर सकते हैं। इसके साथ ही किसान की समाजसेवी पत्नी रेखा उपाध्याय गरीबों व बेघरों के लिए प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था कर रहीं हैं।

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