विज्ञान का अध्ययन बच्चों को तर्कशील एवं विवेकवान बनाता है। वे अवलोकन, प्रेक्षण, परिकल्पना, प्रयोग, निरीक्षण एवं निष्कर्ष के सोपानों से गुजरकर किसी तथ्य का अन्वेषण करते हुए एक सैद्धान्तिक फलक की रचना करते हैं जिसमें सच की इबारत लिखी होती है। फलतः बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टि एवं सोच विकसित होती है और वह किसी घटना के निहितार्थ को विज्ञान की कसौटी पर कस कर ही आगे बढ़ते हैं न कि आंख मूंद स्वीकार कर अंधविश्वास के गहन अंधेरे पथ पर फिसलतेे हैं। अवैज्ञानिक सोच का ही परिणाम है कि कभी गणेश मूर्तियां दूध पीने लगती है तो कभी क्रास से रक्त की धारा फूट बहने लगती है। आस्था, कर्मकाण्ड या अंधविश्वास का रास्ता विज्ञान के प्रासाद के द्वार पर आकर ठहर जाता है। विज्ञान के उपवन में अंदर वही प्रवेश कर सकता है जिसकी चेतना विज्ञानमय हो और दृष्टि एवं सोच दर्पण की मानिंद निर्मल। पर दुर्भाग्य से देश में ऐसा है नहीं। उपग्रह प्रक्षेपण के पूर्व विध्नहरण के लिए वैज्ञानिकों द्वारा किये जाने वाले हवन-पूजन के दृश्य उनके स्वयं के प्रयोग के विश्वास प्रति सवाल खड़ा करते हैं। यदि विज्ञान के शिक्षक बिल्ली के रास्ता काट जाने पर अपनी यात्रा स्थगित कर दें, सिर पर कौवा बैठ जाने को मृत्यु की सूचना समझ लें, रास्ते पर पानी से भरी बाल्टी और बछड़े को दूध पिलाती गाय मिलना शुभ और सफलता की गारंटी मान लिया जाये तो सोचना पडेगा कि वह विद्यार्थियों को कैसा विज्ञान बोध करा रहे होंगे। उल्लेखनीय है कि बच्चों में इसका बीजवपन समाज एवं घर-परिवार द्वारा पहले ही कर दिया गया होता है और हमारी प्राथमिक शिक्षा के केन्द्र उसके निर्मूलन की बजाय खाद-पानी दे पोषण का काम करते हैं। कालेज तक आते आते उसके अन्तर्मन में अंधविश्वास और ठकोसलों की जड़ें इतनी गहरी और पुष्ट हो जाती हैं कि उन्हें उखाड़ फेंकना असम्भव सा हो जाता है। रही सही कसर शिक्षकों का अतार्किक अवैज्ञानिक आचरण पूरी कर देता है।
आजादी के सत्तर सालों के बाद भी हम देश में एक वैज्ञानिक वातावरण क्यों नहीं बना पाये। क्यों हमने अपनी प्राथमिक शिक्षा को विज्ञान का दृढ़ आधार नहीं दे सके। क्यों किसी भी प्राथमिक स्कूल में विज्ञान का कोई छोटा-सा भी उपकरण बच्चों के हाथ में नहीं पहुंच पा रहा। क्यों विज्ञान को किताबांे से लिखाया और रटाया जाता रहेगा। प्रयोग के लिए जगह और अवसर कब-कहां मिलेगा। क्यों विज्ञान के शोधों में हम वैश्विक स्तर पर कहीं दिखाई नहीं देतें। कब तक हम विश्वगुरु होने का थोथा गान गाते फिरते रहेंगे। उत्तर कौन देगा, सर्वत्र मौन पसरा है। जाति, धर्म एवं भाषा के नाम पर तो आये दिन आंदोलन होते हैं पर प्राथमिक विद्यालयों में वैज्ञानिक उपकरणों एवं प्रयोगशालाओं की व्यवस्था के लिए क्यों नहीं कोई आंदोलन होता। प्राथमिक विद्यालयों से उभर रहे दृश्य निराश करतेे हैं क्योंकि उनमें विज्ञानमय जीवन की धड़कन सुनाई नहीं देती बल्कि अंधविश्वास की जड़ता का कर्कश स्वर गूंजता है।
ताला तोड़कर घर में चोरी, समाचार पत्र विक्रेता को चोरों ने बनाया निशाना
घाटमपुर/कानपुर, शीराजी। बीती रात अज्ञात चोरों ने समाचार पत्र विक्रेता के सूने घर का ताला तोड़कर नगदी व जेवर चोरी कर लिए और मौके से फरार हो गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार कस्बे के मोहल्ला आछीमोहाल पश्चिमी निवासी राजन शुक्ला का पुत्र रविंद्र कुमार शुक्ला समाचार पत्र विक्रेता है। पीड़ित ने बताया कि 9 फरवरी को वह अपनी भतीजी की शादी में शरीक होने के लिए सपरिवार बिठूर गया था। घर में ताला बंद था। अज्ञात चोरों ने घर का ताला तोड़ने के बाद बक्से में रखे RS 82000 नगद व सोने की बेसर दो चांदी की पायल 8 कीमती साड़ियां आदि सामान बक्से का लॉक तोड़कर चोरी कर लिए हैं। आज अपराहन जब वह वापस घर लौट कर आया तो देखा घर में सामान बिखरा पड़ा था। पीड़ित ने अपने साथियों को घटना से अवगत कराया। समाचार पत्र विक्रेता संघ के कार्यवाहक अध्यक्ष टिंकू बाजपेई ने हरीश चंद्र अवस्थी, अशोक दीक्षित, प्रमोद कुमार, राजू गुप्ता, मदन गोपाल गुप्ता आदि के साथ थाने में पहुंचकर लिखित शिकायत की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
Read More »नागा साधुओं की रहस्यमयी जीवनशैली
नागाओं की एक अलग ही रहस्यमय दुनिया है। चाहे नागा बनने की प्रक्रिया हो या उनका रहन-सहन सब कुछ रहस्य मय है। नागा साधुओं को वस्त्र धारण करने की भी अनुमति नहीं होती। अगर वस्त्र धारण करने हो, तो सिर्फ गेरुआ रंग के वस्त्र ही नागा साधु पहन सकते हैं। वह भी सिर्फ एक वस्त्र, इससे अधिक गेरुआ वस्त्र नागा साधु धारण नहीं कर सकते।नागा साधुओं को शरीर पर सिर्फ भस्म लगाने की अनुमति होती है। नागाओं का यह श्रृंगार सिर्फ कुंभ के दौरान होने वाले स्नान के वक्त नजर आता है।मान्यता है कि सभी श्रृंगारों से युक्त नागा के दर्शन से कई जन्मों का पुण्य मिलता है।अखाड़ों से जुड़े नागा संतों का कहना है कि इस श्रृंगार की एक विधि है और यह सिर्फ खास अवसर पर किया जाता है। 17 श्रृंगार से सुसज्जित नागा अपने इष्ट यानी भगवान भोलेनाथ और भगवान विष्णु की पूजा करता है।
एक नागा श्रृंगार में लंगोट, भभूत, चंदन, पैरों में लोहे या चांदी का कड़ा, अंगूठी, पंचकेस, कमर में फूलों की माला, माथे पर रोली का लेप, कुंडल, हाथों में चिमटा, डमरू या कमंडल, गुथी हुई बताएं जटायें, तिलक, काजल, हाथों में कड़ा, बदन में विभूति का लेप, बाहों पर रुद्राक्ष की माला शामिल होती है। आमतौर पर एक सुहागिन महिला सोलह सिंगार करती है लेकिन यह नागा साधु अपने 17वें सिंगार के लिए जाने जाते हैं। 17वाँ सिंगार है “भस्म” जो कि नागा साधुओं का एकमात्र परिधान होता है। हर नागा अपने शरीर पर सफेद भस्म और रुद्राक्ष की मालाओं के अलावा कुछ नहीं पहनता। मान्यता है कि भगवान शंकर ऐसे ही 11000 रुद्राक्ष मालायें धारण करते थे।
कानपुरः गाड़ी छोड़ने के नाम पर कर ली उगाही!
-ऐसी करतूत ही पूरे विभाग की छवि पर लगाती है बट्टा
-कुछेक पुलिसकर्मियों की कार्यशैली से पूरा विभाग होता है बदनाम
कानपुर। पुलिस विभाग एक ऐसा विभाग है, जिससे लोग उम्मीद रखते हैं कि अगर उसे कोई अपराधी या दबंग सतायेगा अथवा परेशान करेगा तो उसकी मदद पुलिस वाले ही करेंगे, लेकिन कुछेक कर्मचारियों की शर्मनाक कारगुजारी के चलते पूरे विभाग को बदनामी का धब्बा लग जाता है और लोग पता नहीं क्या से क्या की संज्ञा देकर पूरे पुलिस विभाग के अच्छे व सराहनीय कार्यों को ताक पर रख देते हैं। इन्हीं कुछेक पुलिसकर्मियों की शर्मनाक कारगुजारी के चलते पूरे पुलिस विभाग की छवि को बट्टा भी लग जाता है। ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक पुलिसवाला एक व्यक्ति से गाड़ी छोड़ने के नाम पर उगाही करता देखा जा सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उगाही करने का यह वीडियो दो दिन पहले का है और मामला कानपुर नगर के थाना क्षेत्र चकेरी का बताया गया है जहां थाना परिसर के अन्दर ही स्थित पुलिस चौकी में एक पुलिस कर्मी गाड़ी छोड़ने के नाम पर उगाही करता देखा जा सकता है। लेकिन, इस मामले की सच्चाई क्या है यह तो जांच का विषय बनता है….
251 नवदंपतियों ने किया दम्पति जीवन का शुभारंभ, दिखाया कुरीतियों को ठेंगा
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम सकुशल भव्य तरीके व हर्शाेउल्लास के साथ धूमधड़ाके के साथ हुआ सम्पन्न
सभी धर्मो के वर-वधुओं ने वैदिक मंत्रों व कुरान की आयतों की ध्वनियों के बीच किया गृहस्थ जीवन में प्रवेश
पूर्व सांसद, डीएम, विधायक व गणमान्यजनों ने वर-वधु को दिया आशीर्वाद
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। शासन की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अकबरपुर महाविद्यालय में जनपद में 251 जोडों का सामूहिक विवाह आयोजित किया गया। जिसमें वैदिक मंत्रोउच्चारण व मंगलगीत के साथ साथ कुरान की आहतो व हदीसो की मंगलध्वनि के मद 224 सनातनधर्मालंबी जोडों व 27 मुस्लिम जोडों ने आज से अपने वैवाहिक जीवन की शुरूआत करते हुए सुख दुख में साथ रहने का वचन दिया। जहां सनातन जोडों का पाडीग्रहण संस्कार गायत्री परिवार के द्वारा मन्त्रोउच्चारण कर पूर्ण कराया गया। वहीं मुस्लिम सम्प्रदायक के जोडों का काजी द्वारा निकाह/खुतवा पडकर आपसी सामंजस्य से मेहर मुकर्रर कराकर कराई गयी। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
धूमधाम से सम्पन्न हुआ विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस समारोह
सीएसजेएम सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के पूर्व और वर्तमान कुलपतियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किये।
डॉ.दीपकुमार शुक्लः कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय का 53 वां स्थापना दिवस सप्ताह समारोह धूमधाम से सम्पन्न हो गया ।विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम में सीएसजेएम, रोहिलखण्ड तथा आगरा विश्वविद्यालय के पू्र्व एवं वर्तमान कुलपतियों तथा अन्य अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किये। स्थापना दिवस का शुभारंभ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता के साथ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर के.बी.पांडे, प्रोफेसर अशोक कुमार, प्रोफेसर जे.बी. वैशंपायन, रोहिलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ए.के.शुक्ला, आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर अरविंद दीक्षित, रोहिलखंड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर एम.डी. तिवारी,एआईसीटीई के क्षेत्रीयके निदेशक श्री मनोज कुमार तिवारी एवं कुलसचिव डॉ.विनोद सिंह के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कुलगीत से की गई। जिसे प्रोफेसर संजय स्वर्णकार की टीम ने गाया। सर्वप्रथम समस्त अतिथियों एवं कुलपति द्वारा गुब्बारे उड़ाकर सांकेतिक शुरुआत की गई। तत्पश्चात कुलसचिव डॉ.विनोद कुमार सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।उन्होंने कहा यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे पूर्व कुलपतिगण एवं कानपुर विश्वविद्यालय से किसी ना किसी तरीके से संबंधित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण हमारे बीच में उपस्थित हैं। विशिष्टअतिथियों में सर्वप्रथम पूर्व कुलपति प्रोफेसर के. बी.पांडे जी ने अपने पूर्व के अनुभवों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया और कहा कि जब मैं विश्वविद्यालय का कुलपति था और आज जब मैं विश्वविद्यालय का स्वरूप देखता हूं तो जमीन आसमान का अंतर दिखता है। उस समय विश्वविद्यालय में सीमित संसाधन थे।
सडक सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने दी यातायात के नियमों की जानकारी
कानपुर देहात। 30वाॅ सडक सुरक्षा सप्ताह दिनांक 4 फरवरी से 10 फरवरी तक कार्यक्रम किये जा रहे कार्यक्रम के तहत अकबरपुर के डा0 भूपति सिंह स्कूल में जिलाधिकारी ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जलित व मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम में सडक सुरक्षा संबंधी नुक्कड नाटक व बेटी बचाव बेटी पढ़ाओं के कार्यक्रम का भी बच्चों द्वारा आकर्षक प्रस्तुति की गयी।
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बच्चों से कहा कि अपने पिता, भाई, चाचा, ताऊ आदि से कहे कि जब भी मोटर साइकिल व चार पहियावान लेकर घर से निकले तो उन्हें हेलमेट व सील्ट बेट लगाने को कहे। उन्होंने जनपदवासियों से आवहन करते हुए कहा कि यातायात नियमो को जाने तथा उनका पालन खुद करें, अपने परिजन व दूसरो को भी कराये। उन्होने युवाओ से कहा कि यात्रा के बड़े दुश्मन शराब, तेज रफ्तार, मोबाईल फोन और अधिक भार है। उन्होने कहा कि यातायात नियमो और संकेतो का पालन करे। चढ़ाई चढ़ने वाले वाहन को पहले रास्ता दे। ओवर टेकिंग न करे तथा अपने लाईन से चले। दोपहिया वाहन चालक हमेशा हेलमेट जरूर पहने तथा सभीजन सुरक्षित यात्रा के मूल मंत्र यातायात नियमो का पालन करे व दुर्घटना से बचे। जिस व्यक्ति के साथ दुर्घटना हो जाती है उस व्यक्ति के परिवार पर क्या बीतती है उसका पूरा परिवार टूट जाता है हम लोग ज्यादा से ज्यादा संवेदना व्यक्त कर देते है। उन्होने कहा कि यातायात नियमो का पालन कर अपने तथा अपने सह-यात्रियो की जान माल की सुरक्षा करे तथा अपना बहुमूल्य जीवन बचाए व चैराहा पार करते समय टैªफिक संकेत को देखे तथा पास मिलने पर ही रास्ता तय करे।
जिलाधिकारी ने कहा कि दो पहिया वाहन पर चालक के अतिरिक्त एक से अधिक व्यक्तियो का बैठना वर्जित है व नशे की हालत मे वाहन न चलाए तथा वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात न करे। यातायात नियमो का पालन करने तथा रोड पर चलने वाले सभी का भविष्य सुरक्षित है। यातायात नियमो का पालन कर चलना, दुर्घटना से बचना है देश के विकास के साथ ही यातायात के साधनो में भी विकास हो रहा है। प्रत्येक घर में आज कल कोई न कोई वाहन है, अतः यातायात के नियमो की जागरूकता होने के साथ ही उनके नियमो का पालन करना भी जरूरी है। तेज रफ्तार गाड़ी चलाने के साथ ही यह भी देखे कि मेरे बगल में चल रहे अन्य वाहन, बुजुर्ग, साइकिल सवार व पैदल चालक के क्या बीत रही होती है। उन्होने कहा कि हम चैराहो पर लगे लाईट के सिगनल पर पीली बत्ती होने पर लाल बत्ती होने से पूर्व ही प्रायः निकलने के लिए अपनी स्पीड बढ़ा देते है। जबकि यह गलत है, हमे स्पीड रोकने के लिए बे्रक लेना चाहिए। दुर्घटना से बचे सुरक्षा सुनिश्चित करे जीवन बहुमूल्य है, इसकी रक्षा करे। हमारा लक्ष्य सुगम सुरक्षित यात्रा का है। अपने को तथा दूसरो को सुरक्षित रखे इस मनोभाव के साथ यात्रा करंे। जिलाधिकारी ने एडीएम, अपर पुलिस अधीक्षक यातायात, उप जिलधिकारी व क्षेंत्राधिकारियो, एआरटीओ आदि को निर्देश दिए हैं कि वे संयुक्त रूप से क्षेत्रो में भ्रमणकर जनपद में सड़क सुरक्षा सम्बन्धी नियमों का स्वयं भी पालन करें तथा अन्य को भी पालन करना सुनिश्चत कराएं।
अवैध शराब के धंधे में लिप्त लोगों को चिन्हित कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश
लखनऊ। मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकोंध्पुलिस अधीक्षकों को अवैध शराब के कारोबार से जुड़े लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए आज रात से ही प्रदेशव्यापी अभियान प्रारम्भ किए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि अवैध शराब के धंधे में लिप्त लोगों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने अधिकारियों को सचेत किया कि इस सम्बन्ध में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्य सचिव आज यहां अपने कार्यालय में पुलिस महानिदेशक श्री ओ0पी0 सिंह के साथ एक संयुक्त वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों के लिए वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। ज्ञातव्य है कि जनपद कुशीनगर और सहारनपुर में अवैध शराब से हुई लोगों की मृत्यु की घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अवैध शराब के विरुद्ध 15 दिनों का संयुक्त अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि अवैध शराब से लोगों की मृत्यु की दशा में इस कारोबार में शामिल लोगों की संलिप्तता पाए जाने पर उनके खिलाफ घटना की एफ0आई0आर0 में आबकारी अधिनियम की धारा ‘60क’ का उल्लेख अवश्य किया जाए, ताकि राज्य सरकार न्यायालय से दोषियों को मृत्युदण्ड दिला सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आबकारी अधिनियम में धारा ‘60क’ के माध्यम से दोषियों के खिलाफ मृत्युदण्ड की सजा के प्राविधान का व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों, एस0एस0पी0 एवं एस0पी0 को निर्देश देते हुए कहा कि वे अपने-अपने जनपदों में प्रशासन, पुलिस एवं आबकारी की संयुक्त टीम बनाएं। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने अधीनस्थ अपर जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकध्पुलिस अधीक्षक अपने अधीन तैनात अपर पुलिस अधीक्षकों तथा आबकारी विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीमें तत्काल गठित करते हुए आज रात से ही छापामारी अभियान शुरू कर दें। समस्त मण्डलायुक्त अपने-अपने मण्डल में इस अभियान का प्रभावी अनुश्रवण करें। मण्डल स्तर पर तैनात उप आबकारी आयुक्त अपने क्षेत्र के समस्त जनपदों का सघन भ्रमण करें।
दो मार्ग दुर्घटनाओं में दो की मौत कई घायल
घाटमपुर, कानपुर। दो मार्ग दुर्घटनाओं में दो अलग-अलग स्थानों पर दो मौतें हो गई तथा कई लोग घायल हो गए जिन्हें उपचार के लिए स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती शाम कस्बे के गजनेर रोड स्थित गढ़वा मोड़ नंदना के पास खराब मौसम के चलते दो बाईके आमने सामने टकरा गई, जिससे ग्राम अकबरपुर झबईया निवासी उदय नारायण 44 वर्ष पुत्र नत्थू प्रसाद की मौके पर मौत हो गई, तथा दूसरा बाइक चालक विनोद 27 वर्ष पुत्र छोटेलाल निवासी ग्राम बरौली घायल हो गया। जिसे प्राथमिक उपचार के बाद हैलट कानपुर रिफर किया गया है। दूसरी दुर्घटना आज दोपहर मूसा नगर रोड स्थित ग्राम बेंदा में कुंभ मेले से लोहे के पाइप लादकर भोगनीपुर की ओर जा रहे डीसीएम ट्रक ने बेंदा गांव के सामने ग्राम सूखापुर निवासी स्वर्गीय महंगू प्रसाद के पुत्र घसीटे 60 वर्ष को टक्कर मार दी अनियंत्रित डीसीएम ट्रक रोड किनारे पलट गया, जिससे डीसीएम चालक धर्मवीर 49 वर्ष पुत्र मानिक चंद्र निवासी बेरीगढ़ मथुरा, श्रवण 28 वर्ष पुत्र जोधा नाथ मंडल निवासी ग्राम दुर्गापुर कोलकाता हिमांशु 48 वर्ष पुत्र शत्रुघ्न निवासी ग्राम पाईबा हावड़ा सोमेंद्र विश्वनाथ धारा निवासी ग्राम नवादा थाना श्यामपुर हावड़ा घायल हो गए। पांचो घायलों को इलाज के लिए स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घाटमपुर में भर्ती कराया गया। घसीटे की हालत चिंताजनक होने पर उसे प्राथमिक उपचार के बाद उर्सुला कानपुर रेफर कर दिया गया।
Read More »डीएम ने कार्यालयों का किया निरीक्षण
फिरोजाबाद। जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा सिविल लाइन स्थित कलेक्ट्रेट कार्यालय का वार्षिक निरीक्षण किया गया। जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान मुख्य राजस्व अनुभाग में सभी पटलों का गहनतापूर्वक निरीक्षण किया। उन्होंने राजस्व वसूली को ऑनलाइन दर्ज करें और शत-प्रतिशत वसूली सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने दस बड़े बकायेदारों का विवरण बनाकर सभी तहसीलों में तत्परता से वसूली की कार्यवाही कराने के निर्देश दिए। उन्होंने पांच अमीनों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही लम्बित होने पर उनके निस्तारण के लिए उनके माध्यम से पत्र लिखे जाने को कहा। जनपद में 60 स्थाई तथा 81 सीजनल अमीन बताए गए, जिनका वेतन आदि दिया जा रहा है।
उन्होंने अधिष्ठान पटल सहायक को निर्देशित किया कि चिकित्सा से सम्बंधित 15 बिल लम्बित होने पर नियम अनुसार निस्तारण की कार्यवाही करते हुए उनके समक्ष प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कार्यालय में कंप्यूटरों के संचालन की भी जानकारी प्राप्त की। अमीनों के प्रान नंबर अभी तक आवंटन नहीं हुए हैं उनके प्रान नंबर तत्काल आवंटन की कार्यवाही कराना सुनिश्चित की जाए। भूलेख अनुभाग में किसानों के क्राप कटिंग की क्षतिपूर्ति के भुगतान के बिल तहसील वार तैयार कर जिलाधिकारी ने भुगतान किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पटलों के कार्य विभाजन के बारे में जोर दिया। उन्होंने खसरा, खतौनी तथा किसान दुर्घटना का बीमा योजना के लंबित संदर्भों के भुगतान कराकर निस्तारण कराना सुनिश्चित करें। भूलेख अनुभाग में मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के लाभार्थियों को सुविधाएं दिए जाने हेतु डीसी का पद तैनात किया गया है निरीक्षण के दौरान डीसी अनुपस्थित मिले और इस योजना में कार्यप्रणाली की स्थिति बहुत खराब मिलने पर जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी प्रकट करते हुए डीसी के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने राजस्व सहायक पटल में लम्बित प्रकरणों, प्रबंधन पत्रावली, मासिक विवरण, अधिकारियों के प्रशिक्षण, वार्षिक निरीक्षण, आयुक्त भ्रमण, मुख्यमंत्री एवं सचिवों की बैठक, शासनादेशों की गार्ड फाइलें, आयुक्त निरीक्षण आदि पत्रावलियों का गंभीरता पूर्वक निरीक्षण किया, और साहूकारी लाइसेंस धारकों का विवरण देखकर निर्देशित किया कि जो साहूकार लोगों का उत्पीड़न कर रहे हैं, उनको नोटिस देकर उनके लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।