Tuesday, November 19, 2024
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नेशनल तैराकी प्रतियोगिता में सी.एम.एस. छात्रों ने लहराया परचम

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के प्रतिभाशाली छात्र तैराकों ने बंगलूरू में आयोजित सी.आई.एस.सी.ई. नेशनल तैराकी प्रतियोगिता में अपने हुनर एवं दमखम का प्रदर्शन कर विद्यालय का नाम गौरवान्वित किया। राष्ट्रीय स्तर की इस प्रतियोगिता में सी.एम.एस. छात्रों ने एक रजत पदक एवं दो कांस्य पदक अर्जित कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। सी.एम.एस. राजेन्द्र नगर (प्रथम कैम्पस) की छात्रा शताक्षी ने 100मी ब्रेस्ट स्ट्रोक में रजत पदक एवं 50मी ब्रेस्ट स्ट्रोक में कांस्य पदक अर्जित किया है तो वहीं दूसरी ओर इसी कैम्पस के छात्र अनिरुद्ध ने 200मी. फ्री स्टाइल में कांस्य पदक अपने नाम किया। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि यह राष्ट्रीय तैराकी प्रतियोगिता 3 से 5 अक्टूबर तक बंगलूरू में सम्पन्न हुई जिसमें देश भर के प्रतिष्ठित स्कूलों से क्षेत्रीय एवं राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों ने प्रतिभाग किया।

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सी.एम.एस. छात्रा को मिला फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अलीगंज (द्वितीय कैम्पस) की नर्सरी की नन्हीं छात्रा वर्तिका सोनी ने अन्तर-विद्यालयी फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार अर्जित किया है। यह प्रतियोगिता सर्च फाउण्डेशन एवं संस्कृति विभाग, उ.प्र. के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुई, जिसमें लखनऊ के विभिन्न विद्यालयों के छात्रों ने प्रतिभाग किया। सी.एम.एस. की इस नन्हीं छात्रा ने प्रतियोगिता में अपनी बाल सुलभ प्रतिभा, आकर्षक वेषभूषा एवं आत्मविश्वास का जोरदार प्रदर्शन कर उपस्थित दर्शकों एवं निर्णायक मण्डल को अभिभूत कर दिया। आयोजकों ने सी.एम.एस. की इस प्रतिभाशाली छात्रा की प्रतिभा की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए प्रशस्ति पत्र व अन्य आकर्षक उपहारों से पुरष्कृत कर सम्मानित किया। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. अपने छात्रों की बहुमुखी प्रतिभा को निखारने एवं संवारने हेतु छोटी उम्र से ही प्रोत्साहित करता है, साथ ही विभिन्न रचनात्मक व सृजनात्मक प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग हेतु प्रेरित करता है, जिससे आगे चलकर ये छात्र विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में अपनी रचनात्मक प्रतिभा का उपयोग कर मानवता का कल्याण करने में सक्षम बन सकें। श्री शर्मा ने आगे कहा कि सी.एम.एस. अपने छात्रों को भौतिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक तीनों प्रकार की संतुलित एवं उद्देश्यपूर्ण शिक्षा प्रदान कर उन्हें मानव जाति के लिए ईश्वर का उपहार एवं टोटल क्वालिटी पर्सन बनाने को संकल्पित है।

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सी.एम.एस. इण्टर-कैम्पस एथलेटिक्स प्रतियोगिता के सी.एम.एस. इण्टर-कैम्पस एथलेटिक्स प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में अलीगंज चैम्पियन

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा इण्टर-कैम्पस एथलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन होमगार्ड मुख्यालय के मैदान पर किया गया, जिसमें सी.एम.एस. के सभी 18 कैम्पस के लगभग 250 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग कर अपनी चुस्ती-फुर्ती व दमखम का जोरदार प्रदर्शन किया। जूनियर वर्ग की इस प्रतियोगिता में सी.एम.एस. अलीगंज (प्रथम कैम्पस) के बाल खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सर्वाधिक 50 अंक अर्जित कर चैम्पियनशिप पर कब्जा जमाया। जहाँ एक ओर बालकों की 800मी एवं 400मी दौड़ स्पर्धाओं में सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) के मेधांश ने प्रथम स्थान अर्जित किया तो वहीं बालिकाओं की 200मी एवं 100मी दौड़ में स्टेशन रोड कैम्पस की वैश्णवी प्रथम रहीं। इसके अलावा, बालिकाओं की 800मी दौड़ में राजेन्द्र नगर (प्रथम कैम्पस) की अग्रिमा भटनागर, बालकों की 100मी दौड़ में  अरुणव अग्निहोत्री, बालिकाओं की 400मी दौड़ में अलीगंज (प्रथम कैम्पस) की अवन्तिका, बालकों की 100मी दौड़ में अलीगंज (द्वितीय कैम्पस) के हर्षितांश ने प्रथम स्थान अर्जित किया। इसी प्रकार, बालकों की लम्बी कूद में अलीगंज (प्रथम कैम्पस) के सूर्यांश, बालिकाओं की लम्बी कूद में राजाजीपुरम (द्वितीय कैम्पस) की तरवसी, बालकों की गोला फेंक प्रतियोगिता में अशर्फाबाद कैम्पस के नोमान, बालिकाओं की गोला फेंक प्रतियोगिता में अलीगंज (प्रथम कैम्पस) की नन्दिनी, बालकों की चक्का फेंक प्रतियोगिता में चैक कैम्पस के मो. कासिफ एवं बालिकाओं की चक्का फेंक प्रतियोगिता में राजेन्द्र नगर (द्वितीय कैम्पस) की सृष्टि सिंह ने प्रथम स्थान अर्जित किया। बालकों की 4 गुणा 100मी रिले रेस में अलीगंज (प्रथम कैम्पस) ने जबकि बालिकाओं की 4 गुणा 100मी रिले रेस में गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) ने बाजी मारी।

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पुतला रावण का ही क्यों जलाते हैं हम हर साल, मन के रावण को भी मारें आओ हम इस बार।

बुराई पर अच्छाई के विजय प्रतीक के रूप में प्रतिवर्ष अश्विन शुक्ल की दशमी को मनाये जाने वाले पर्व विजयदशमी की प्रासंगिकता संदेहास्पद प्रतीत होती है। हम इस दिन रावण, मेघनाद और कुंभकरण के प्रतीकात्मक पुतलों को जलाकर दशहरा त्योहार की औपचारिकता पूर्ण कर लेते हैं। वास्तव में यह पर्व दस प्रकार के पापों काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी जैसे अवगुणों के त्याग की प्रेरणा देता है। हम अपने अंदर रखतबीज जैसे पनप रहे इन दस रावण में से संभवत किसी एक का भी संहार नहीं कर पाते हैं। यदि ऐसा कर पाते तो संस्कार, संस्कृति और सोने की चिड़िया कहे जाने वाले हमारे देश का वर्तमान स्वरूप ऐसा न होता। यद्यपि विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में हमने अपार सफलता प्राप्त की है और विश्व में अपनी उपस्थिति दर्ज की है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि विश्व के ऐसे बहुत से देश हैं जिन्होंने इन क्षेत्रों में अपनी धाक जमाई है फिर भी ऐसा क्या है की विदेश भी हमारे आगे नतमस्तक हैं स्पष्ट है कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर ही है जो लोगों का ध्यान आकृष्ट करती हैं। लेकिन चारों ओर व्याप्त भ्रष्टाचार ,छल कपट, जाति धर्म के नाम पर हो रहे बवाल, मासूमों पर होते अत्याचार, मोब लीचिंग की घटनाएं, हमारी धरोहर और पहचान माने जाने वाले नैतिक मूल्यों की विलुप्ति इत्यादि आज भी हमें जग सिरमौर बनने से रोक रहे हैं।
राम का वेश धारण कर आजकल जाने कितने रावण घूम रहे हैं। भ्रष्टाचार,व्यभिचार सुरसा की तरह मुंह बाए खड़े हैं । सत्य का बोलबाला, झूठे का मुंह काला जैसी कहावतें और लोकोक्तियों का तो जैसे कोई अर्थ ही नहीं रह गया है। दिलों में नफरतों का सैलाब लिए लोग गले मिल रहे हैं रिश्तो का अवमूल्यन होता जा रहा है जाने कितने रावण और सोने की लंका आज भी सांसे ले रहे हैं। कहा जाता है कि यदि रावण का वध भगवान श्रीराम ने न किया होता तो सूर्य हमेशा के लिए अस्त हो जाता। यदि समय रहते हमने अपने अंदर फल फूल रहे अवगुण रूपी रावण का संहार नहीं किया तो वह दिन दूर नहीं जब हमारे देश की आन बान का सूर्य अस्त होने से कोई नहीं रोक सकेगा । कलयुग में कोई राम या हनुमान नहीं आएगा जो कुछ भी करना है हमें मिलजुलकर करना है।अभी भी ज्यादा कुछ नहीं बिगड़ा है। बस आवश्यकता है तो दृढ़ संकल्पित होने की।

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Kanpur: ग्रांड फिनाले 11 नवम्बर को

कानपुरः जन सामना संवाददाता। छुपी हुई प्रतिभाओं को मंच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कार्यरत संस्था एंजेल स्टार म्यूजिक हब एंड रुद्राक्ष एंटरटेनमेंट एंड प्रोडक्शन का पहला आॅडिशन जुहारी देवी गर्ल्स इंटर काॅलेज में संपन्न हुआ। आॅडिशन में 100 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसमें से क्वालीफाइंग करने वाले प्रतिभागियों को ग्रैंड फिनाले में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। प्रतियोगिता का ग्रांड फिनाले 11 नवंबर को लाजपत भवन में आयोजित होगा। इस अवसर पर एकेडमी के डायरेक्टर शुभांशु राठौर ने बताया कि आॅडिशन में अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली वही कृतिका जायसवाल ने गाना गाकर व शताक्षी द्विवेदी ने डांस परफाॅर्मेंस कर जज को उठ कर ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। जज के रूप में कविता सिंह, प्रगति राठौर और मिस्टर राज ने बच्चों को जजमेंट दिया और उनका उत्साहवर्धन किया। बताया गया कि संस्था का मुख्य उद्देश्य कानपुर की छुपी प्रतिभाओं को निकाल कर उन्हें एक मंच उपलब्ध कराना है, जिससे वह प्रादेशिक और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें। इस अवसर पर मुख्य रूप से अतुल मिश्रा,विशाल कुमार, राहुल, दीपक ठाकुर, गौरांग कश्यप, एंकर देव नेगी एवं प्रीति मिश्रा उपस्थित रहे।

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विजय दशमी पर यहां होती है रावण की पूजा

कानपुर: महेंद्र कुमार। पूरे देश में ही विजय दशमी त्यौहार बड़े ही हर्षोलास के साथ मनाया जाता है और इस अवसर पर कई जगह मेले का आयोजन भी किया जाता है, जहां भगवान राम और रावण के चरित्र को दर्शाने वाली रामलीला का आयोजन और लंकापति रावण का पुतला दहन किया जाता है। लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर में एक ऐसी जगह है जहा दशहरे के दिन रावण की पूजा की जाती है इतना ही नहीं यहाँ पूजा करने के लिए रावण का मंदिर भी मौजूद है जो केवल दशहरे के मौके पर खोला जाता है। शहर के शिवाला इलाके में बने सौ से भी ज्यादा वर्षो पुराने इस रावण मंदिर में विजयदशमी के रोज पूरे विधिविधान से दशानन का दुग्ध स्नान और अभिषेक कर श्रंगार किया जाता है। उसके बाद पूजन के साथ स्तुति कर आरती की जाती है। माना जाता है कि रावण जहाँ दुष्ट और पापी था, वहीं उसमें शिष्टाचार और ऊँचे आदर्श वाली मर्यादायें भी थीं, उसमे कितना ही राक्षसत्व क्यों न हो परन्तु उसके गुणों को विस्मृत नहीं किया जा सकता। ब्रह्म बाण नाभि में लगने के बाद रावण की मृत्यु से पहले प्रभु श्री राम ने भी लक्ष्मण से कहा था कि रावण के पैरो की तरफ खड़े हो कर सम्मान पूर्वक नीति ज्ञान की शिक्षा ग्रहण करो क्योकि धरातल पर न कभी रावण के जैसा कोई ज्ञानी पैदा हुआ है और न कभी होगा,रावण का यही स्वरूप पूज्यनीय है और इसी स्वरुप को ध्यान में रखकर रावण के पूजन का विधान है। लोग हर वर्ष इस मंदिर के खुलने का इन्तजार करते है और मंदिर के पट खुलते ही पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ रावण की आरती भी की जाती है।

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मेला देखकर घर जा रहे युवक को पिकअप ने मारा धक्का,हालत गम्भीर

चन्दौली। चकिया स्थानीय क्षेत्र के मुजफ्फरपुर गांव निवासी राहुल साहनी 25 वर्ष नामक एक युवक पिकअप गाड़ी से धक्का लगने के कारण बुरी तरह घायल हो गया। बतादें कि राहुल चकिया में लगे दुर्गापूजा का मेला देखने के बाद देर रात पिकअप पर लटक कर घर जा रहा था,कि विपरीत दिशा से आ रही दूसरी पिकअप गाड़ी ने उसे रगड़ मार दी,जिससे वह वहीं गिरकर तड़पने लगा। घायलावस्था में साथ के लोगों ने उसे आनन फानन में इलाज के लिए जिला संयुक्त चिकित्सालय लाये,जहां गम्भीर चोट होने के कारण चिकित्सक ने उसे वाराणसी स्थित ट्रामा सेन्टर के लिए रेफर कर दिया।

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घर-घर हुई देवी स्वरूपा मां महागौरी की पूजा अर्चना

देवी मंदिरो में सजा भव्य फूल बंगला
देवी भक्तों ने कन्या पूजन कर खोला उपवास
फिरोजाबाद। शारदीय नवरात्रि अष्टमी के दिन देवी स्वरूपा मां महागौरी की विधि-विधान से भक्तों ने पूजा अर्चना की। वहीं घरों के साथ मन्दिरों में धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है। रविवार को दुर्गा अष्टमी के मौके पर नगर के साथ देहातों में मन्दिरों पर फूलबंगला, छप्पन भोग के दर्शनों के साथ भण्डारें का आयोजन भी किया जा रहा है।
रविवार को जसराना स्थित कामाख्या धाम मन्दिर पर छप्पन भोग का आयोजन किया गया। तो नगर के हनुमान गंज स्थित नगरकोट वाली माता मन्दिर पर फूलबंगला छप्पन भोग का आयोजन किया गया। नगर के कैला देवी मन्दिर, उसायनी स्थित मां वैष्णोदेवी धाम, रामनगर स्थित चिन्तापूर्णी माता मन्दिर के साथ माता पथवारी मन्दिर पर भक्तों ने माता की विधि-विधान से पूजा अर्चना की। वहीं अष्ठमी पर कन्या पूजन कर भी किया गया। वही रात्रि में नगर के पैमेश्वर गेट स्थित गली नम्बर दो राजपूताना में स्थापित माता रानी के पाण्डाल में आर्कषण झांॅकियों की प्रस्तुतियांॅ बच्चो द्वारा दी गयी। बच्चों के द्वारा देवी भजनों पर ओ जंगल के राजा मेरी मैया को लेकर आ जाना, सुदामा चरित्र का नाटक प्रस्तुत किया गया। अंत में माता रानी की पूजा अर्चना के बाद प्रसाद वितरण किया गया।

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लक्ष्मण शक्ति एवं कुम्भकरण वध की लीला देखने को उमड़ा जनसैलाब

फिरोजाबाद। श्री सनातन धर्म रामलीला महोत्सव समिति के तत्वावधान में रविवार को रामलीला में मेघनाथ द्वारा लक्ष्मण को शक्ति बाण मारना, हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूंटी लाना, सुषेन वैद्य के उपचार से लक्ष्मण जी का ठीक होना, कुम्भकरण वंध की लीला का मंचन किया गया।
रविवार को जैसे ही रामलीला मैदान में भगवान श्रीराम और लक्ष्मण का डोला पहुंचता है। वैसे ही रामलीला का मंचन शुरू हो जाता है। रावण द्वारा शांति का प्रस्ताव ठुकराने पर भगवान श्रीराम युद्व के लिए सेना को आदेश देते है। लंका में श्रीराम की वानर सेना एवं रावण की सेना के बीच भीषण युद्ध प्रारंभ हो जाता है। युद्ध में रावण क्रोधित होकर अपने पुत्र मेघनाथ को युद्ध करने के लिए भेजता है, मेघनाद से राम दल का संघर्ष प्रारंभ होता है। मेघनाथ लक्ष्मण पर ब्रह्मास्त्र का प्रहार करता है। जिससे लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं, लक्ष्मण को उठाने के लिए जैसे ही मेघनाथ झुकता है। तब हनुमानजी वहां पर पहुंचते हैं और उसको एक मुष्ठी प्रहार कर हनुमान रामादल में लक्ष्मण जी को उठाकर ले आते हैं। श्री राम लक्ष्मण को मूर्छित देखकर बहुत परेशान होते हैं। राम विलाप करने लगते है और उनका जीवित करने का उपाय पूछते है। तभी विभीषण सुषेण वैध के बारे में बताते है और उनके उपचार से लक्ष्मण जी जीवित हो सकते है। लक्ष्मण के पुनर्जीवन प्रदान करने के लिए हनुमान लंका से सुषेण वैद्य को लाते है। सुषेण वैध लक्ष्मण की नाभि को देखते और कहते है सूर्यास्त से पहले संजीवनी बूंटी लानी होगी। तभी लक्ष्मण को जीवित किया जा सकता है। राम की आज्ञा पाकर लक्ष्ण संजीवनी बूटी लाने के लिए द्रोणागिरी पर्वत पर जाते है और उसके द्वारा बताई गई संजीवनी बूटी सहित द्रोणागिरी पर्वत को ही उठा ले आते हैं। पूर्व पर्वत खंड आकाश मार्ग से लाते समय हनुमान को अयोध्या पर से गुजरना होता है तब श्री भरत की निगाहें उन पर पड़ती हैं। भरत हनुमान पर बाण चला देते हैं हनुमान घायल अवस्था में पर्वतखंड सहित अयोध्या में उतरते हैं। हनुमान उस घायल अवस्था में राम जी के भाई भरत को श्रीराम और लक्ष्मण का हाल सुनाते हैं लक्ष्मण मूर्छित हैं सूर्योदय से पूर्व ही संजीवनी बूटी के उपचार से लक्ष्मण की मूर्छा दूर हो सकती है। भरत हनुमान जी को बाण पर बैठाकर जल्द ही लंका भेज देते है। और संजीवनी बूटी से सुषेण वैध लक्ष्मण जी का उपचार करते है और लक्ष्मण जी मूच्र्छा से उठकर बैठते है। वहीं हनुमान सकुशल सुषेण वैध को लंका छोड़ कर आते है। वहीं लक्ष्मण का जीवित होने का समाचार रावण को मिलता है तो वह क्रोधित होने लगता है। वही रावण अपने अनुज कुम्भकरण को जगाने का आदेश देता है। वहीं कुम्भकरण के जागने के बाद रावण उसे कहता है कि मुझे तुम्हारी युद्व में जरूरत है।

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जमीन से होकर गुजर रही ट्यूवैल की केबिल ने ली वृद्ध महिला की जान

फिरोजाबाद। थाना नसीरपुर क्षेत्र के गांव पुनछा में करंट लगने से एक वृद्ध महिला की मौत हो गयी। मृतका के शव को परिजन बिना पोस्टमार्टम कराये ही अपने घर ले गये।
थाना नसीरपुर क्षेत्र के गांव पुनछा निवासी सागर सिंह की पत्नी रामबेटी घर से घास काटने के लिए खेत पर गयी थी। उसी समय खेत में जमीन से निकल रही टयूवैल की विद्युत लाइन घास काटते समय कट गयी। जिससे महिला को करंट लग गया, करंट लगने से महिला की मौके पर ही मौत हो गयी, काफी देर तक महिला घर नही लोटी तो बेटे ने खेत पर जाकर देखा कि माॅ खेत में पडी हुई है। बेटे ने माॅ को करंट से दूर करने के बाद जीवित होने की आश लेकर शिकोहाबाद संयुक्त चिकित्सालय पहंुचा। जहाॅ चिकित्सक ने महिला को मृत घोषित कर दिया। महिला के शव को परिजन बिना पोस्टमार्टम के ही अपने घर ले गये।

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