कानपुरः स्वप्निल तिवारी। सीरिया में हो रहे कत्लेआम के खिलाफ उ प्र उद्योग व्यापार संगठन, सपा व्यापार सभा से जुड़े व्यापारियों और सदस्यों ने बाँसमण्डी चैराहे पर प्रदर्शन किया। इस मौके पर प्रदर्शन करने वालों ने सीरिया में हजारों की तादाद में मासूम बच्चों समेत निर्दोषों के बर्बरतापूर्वक कत्लेआम के खिलाफ हाथों में फूल लेकर मारे गए निर्दोषों को श्रद्धाजंलि अर्पित दी और फांसी के फंदे दिखाकर दोषियों के लिए सजाए मौत की मांग करते हुए सीरिया के पूर्ण व्यापारिक और राजनायिक बहिष्कार की भी मांग की। इंसानियत का कत्ल बंद करो, सीरिया का व्यापारिक बहिष्कार करो, बम बरसाना बंद करो, सीरिया में जुल्म बंद करो के नारों के साथ भारी संख्या में मौजूद हिन्दू, मुस्लिम, सिख धर्म के व्यापारियों और सदस्यों ने कहा कि सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार द्वारा करवाई जा रही बमबारी से मासूमों का कत्लेआम हो रहा है। अधिकांश निहत्थे मुस्लिम समाज की औरतों और बच्चों के साथ खून की होली खेली जा रही है। जिससे इंसानियत शर्मिंदा हो रही है। यह किसी देश का कानून नहीं है कि निहत्थे और मासूमों पर जुल्म ढाया जाए। सीरिया में विद्रोहियों के खात्मे के नाम पे हो रही बमबारी में बेगुनाह लोगों का कत्लेआम हो रहा है। अंधाधुंध बमबारी में अब तक अनगिनत बच्चे मर चुके हैं तथा हजारों की संख्या में जख्मी है। सीरिया में हो रहे इस कत्लेआम पर तमाम देशों ने चुप्पी साध रखी है, जो अफसोसनाक है। भारत सरकार से मांग की गई कि सीरिया में बेगुनाहों पर की जा रही कार्यवाही को संयुक्त राष्ट्र से वार्ता कर तत्काल बंद कराया जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। भारत सरकार से यह भी मांग करी गई की जबतक सीरिया में यह कत्लेआम बंद नहीं होता तब तक दिल्ली स्थित सीरियाई दूतावास को बंद करने के साथ ही भारत सरकार सीरिया का पूर्ण व्यापारिक बहिष्कार करे और सीरिया से आयात निर्यात रोक दे। व्यापारी ऐसे देश से व्यापार करके अपने पेट पालने को लानत समझते हैं जहाँ मासूम निर्दोष बच्चों के कत्लेआम हो रहा हो।
Read More »‘नवसंवत्सर की वैज्ञानिकता’ विषयक प्रतियोगिता का किया आयोजन
कानपुरः जन सामना संवाददाता। मेस्टन रोड स्थित बी एन एस डी शिक्षा निकेतन बालिका विद्यालय में भारतीय शिक्षण मण्डल एवं संस्कार भारती कानपुर द्वारा आयोजित नवसंवत्सर महोत्सव के अन्तर्गत ‘नवसंवत्सर की वैज्ञानिकता’ विषयक भाषण प्रतियोगिता का प्रारम्भ मुख्य अतिथि कै. पं. जगतवीर सिंह द्रोण ने माँ शारदे की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्पण कर किया। उन्होंने विद्यालय की छात्राओं को बताया कि भारत अपनी उन्नत प्राचीन परम्पराओं से समृद्ध पुरातन राष्ट्र है। यह हमारे लिए हर्ष का विषय है कि भारतीय काल गणना खगोलीय पिण्डों की गति पर आधारित है तथा खगोलीय पिण्ड विज्ञान पर आधारित है। इस प्रकार हमारी काल गणना पूर्णतः वैज्ञानिक सिद्ध होती है। भारत में मास गणना दो प्रकार से होती है यदि धर्म, सम्प्रदाय, राजनीतिक प्रभावजन्य मानसिकता से ऊपर उठकर देखा जाए तो भारतीय काल गणना वैज्ञानिक स्तर पर भी सत्य सिद्ध होती है।
उन्होंने कहा कि सुव्यवस्थित कार्य व्यवस्था व कालगणना की आवश्यकता को देखते हुए हमारे देश के मन्त्र दृष्टा मनीषियों ने ऋग्वेद में सृष्टि व संवत्सर दिन व रात की गणना करके जो मानक प्रस्तुत किए हैं वे आज भी प्रामाणिक एवं वैज्ञानिक सिद्ध होते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मा0 कर्नल एस. एन. पाण्डेय ने की वहीं मुख्य अतिथि एवं आगन्तुक महानुभावों का स्वागत स्मृति चिन्ह भेंट कर भारतीय शिक्षण मण्डल की राष्ट्रीय महिला प्रमुख डाॅ0 गीता मिश्र ने किया। ‘नव संवत्सर की वैज्ञानिकता’ विषयक भाषण प्रतियोगिता दो वर्गों कनिष्ठ वर्ग (षष्ठ से दशम तक) तथा वरिष्ठ वर्ग (एकादश से स्नातक तक) में आयोजित थी।
स्वच्छता का नहीं रखेंगे ध्यान, तो होना पडे़गा परेशान …..
हाथरसः नीरज चक्रपाणि। अलीगढ रोड स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के आनन्दपुरी कालोनी में सोमवार को बसौड़ा के अवसर पर अपने सम्बोधन में राजयोग प्रशिक्षिका बी0के0 शान्ता बहिन ने भारतीय संस्कृति में मनाये जाने वाले पावन पर्वों के पीछे छिपे हुए आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक रहस्यों को समझने का आव्हान किया। उन्होंने इन पर्वों के केवल एक परिपाटी, धार्मिक अनुष्ठान या कर्मकाण्ड के अनुसार न मनाये जाने बल्कि उसके पीछे बताये गये भावार्थों को जानने की बात कही। बी0के0 शान्ता बहिन ने कहा कि यूं तो बसौड़ा को शीतला अष्टमी के रूप में मनाया जाता है परन्तु कई स्थानों पर इसे होली के बाद आने वाले सोमवार को ही मनाया जाता है। शीत ऋतु जा रही है, ग्रीष्म का आगमन हो रहा है। इस मौसम परिवर्तन के समय ऋतु परिवर्तन के बाद चेचक, हैजा आदि बीमारियों का प्रकोप आरम्भ हो जाता है यह सभी बीमारियाँ अस्चच्छता के कारण ही होती हैं। शीतला देवी के एक हाथ में जल पात्र तो दूसरे हाथ में झाडू़ होती है। यह झाडू स्वच्छता का प्रतीक है, जितना बाहर स्वच्छ होगा उतना ही इन बीमारियों से बचे रहेंगे। जल का पात्र जल को ढककर रखने और संचय करके सदुपयोग करने का प्रतीक है। गर्मी में जितना जल का प्रयोग करेंगे उतना लू आदि से बचे रहेंगे। गधे की तरह हठी नहीं बनना है उस हठी मन पर विजय प्राप्त करना हठता पर सवारी है जो शीतला देवी को दिखाया जाता है। बसौड़ा मनाने का दूसरा भावार्थ यह भी बताया कि पाक पकचान जो सर्दी के मौसम में खराब नहीं होते थे अब गर्मी में जल्दी ही खराब होना आरम्भ हो जायेंगे और खराब पकवान का प्रयोग भी बीमारियों को जन्म देता है। इसलिए बसौड़े के बाद बासी पाक पकवानों का प्रयोग बन्द करने का अभिप्राय है। बाहर की स्वच्छता तभी होगी जब अन्दर मन में स्वच्छता होगी। मन को साफ करने का सहज साधन एक परमपिता परमात्मा शिव की याद का राजयोग है जिस योग अग्नि से आत्मा के मैले संस्कार भष्म हो जाते हैं।
Read More »किसान को मिले उसकी मेहनत का मूल्य-अनिल गुप्ता
सासनी, हाथरसः जन सामना ब्यूरो। सासनी-विजयगढ मार्ग स्थित श्री राधेश्याम स्वर्णकार शिशु मंदिर में भारतीय किसान संघ की एक आवश्क बैठक आहूत की गई। जिसमें मुख्यातिथि के रूप में मौजूद संघ के जिला प्रभारी अनलि गुप्ता ने किसानों की विभिन्न समस्याओं पर विचार विमर्श किया और किसानों को उनके हक तथा मेहनत के अनुसार पैदावार पर उचित मूल्य दिलाने के हेत सरकार से गुहार लगाने का आव्हान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के छबिचित्र के सामने दीप जलाकर एवं माल्यार्पण कर किया गया। इस दौरान मुख्यातिथि ने कहा कि आज किसान करा हमेशा शोषण होता आया है। वर्षों पूर्व किसान जमीदारों के चक्कर में फंसा रहता था। और कर्ज लेकर अपनी जमीन को गंवा देता था। मगर जमीदारी खत्म होने के बार सरकार से भी उसके कोई ठोस समाधान नहीं मिल रहा है, इसलिए वह कई समस्याओं से जूझ रहा हैं। मुख्यातिथि ने कहा कि हाल ही में हाथरस के गांव ऐवरनपुर में एक नहर की पटरी कट गई। जिससे किसान की हजारों बीघा फसल जलमग्न होकर बर्वाद हो गई। वहीं सरकार पर प्रहार करते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार कोई भी हो मगर किसान के बारे में सोचने वाली हो। तभी किसान को अन्नदाता बनकर अपने कर्तव्य पर खरा उतर सकता है। उन्होंने कहा कि कौमरी में जो बंबा है उसमें करीब 22 वर्षों से पानी नहीं आया है इसके अलावा अलीगढ से निकलने वाला बंबा जो कोतवाली के पीछे बंद कर दिया गया हैं उसमें भी कभी पानी नहीं आया। परीक्षण के लिए जब पानी छोडा गया तो उसमें कई गांव जलमग्न हो गये।
Read More »अवैध मीट कारोबारियों को पुलिस की चेतावनी
सासनी, हाथरसः जन सामना ब्यूरो। कस्बा में बिना लायसेंस के अवैध रूप से मीट बेचने का करोबार अभी जारी है। ऐसे अवैध करोबारियों ने न तो दुकानों पर शीशे लगाए हैं और न ही चटाई। खुलेआम मीट बेचने से मार्ग में चलने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। बता दें कि कस्बा के एक मोहल्ले में धडल्ले से बिना लायसेंस के अवैध मीट की बिक्री जारी हैं जिसकी शिकायत जब लोगों ने पुलिस से की तो पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कस्बा के मोहल्ला में पहुंचकर मीट कारोबारियों की दुकानों को बंद कराया और खुले में मीट बेचने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी। पुलिस ने मीट कारोबारियों से कहा है कि मीट बिक्री का अनुमतिपत्र प्राप्त कर ही मीट बिक्री कर सकते हैं इसके साथ उन्हें अपनी दुकानों पर रंगीन शीशा या चटाई टांग लें जिससे मार्ग में निकलने वाले लोगों को कोई परेशानी न हो।
Read More »सुलगने से बचा कस्सावान पुलिस ने डाला शांति का पानी
सासनी, हाथरसः जन सामना ब्यूरो। मोहल्ला कस्साबान में कुछ लोगों ने एकराय होकर एक दुकानदार के साथ अभद्रता करते हुए मारपीट कर दी। जिससे कस्साबान में फिर झगडे का धुंआ उठने लगा मगर ऐन वक्त पर पता चल जाने के कारण कस्बा इंचार्ज मय फोर्स के पहुंच गये और शांति का पानी डालकर सुलगती गुस्से की आग को बुझा दिया। वहीं पीडित दुकानदार ने घटना की तहरीर कोतवाली में दी है। सोमवार को प्रेषित तहरीर में मोहल्ला कस्साबान निवासी शकील खां पुत्र सलीम खां ने कहा है कि नूरी मस्जिद के निकट वह मीट की दुकान कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। सोमवार की सुबह वह अपनी दुकान पर बैठा था तभी नामजद एकराय होकर आए और उसके साथ अभद्रता करने लगे। विरोध करने पर नामजदों ने उसके साथ लात घूंसों से मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान शकील को चोटें भी आईं, तभी कुछ सभ्रांत लोग मौके पर पहुंच गये और उन्होने पुलिस को घटना की सूचना दी और दोनों पक्षों मंें बीच बचाव किया। मगर दूसरे पक्ष के लोग शांत होने का नाम ही नहीं ले रहे थे। पुलिस के पहुंचने के बाद मारपीट कर रहे नामजद भाग जाने में कामयाब हो गये। पीडित ने आधा दर्जन लोगों को नामजद किया है। बता दें कुछ माह पूर्व इसी प्रकार कहासुनी होने को लेकर दो पक्ष आपस में भिड गये थे। जिसमें जमकर चाकू और छुरे चले थे, इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
Read More »संयुक्त गठित टीम ग्रामों का करेगी निरीक्षण
कानपुर देहातः जन सामना ब्यूरो। राजस्व व पुलिस विभाग की गठित संयुक्त टीम तहसील, थानावार/ग्रामों में उपस्थित होकर भूमि विवाद आदि संबंधी शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण, समयवद्ध तरीके से निस्तारण जनपद के सभी तहसीलों में निस्तारण कराया जा रहा है। विभिन्न तहसीलों के विभिन्न थानों के विभिन्न ग्रामों में गठित टीम जिसमें राजस्व टीम व पुलिस टीम का भ्रमण 7,14,19,26 मार्च 2018 के तिथियों का कार्यक्रम जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह द्वारा नियत कर दिया गया है। जिसमें 7 मार्च को अकबरपुर तहसील के ग्राम करौसा, गजनेर थाने के ग्राम कुरारी, रूरा थाने के ग्राम गुटैहा, भोगनीपुर तहसील के ग्राम करियापुर, बरौर थाने के ग्राम केशी, मूसानगर थाने के ग्राम लेवामऊ, डेरापुर तहसील के ग्राम रतनियांपुर, मंगलपुर थाने के शाहपुर डेरापुर, मैथा तहसील के थाना शिवली के ग्राम रावतपुर, रसूलाबाद तहसील के ग्राम पोवा, सिकन्दरा तहसील के अमराहट थाने के ग्राम तुतुआपुर, जटियापुर, राजपुर थाने के ग्राम बकसौंधी, सट्टी थाने के ग्राम अफसरिया में पुलिस व राजस्व टीम जांच करेगे। इसी प्रकार 14 मार्च को अकबरपुर थाने के ग्राम कुक्छी, गजनेर थाने के ग्राम दुआरी, भोगनीपुर तहसील के ग्राम मांवर, बरौर थाने के ग्राम मुडेरा, मूसानगर थाने के ग्राम मूसानगर बांगर, डेरापुर तहसील के ग्राम खजुर्रा, रूरा थाने के ग्राम बचीतपुरवा, मैथा तहसील के ग्राम नेवादादेवराय, रसूलाबाद तहसील के ग्राम मित्रसेनपुर कहिंजरी, सिकन्दरा तहसील के ग्राम चकही, गुरदही बुजुर्ग, राजपुर थाने के ग्राम निबरीबांगर, सट्टी थाने के ग्राम तमरापुर, मंगलपुर के कसोलर में राजस्व व पुलिस टीम जांच करेंगे। इसी प्रकार 19 मार्च को अकबरपुर तहसील के ग्राम कुम्भी, गजनेर थाने के फतेहपुर रोशनाई, भोगनीपुर तहसील के ग्राम डींग, बरौर के रायरामापुर, मूसानगर थाने के बम्हरौली घार, डेरापुर तहसील के ग्राम किशौरा, रूरा थाने के टिढवा, मैथा तहसील के रैपालपुर, रसूलाबाद तहसील के ग्राम भीटीकुर्सी, सिकन्दरा तहसील के ग्राम रजौली, रतापुर, राजपुर थाने के पिटाकपुर, सट्टी थाने के बहोरापुर, डेरापुर के जरौली में राजस्व व पुलिस टीम जांच करेंगे। इसी प्रकार 26 मार्च को अकबरपुर थाने के ग्राम किशरवल, गजनेर थाने के ग्राम पामा, भोगनीपुर तहसील के ग्राम गिरदौं, बरौर थाने के डुडियामऊ, मूसानगर थाने के भरतौली, डेरापुर तहसील के रूरा थाने के ग्राम बहिरी उमरी, मैथा तहसील के ग्राम औरंगाबाद, रसूलाबाद थाने के ग्राम गुदैला, सिकन्दरा थाने के अमौली कुर्मियान, मंगलपुर थाने के खानपुर डिलवल, अमराहट भुपइयापुर अमराहट, सिकन्दरा तहसील के गोपालपुर डेरापुर, राजपुर थाने के हिमायूंपुर में राजस्व व पुलिस विभाग की गठित संयुक्त टीम निर्धारित तिथि व ग्राम में उपस्थित होकर भूमि विवाद संबंधी शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण एवं प्रभावी निस्तारण करेंगे।
Read More »राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत दो दिवसीय औद्योगिक विकास गोष्ठी 9 व 10 मार्च को
कानपुर देहातः जन सामना ब्यूरो। राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत जनपदस्तरीय दो दिवसीय औद्योगिक विकास गोष्ठी/सेमिनार जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में 9 व 10 मार्च को प्रातः 10 बजे से विकास भवन माती, कानपुर देहात के प्रागंण में आयोजित किया जायेगा। जिसमें कृषकों को औद्योगिक फसलों से संबंधित वैज्ञानिकों द्वारा नवीनतम तकनीकी जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी तथा उनकी समस्याओं का निराकरण किया जायेगा। औद्यानिक एवं अन्य सेक्टरों से संबंधित सभी योजनाओं की जानकारी गोश्ठी में दी जायेगी एवं औद्यानिक/कृषि से संबंधित सभी विभागों के स्टाल लगाये जायेंगे जिससे अधिक से अधिक कृषक लाभ उठा सके।
Read More »ग्राम्या संस्थान ने किया बाल महोत्सव का आयोजन
चन्दौली नौगढ़ः जन सामना ब्यूरो। ग्राम्या संस्थान की ओर से प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी ‘बाल महोत्सव’ का आयोजन जनपद चंदौली के नौगढ़ ब्लाॅक अन्तर्गत लालतापुर गाँव में दिनांक 5 मार्च 2018 को नौगढ़ सीओ व जिला पंचायत सदस्य ग्यानि देवी के संयुक्त रुप से दीप प्रज्ज्वलन कर उद्घाटन के बाद शुरु किया गया। बता दें कि संस्था इस क्षेत्र में विगत लगभग 25 वर्षों से गाँव के अति पिछड़े, दलित एवं वंचित समुदाय के उत्थान, शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका एवं सरकारी सेवाओंध्योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए कार्यरत है। इस क्रम में संस्थान के द्वारा मुख्यतः बच्चों, किशोरियों एवं महिलाओं के विकास के लिए विशेष जोर दिया जाता है।
इसी क्रम में संस्थान के द्वारा बच्चों के अंदर छिपी नैसर्गिक प्रतिभावों को सबके सम्मुख लाने एवं उनके अंदर आत्मविश्वास की भावना को प्रबल बनाने एवं उनके मूलभूत अधिकारों में से एक सहभागिता के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए ‘बाल महोत्सव’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में एक बड़ी संख्या में (लगभग 650 बच्चों) की सहभागिता रही जो संस्थान के द्वारा विभिन्न गावों (बसौली, चकिया, अमदहा एवं लालतापुर में संचालित चिराग केंद्र के विद्यार्थी थे। इसके साथ ही साथ समुदाय के मानिद व्यक्ति, बच्चों के अभिभावकगण, अन्य हितभागी एवं संस्थान के कार्यकर्ताओं की सहभागिता रही।
कार्यक्रम में सांस्कृतिक गतिविधियों में बच्चों ने स्वागत गीत, समूह गान, एकल प्रस्तुति, कठपुतली शो, नाटक मंचन, हास्य कवि सम्मेलन जैसी मनमोहक प्रस्तुतियों के द्वारा अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया एवं सभी ने इसकी जोरदार तालियों से उनका उत्साह वर्धन किया। इसके साथी ही इस दौरान स्थानीय खेल प्रतियोगिताओं जैसे कबड्डी प्रतियोगिता, रस्सा कसी, 100 मी॰दौड़, मेढक दौड़, बिस्कुट दौड़,धीमी साइकिल रेस इत्यादि का भी आयोजित किया गया। इन खेलों में लड़के एवं लड़कियों दोेनों ने ही बढ़-चढ़कर हिसा लिए।
एक के बाद एक कम्युनिस्टों के ढहते दुर्ग
साम्यवाद का काबा माना जाने वाला सोवियत संघ जब भरभराकर ढ़ह गया, तब यह कहा गया कि विश्व की पूंजीवादी शक्तियों ने पूरी ताकत के साथ समाजवाद का अंत कर दिया। लेकिन उन विपरीत हवाओं में भी भारत में कई राज्य ऐसे थे जहाँ कम्युनिस्ट पार्टी का शासन कायम हुआ और बरकरार रहा। धीरे-धीरे यहाँ भी कम्युनिस्ट संगठन और उनकी सरकारें दरकने लगीं। पहले संसद में उपस्थिति कम हुई, फिर राज्यों के विधान मंडल में कमजोर हुए और बाद में पश्चिम बंगाल हाथ से गया। अब 2018 विधानसभा चुनावों के परिणाम आ जाने के बाद 25 साल पुराना त्रिपुरा की सरकार भी कम्युनिस्टों के हाथ से चली गयी। अब इसे सत्ता विरोधी लहर कहें या विरोधी ताकतों की अभेद रणनीति, सच्चाई यही है कि तकनिकी रूप से त्रिपुरा रंग लाल से भगवा हो चुका है। 25 साल की कम्युनिस्ट हुकूमत में 20 साल तक त्रिपुरा के मुख्घ्यमंत्री रहने के बावजूद माणिक सरकार आखिर लाल झंडे की बुलंदियों को बचा क्यूँ नहीं पाए, इस पर विचार होना चाहिए।
त्रिपुरा चुनाव परिणाम के बहाने आईये जानते हैं कि वे 10 बड़े कारण क्या हैं, जिनकी वजह से त्रिपुरा के साथ-साथ पूरे भारत से एक-एक कर कम्युनिस्ट पार्टियों के दुर्ग भरभराकर ढह रहे हैं :
दूरगामी कारण
1. घिसी-पिटी कार्यशैलीः एक जमाने में कम्युनिस्ट होने का अर्थ आधुनिक होना माना जाता था। नवीनतम तकनीक के इस्तेमाल, चुस्त-दुरुस्त कार्यशैली और आधुनिक सोच-समझ की वजह से कम्युनिस्ट लोग सबसे अलग दिखते थे। किताबें पढ़ने की आदत और किताबों के प्रकाशन व प्रसार में कम्युनिस्टों का कोई मुकाबला नहीं था। जब लोग मुश्किल से टाइपराइटर का इस्तेमाल कर पाते थे, तब कम्युनिस्ट पार्टी ले दफ्तरों में आधुनिकतम टाइपिंग और साइक्लोस्टाइल मशीनें, छापेखाने और प्रकाशन हुआ करते थे। समय के साथ कम्युनिस्टों ने अपने तंत्र को अपडेट नहीं किया। नतीजा यह हुआ कि बेहतरीन माना जाने वाला कम्युनिस्टों का संगठन निर्माण कौशल धीरे-धीरे परम्परापरस्त और अप्रसांगिक हो चला है, जबकि उसके मुकाबले खड़े खेमों में आधुनिक तकनीक पर आधारित सांगठनिक ढांचे पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सूचना क्रांति के इस दौर में सोशल मीडिया पर कम्युनिस्ट नेताओं की मौजूदगी और फैन फॉलोविंग बहुत कम है। दूसरी पार्टियों के नेतागण जहाँ जनता से संवाद कायम करने के लिए सूचना माध्यमों का आक्रामकता से इस्तेमाल कर रहे हैं, उनके मुकाबले कम्युनिस्ट लीडर इस रेस में बहुत पीछे हैं।