कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। अपना दल (एस) के महासचिव व सदस्य उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद अजय प्रताप सिंह ने एक पत्र के माध्यम से उप्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रवासी मजदूरों/श्रमिकों उनके प्रदेश तक पहुंचाने का अनुरोध किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा गया प्रदेश के हाइवे पर प्रवासी मजदूरों का जिस प्रकार तांता लगा हुआ है वह देखना काफी दुखद है। इसमें से अधिकांश मजदूर बिहार व झारखंड के हैं किंतु प्रदेश कोई भी हो ये सभी हमारे देश के नागरिक हैं, और इस प्रकार कष्ट उठाकर ये अपने घर के लिए जा रहे हैं वह शर्मसार करता है। अधिकाश श्रमिकों के पैरों में छाले हैं और वह बुरी तरह घायल हैं फिर भी उनके पास पैदल चलने के अलावा कोई चारा नहीं है।
मानवता को दृष्टिगत रखते हुए हर शहर में मेडिकल कैम्प लगवा कर इनकी ड्रेसिंग आदि की व्यवस्था करने, इनको भोजन व्यवस्था उपलब्ध कराने और बस की व्यवस्था करके कम से कम इन्हें इनके प्रदेश के बॉर्डर तक पहुंचाने की कृपा करें।
विवाहिता ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
हाथरस, नीरज चक्रपाणि। अज्ञात कारणो के चलते विवाहिता ने गले मे फांसी का फंदा लगाकर की आत्महत्या कर ली। विवाहिता की आत्महत्या करने से क्षेत्र में सनसनी फेल गई। वंही घटना की सूचना पाकर पंहुची थाना पुलिस ने विवाहिता के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुये मामले में जाँच शुरू कर दी है।
आपको बतादे घटना जिले के थाना कोतवाली सासनी क्षेत्र के गाँव सरदा नगला की है। यहां शुक्रवार को गांव सरदा नगला निवासी चंद्रमोहन सिंह की पत्नी लछमी देवी ने अज्ञात कारणो के चलते खुदको कमरे में बंद कर गले में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। विवाहिता के आत्महत्या करने से क्षेत्र में सनसनी फेल गई। घटना की सुचना पाकर थाना सासनी पुलिस के साथ मौके पर पंहुचे पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर रामशब्दः यादव ने मामले में छानबीन करते हुये विवाहिता का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुये अपनी जाँच शुरू कर दी है।
रक्षा मंत्री ने भारतीय तटरक्षक बल के पोत ‘सचेत’ और दो अवरोधक नौकाओं का जलावतरण किया
देश में ही निर्मित जहाज आत्मनिर्भरता का प्रतीक हैं और समुद्री सुरक्षा को निरंतर बढ़ाते हैं: राजनाथ सिंह
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गोवा में भारतीय तटरक्षक बल के पोत (आईसीजीएस)‘सचेत’ और दो अवरोधक नौकाओं (आईबी) सी-450 और सी-451 का जलावतरण किया।‘आईसीजीएस सचेत’ पांच अपतटीय गश्ती पोतों (ओपीवी) की श्रृंखला में पहला है और इसे गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) द्वारा देश में ही डिजाइन एवं निर्मित किया गया है तथा इसे अत्याधुनिक नौवहन एवं संचार उपकरणों से सुसज्जित किया गया है।
राजनाथ सिंह ने डिजिटल माध्यम से जलावतरण की इस पहल के लिए आईसीजी और जीएसएल की सराहना करते हुए कहा, ‘‘इन पोतों का जलावतरण भारत की तटीय क्षमता निर्माण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसके अलावा, कोविड-19 जैसी चुनौतियों के बावजूद यह देश की सुरक्षा एवं हिफाजत के लिए हमारी प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। ‘हमारे समुद्री रक्षक’, आईसीजी और भारतीय जहाज निर्माण उद्योग की बढ़ती ताकत देश के लिए गर्व की बात है।’’
केरल के ऊपर 2020 के दक्षिण पश्चिम मॉनसून के आरंभ का पूर्वानुमान
इस वर्ष केरल के ऊपर मॉनसून का आरंभ 5 जून को होने का अनुमान है जिसमें 4 दिन कम/अधिक हो सकते हैं
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। भारत मौसम विज्ञान विभाग के चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने केरल के ऊपर 2020 के दक्षिण पश्चिम मॉनसून के आरंभ का पूर्वानुमान प्रस्तुत किया है। इसकीप्रमुख बातें इस प्रकार हैं:
इस वर्ष केरल के ऊपर मॉनसून का आरंभहोने में 1 जून की आरंभ होने की सामान्य तिथि की तुलना में थोड़ी देर होसकती है। इस वर्ष केरल के ऊपर मॉनसून का आरंभ 5 जून को होने का अनुमान हैजिसमें 4 दिन कम/अधिक हो सकते हैं।
जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से फैल सकती है महामारी
प्रयागराज, मिथलेश वर्मा। आज ग्राम सेख सरवां एवं लाहुर पार ग्राम पंचायत बमरौली कौड़िहार-2 में होम क्वारन्टीन से फैल सकती है महामारी ग्राम वासियों में दहशत का माहौल है। प्रशासन उठाए उचित कदम आपको स्मरण करा दें की कोरोना जैसे महामारी ना फैले इसके लिए भारत सरकार ने समूचे भारत वर्ष में लगभग 2 महीने से लाॅकडाउन लगा रखा है। लाॅकडाउन सफल बनाने में अहम भूमिका पुलिस विभाग की थी पुलिस विभाग ने पूरी ईमानदारी के साथ लाकडाउन को सफल बनाने की कोशिश की लेकिन सरकार द्वारा पहले निर्देश हुआ था जो लोग बाहर से आ रहे हैं उन लोगों को 14 दिन के लिए गांव में बने स्कूल या ग्राम पंचायत में क्वारंटाइन किया जाये। लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है अब बाहर से आ रहे लोग अपने आप होम क्वारंटाइन हो रहे हैं।
Read More »जिलाधिकारी ने यू.पी. बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्याकंन केन्द्रों का किया निरीक्षण
शिक्षको को केन्द्र तक आने जाने में किसी प्रकार की असुविधा न हो-जिलाधिकारी, प्रयागराज
सभी केन्द्रो पर मूलभूत सुबिधाओं व सुरक्षा व्यवस्था का हो उचित इंतजाम-जिलाधिकारी, प्रयागराज
प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी भानुचन्द्र गोस्वामी ने प्रयागराज में यू.पी. बोर्ड की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्याकंन कार्य हेतु बने केन्द्रो का निरीक्षण किया। उन्होंने जगत तारन गल्र्स इण्टर कालेज, राजकीय बालिका इण्टर कालेज व के.पी. इण्टर कालेज में बने मूल्याकंन केन्द्रो का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने परीक्षा केन्द्र व्यस्थापक एवं ड्यूटी कर रहे शिक्षको को मूल्याकंन केन्द्रो पर कोरोना वायरस को लेकर ऐहतियात बरतने को कहा। सभी मूल्याकंन केन्द्रो को कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत शासन/स्वास्थ विभाग द्वारा जारी गाईड लाइन का पूर्णतया पालन करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मूल्याकंन केन्द्रो के गेट पर ही सभी की थर्मल स्कैनिंग की जाये एवं मूल्याकंन कार्य कर रहे शिक्षक सोशल डिस्टेसिंग का पालन अवश्य करें। उन्होंने मूल्याकंन कार्य कर रहे परीक्षकोे से उनके कार्य, उनको प्रदान की जाने वाली सुविधाओं आदि सहित यह भी जानकारी ली कि उन्हें केन्द्र तक आने जाने में किसी तरह की असुविधा तो नही हो रही। उन्होंने डीआईओएस को निर्देशित किया कि मूल्याकंन के कार्य में लगे शिक्षको की समस्या का तत्काल कार्रवाई कर निस्तारण करें। सभी केन्द्रो मे मूलभूत सुविधाओ का ध्यान रखा जाये। साथ ही सभी केन्द्रो पर सुरक्षा व्यवस्था के विशेष प्रबन्ध किये जायें।
खाद्यान्न, तिलहन और अन्य वाणिज्यिक फसलों के उत्पादन का तीसरा अग्रिम अनुमान
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा 2019-20 के लिए मुख्य फसलों के उत्पादन के तीसरे अग्रिम अनुमान 15 मई, 2020 को जारी कर दिए गए हैं। देश में मानसून मौसम (जून से सितंबर, 2019) के दौरान कुल वर्षा दीर्घावधि औसत (एलपीए) से 10 प्रतिशत अधिक रही है। तदनुसार, कृषि वर्ष 2019-20 के लिए अधिकांश फसलों का उत्पादन उनके सामान्य उत्पादन से अधिक होने का अनुमान है। ये अनुमान समय के साथ बहने वाली अधिक सटीक जानकारी के अनुसार संशोधन के अधीन हैं।
तीसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार, 2019-20 के दौरान मुख्य फसलों के अनुमानित उत्पादन इस प्रकार है:
वैज्ञानिकों ने मधुमेह रोगियों में इंजेक्शन देने लायक हाइड्रोजेल विकसित किया
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर) के वैज्ञानिकों ने हाल ही में मधुमेह रोगियों में इंसुलिन वितरण के लिए इंजेक्शन देने लायक सिल्क फ़ाइब्रोइन-आधारित हाइड्रोजेल विकसित किया है। इस आविष्कार के लिए एक पेटेंट आवेदन भी दाखिल किया गया है।
प्रो टी गोविंदराजू और जेएनसीएएसआर की उनके अनुसंधान टीम ने जैव फ़ाइबोमोटोपेबल एडिटिव्स का उपयोग करके सिल्क फाइब्रोइन (एसएफ) सूत्र विकसित किया है और एक ऐसा इंजेक्शन एसएफ हाइड्रोजेल (आईएसएफएच) तैयार किया है जो मधुमेह के रोगियों में इंसुलिन वितरण को आसान बना सकता है। आईएसएफएच ने चूहों में सक्रिय इंसुलिन के वितरण का सफल प्रदर्शन किया है, और प्रदर्शन के परिणाम एसीएस एप्लाइड बायो मटेरियल पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।
पर्यटन मंत्रालय ने ‘देखो अपना देश‘ मैसूर के सदियों पुराने शिल्पों को प्रस्तुत किया
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। भारत के समृद्ध हस्तशिल्प धरोहर को प्रदर्शित करने एवं आगंतुकों तथा पर्यटकों को इसका अनुभव सुगम करने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने ‘देखो अपना देश‘ श्रृंखला के तहत ‘मैसूर: क्राफ्ट कारवां आफ कर्नाटक‘ नामक वेबीनार के माध्यम से मैसूर शहर के आसपास सदियों से फल फूल रहे चन्नापटना खिलौनों, रोजवुड इनले क्राफ्ट नामक शिल्प रूपों की मनमोहक यात्रा की पेशकश की।
14 मई, 2020 को देखो अपना देश वेबीनार श्रृंखला के 19वें सत्र को एनआईएफटी, बंगलुरु की निदेशक सुश्री सुसान थाॅमस, फैकल्टी एनआईएफटी, बंगलुरु के डा. यतींद्र लक्कना एवं एनआईएफटी, बंगलुरु की सुश्री शिल्प्रा राव द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने भारत के करघा एवं शिल्प की समृद्धि तथा शिल्प पर्यटन के इर्दगिर्द एक वैकल्पिक गाथा के निर्माण तथा पर्यटन मानचित्र पर स्वदेशी शिल्प को एक स्थान दिलाने में सहायता किए जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। प्रस्तुतिकरण में मैसूर की यात्रा करने वाले आगंतुकों के लिए दृश्य से पीछे की कहानी, शिल्प कलाकारों के शहरों एवं गांवों, जिन्होंने मैसूर के विभिन्न शिल्प रूपों को संरक्षित रखा है तथा उसका पालन पोषण करने में सहायता की है, की यात्रा करने के अवसरों का भी अनावरण किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस पर विशेष प्रस्तुति
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। प्रत्येक वर्ष 15 मई को इंटरनेशनल फैमिली डे यानि अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस बड़ी ही धूमधाम से पूरी दुनिया में मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस या विश्व परिवार दिवस इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कोविड-19 महामारी के समय में सभी लोगो को अपने परिवार के साथ मिलकर इस मुश्किल हालातों से लड़ना है और सबके साथ मिलकर आगे भी बढ़ना है। परिवार को आज भी समाज की एक मूल ईकाई माना जाता है। हर साल मई के महीने में मनाये जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस को संयुक्त परिवार के महत्व और जीवन में परिवार की जरुरत के प्रति युवाओं में जागरूकता फैलाने के लिए सेलिब्रेट किया जाता है।
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