Sunday, November 17, 2024
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हिमाचल में चुनाव का हुआ ऐलान, गुजरात का नहीं

राजीव रंजन नाग: नई दिल्ली। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के लिए आखिर चुनाव का बिगुल बज गया है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की तारीख का ऐलान कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने घोषणा की कि हिमाचल की 68 सीटों के लिए 12 नवंबर को मतदान होगा, जिसे एक ही चरण में पूरा कर लिया जाएगा। 8 दिसंबर को चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार द्वारा सिर्फ हिमाचल की चुनावी तारीखों का ऐलान किए जाने के बाद पत्रकारों ने उन पर सवालों की बौछार कर दी। उनसे पूछा गया कि एक साथ दोनों राज्यों में चुनाव क्यों नहीं कराए जा रहे, इसके पीछे क्या वजह है ?
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है। कुमार ने कहा, ‘दोनों राज्यों की विधानसभाओं की समाप्ति के बीच 40 दिनों का अंतर है। नियमों के अनुसार, यह कम से कम 30 दिन होना चाहिए ताकि एक परिणाम दूसरे को प्रभावित न करे।’ गुजरात विधानसभा का कार्यकाल फरवरी में और हिमाचल प्रदेश का कार्यकाल जनवरी में समाप्त हो रहा है। दोनों राज्यों में बीजेपी सत्ता में है।

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गौशाला का दीपावली तक शुभारम्भ करने का निर्देश

कानपुरः जन सामना डेस्क। जिलाधिकारी विशाख जी0 ने मंगलवार को ब्लॉक भीतरगाँव के बिरहर गाँव स्थित नव निर्मित गौशाला का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान को निर्देशित करते हुए कहा कि 10 दिनों में गौशाला के मार्ग का इंटरलॉकिंग का कार्य युद्ध स्तर पर पूर्ण किया जाये और दीपावली तक गौशाला का शुभारंभ कराया जाये।
उन्होंने ग्राम प्रधान को निर्देशित करते हुए कहा कि भूसा बैंक की स्थापना कर नैपियर ग्रास लगाई जाये। वहीं जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि बृहद गौशाला का क्रियान्वयन सुनिश्चित किए जाने हेतु यथाआवश्यक केयर टेकर तैनात करें।

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भारत माता के लौह लाडले थे जयप्रकाश नारायणः डॉ0 भवानीदीन

हमीरपुरः सत्येन्द्र कुमार। आजादी के अमृत महोत्सव की प्रासंगिकता को देखते हुये वर्णिता संस्था के तत्वावधान मे विमर्श विविधा के अन्तर्गत जिनका देश ऋणी है के तहत लोक आन्दोलन के अग्रेता लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जन्मदिन पर आज श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये कहा कि जे पी सही मायने भारत माता के लौह लाडला थे। ये जीवन भर देश सेवी रहे, इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। इनके बचपन का नाम बउल था, ये बचपन से ही सरल और संवेदनशील थे,ये मेधावी छात्र रहे, इनकी साहित्य मे भी रुचि रही, ये गांधी जी के असयोग आन्दोलन में 19 वर्ष की उम्र में प्रतिभागी हुये। ये 1922 मे अमरीका पहुंचे। वहां से बी ए और एम ए किया। जे पी ने अमरीका मे अर्थाेपार्जन के लिए कई कामों के साथ साथ बूटपालिश भी की। ये 1929 मे भारत लौट आये। इनकी 1929 में गांधी जी से भेट हुई, ये कई बार जेल गये। जे पी की नेहरू जी से भी मुलाकात हुई। आगे चलकर जे पी ने समाजवादी सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना की,1954 मे जे पी विनोबा भावे के सर्वाेदय आन्दोलन से जुड गये, 1960 मे ये पुनः राजनीति से जुड गये।

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मेरे दैनिक जीवन में आयुर्वेद की उपयोगिता विषयक प्रतियोगिता 13 को

कानपुर। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा0 बृजेश सिंह कटियार ने बताया है कि सप्तम आयुर्वेद दिवस के अन्तर्गत हर दिन हर घर आयुर्वेद कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। इस कार्यक्रम में ‘मेरे दैनिक जीवन में आयुर्वेद की उपयोगिता’ विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन जनपद में 13 अक्टूबर को विकास नगर स्थित जय नारायण विद्या मन्दिर में प्रातः 10 बजे से मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में किया जायेगा।
उन्होंने भाषण प्रतियोगिता से सम्बन्धित नियम, विवरण के बारे जानकारी देते हुये बताया कि इस प्रतियोगिता में कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के छात्र-छात्राएँ पात्र होंगे। प्रत्येक विद्यालय से अधिकतम 3 छात्र (एक कक्षा से अधिकतम एक छात्र) ही अनुमन्य होंगे। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागिता का कोई शुल्क नहीं है, प्रतियोगिता में प्रत्येक प्रतिभागी को भाषण हेतु 3 मिनट का समय दिया जायेगा, निर्णायक मण्डल द्वारा प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त छात्र-छात्राओं को पुरस्कार के रूप में क्रमशः रू0 5100/-, रू0 2100/- एवं रू0 1100/- प्रदान किया जायेगा।

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भारत की मुख्य धारा में जुड़ चुका है अनुपम अपूर्व पूर्वाेत्तर

मानव चिंतनशील प्राणी है अतएव अनवरत अज्ञेय को ज्ञेय करना चाहता है। रहस्य को उद्घाटित किए बिना इसे चौन कहाँ! वर्तमान से संतुष्ट होता ही नहीं और भविष्य में सपनों के बुर्ज खड़ा करता रहता है। तभी तो विकास एवं परिवर्तन की प्रक्रिया सुचारु हो पाती है। यह एक श्रृंखलाबद्ध प्रक्रिया है जो निरंतर चलती रहती है। समय-समय पर इसमें ऐसे लोग जुड़ जाते हैं जो नई सोच एवं नये जोश के साथ विकास की गति को तेज करने में सक्षम होते हैं। नए प्रतिमान गढ़ने में समर्थ होते हैं। नई इबारत लिख देते हैं। ऐसे लोग ही उस काल के महानायक, महाविजेता, महापुरुष कहलाते हैं जिनके प्रति आगामी पीढ़ियाँ कृतज्ञ होती हैं। पूर्वाेत्तर के गठन एवं सर्वांगीण विकास में कुछ महान लोगों की भूमिका अति महत्वपूर्ण रही है जिनके हम ऋणी हैं।
पूर्वाेत्तर असम है, मेघों का घर है, नागा, मणि एवं मिजो भूमि है, त्रिपुर देवी एवं अरुणोदय स्थल है। वनाच्छादित एवं प्राकृतिक सौंदर्य का अनूठा उदाहरण है। लिखित एवं मौखिक बहुभाषा एवं बहुबोली का क्षेत्र है। सम्पर्क भाषा के रूप में हिंदी पर आश्रित है। विविध संस्कृतियों एवं जाति/उपजाति एवं प्रजाति का निवास व प्रवास है। अर्थात् कह सकते हैं कि पूर्वाेत्तर क्या नहीं है! खलती रही तो बस एक कमी, शेष भारत से कुछ कटे-कटे रहना। इसमें गलती किसकी थी? इसमें गलती किसकी नहीं थी? इसके लिए हम गलत थे, आप गलत थे, ये भी गलत थे, हम सब गलत थे। शेष भारत ने इन्हें गले से लगाया नहीं। पड़ोसी देशों ने पलक पावड़े बिछाए, अपनत्व दिखाया या यूँ कहें तो जाल फेंककर लुभाया फिर फँसाया। तभी तो पूर्वाेत्तर से दिल्ली की दूरी बढ़ती गई और पड़ोसी देशों की दूरियाँ घटती गई। बाहरी सांस्कृतिक चासनी में डुबो डुबोकर धर्मांतरण कराया गया। परिणाम स्वरूप पूर्वाेत्तर के कुछ भाग अ-भारत जैसे लगने लगे थे।

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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस: अब हमारा समय है – हमारे अधिकार हमारा भविष्य

आदिअनादि काल से भारतीय संस्कृति में महिलाओं का बहुत सम्मान किया जाता रहा है। उन्हें देवियों का अवतार माना जाता रहा है, परंतु बड़े बुजुर्गों की कहावत सत्य ही है कि, समय कभी एक सा नहीं रहता परंतु उनकी वह भी शिक्षा है कि वह अपनी सकारात्मक सोच सच्चाई नारी सम्मान परमार्थ बुरी नजर से बचना सहित अनेक गुणों को समय के साथ न बदलते हुए स्थाई रखना मानवीय स्वभाव में समाहित करना जरूरी है। परन्तु जैसे-जैसे समय बीतता गया इनकी स्थिति में काफी बदलाव आया, लड़कियों के प्रति लोगों की सोच बदलने लगी, बालविवाह प्रथा, सती प्रथा, दहेज़ प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या इत्यादि रुढ़िवादी प्रथायें काफी प्रचलित हुआ करती थी, इसी कारण लड़कियों को शिक्षा, पोषण, कानूनी अधिकार और चिकित्सा जैसे अधिकारों से वंचित रखा जाने लगा था, लेकिन अब इस आधुनिक युग में लड़कियों को उनके अधिकार देने और उनके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं। भारतीय सरकार भी इस दिशा में काम कर रही है और कई योजनायें लागू कर रही है। चूंकि 11 अक्टूबर 2022 को हम अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मना रहे हैं जिसकी थी। अब हमारा समय है-हमारे अधिकार हमारा भविष्य, इसलिए आज हम मीडिया के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से दुनिया को बदलने के लिए सही साधनों के साथ बालिकाओं को सुरक्षित शिक्षित सशक्त और स्वस्थ जीवन शैली सुनिश्चित करना समय की मांग है इसपर चर्चा करेंगे।

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शातिर अपराधी अमजद बच्चा को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की

⇒पीड़ित डाक्टर ने हमलावर अमजद बच्चा से अपनी जान का बताया खतरा!
⇒कई सफेदपोशों का हाथ रहता है अमजद बच्चा पर!
कानपुरः अवनीश सिंह। बिगत 4 अक्टूबर को अनवरगंज थानाक्षेत्र में हुए डाक्टर नसीम आलम के साथ गोलीकांड का आरोपी अमजद बच्चा अभी तक फरार है। पीड़ित डाक्टर ने नसीम आलम पुलिस अधिकारी से मिलकर सुरक्षा की गुहार लगाई और हमलावर को गिरफ्तार करने की मांग की है।
बताते चलें कि अनवरगंज थाना क्षेत्र अन्तर्गत रात्रि में घटित गोलीकांड में डाक्टर नसीम आलम के घायल होने के बाद पुलिस ने 307 जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था और इस वारदात में डी -2 गैंग का शार्प शूटर अमजद बच्चा आरोपी बनाया गया था। आरोपी को शातिर किस्म का अपराधी बताया गया है। आरोपी अमजद बच्चा दो दशक पूर्व डीटू गैंग रफीक, अतीक, शफीक के लिये काम किया करता था। पीड़ित डाक्टर के अनुसार, 3 साल पहले भी उनके ऊपर अमजद बच्चा ने हमला किया था।
पीड़ित डाक्टर के अनुसार, हमलावर अमजद बच्चा इसके पूर्व में भी पैसे लेकर कई हत्याएं करवा चुका है। इसी भय के चलते वह अपनी क्लिनिक भी ठीक से नहीं चला पा रहा है।

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मुलायम का जाना राजनीति व सामाज की बड़ी क्षतिः बृजेश पाठक

लखनऊः जन सामना डेस्क। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को सुबह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल निधन हो गया। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें पहली अक्टूबर को आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उनके निधन से प्रदेश व राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है।
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सपा के वरिष्ठ नेता के निधन से मैं बहुत दुखी हूं। दुःख की इस घड़ी में हम उनके परिवार के साथ हैं। उनके निधन से मैं निशब्द हूं। राजनेता, वरिष्ठ प्रशासक, जमीनी नेता और बहुत अच्छे इंसान। उनका निधन राजनीति व समाज की बड़ी क्षति है। भारतीय मूल्यों में उनकी गहरी आस्था थी। समाज के कमजोर और वंचित वर्ग के करोड़ों लोगों की आवाज थे। उन्होंने किसानों, युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अनगिनत प्रयास किए।

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चीनी आक्रामकता का सामना करेंगे भारत-ताइवान

दो अक्टूबर को ताइवान के अनौपचारिक राजदूत बौशुआन गेर ने एक साक्षात्कार में क्षेत्र में चीन के आक्रामक रुख का जिक्र करते हुए कहा कि भारत और ताइवान दोनो एक अधिनायकवादी चीन का सामना कर रहे हैं। इसलिए अब समय आ गया है कि उसकी निरंकुशता के खतरे एवं विस्तार को ध्यान में रखकर भारत और ताइवान को न केवल निकट रणनीतिक सहयोग बढ़ाने की जरूरत है बल्कि आवश्यक है। उन्होंने पूर्व और दक्षिण चीन सागर, हांगकांग और गलवान घाटी में में तनाव को रेखांकित करते हुए कहा कि कि इस खतरे से निपटने के लिए भारत और ताइवान को हाथ मिलाने की जरूरत है। चीन की सैन्य आक्रामकता के मद्देनजर ताइवान की खाड़ी में न्याय, शान्ति और स्थिरता के लिए खड़े रहने के लिए उनका देश भारत की सराहना करता है। इस समय भारत और ताइवान साइबर, समुद्र, अंतरिक्ष, हरित उर्जा, खाद्य सुरक्षा, पर्यटन और पाक कला के क्षेत्र में सहयोग बढ़ा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि भारत और ताइवान के साथ औपचारिक कूटनीतिक संबंध नहीं हैं लेकिन दोनों के बीच व्यापारिक संबंध हैं। नई दिल्ली ने 1995 में ताइपे में दोनों पक्षों के बीच बढ़ावा देने के लिए भारत-ताइपे संघ की स्थापना की गई थी। अब उम्मीद है कि ताइवान से सम्बन्ध बढ़ेंगे।

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समाजवादी नेता मुलायम सिंह का निधन

⇒उप्र सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की
⇒प्रधानमन्त्री मोदी सहित देश के अनेक नेताओं दी श्रद्धाँजलि
गुरूग्रामः जन सामना डेस्क। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव (82 वर्ष) का आज गुरुग्राम स्थित मेदांता हॉस्पिटल में निधन हो गया। बताते चलें कि पिछले दिनों से स्वास्थ्य खराब होने की वजह से श्री यादव को मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज जारी था किन्तु 2 अक्टूबर से उनकी तबीयत निरन्तर चिंताजनक बनी हुई थी। उनके निधन की जानकारी उनके बेटे, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दी है। मुलायम सिंह यादव समाजवादी धारा के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के अलावा मुलायम सिंह यादव देश के रक्षा मंत्री भी रहे हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी। श्री यादव का पूरा परिवार राजनीति में है। मुलायम सिंह यादव का स्वास्थ्य खराब होने के बाद से ही उनके समर्थक, उनके स्वस्थ होने की कामना कर रहे थे। आज श्री यादव का देहावसान हो गया। इलाज के दौरान स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिलेश यादव से फोन पर बात की थी और उनका हालचाल जाना था। इसके अलावा देश के वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी हॉस्पिटल पहुंचे थे और मुलायम सिंह यादव की तबीयत की जानकारी ली थी। श्री यादव जीवन रक्षक दवाओं पर थे।
आज उनके निधन पर सपा अध्यक्ष और मुलायम के पुत्र अखिलेश यादव ने एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। अखिलेश ने ट्वीट में कहा, ‘‘मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे।’’ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर समाजवादी पार्टी में शोक की लहर है।
मुलायम सिंह यादव के निधन की खबर मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया और प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर कुछ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, ‘‘ जब हम अपने-अपने राज्यों (गुजरात एवं उत्तर प्रदेश) के मुख्यमंत्री थे, तब उनके साथ कई बार बातचीत का अवसर मिला। घनिष्ठता हमेशा बनी रही और मैं हमेशा उनके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक रहता था।’’ मोदी ने कहा, ‘‘परिवार और उनके लाखों समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।’’
श्री यादव के निधन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शोक व्यक्त किया और उनके परिवार एवं प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

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