Sunday, November 17, 2024
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राम सार्वजनिक सेवा समिति ने किया अन्नपूर्णा रसोई का आयोजन

कानपुर, स्वप्निल तिवारी। करोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉक डाउन 2.0 के उन्नीस दिन की बंदी के साथ कानपुर की समाज सेवी संस्थाएं जोकि रोज कमाने और खाने वाले मजदूरों एवं गरीबों तक भोजन पहुंचाने का काम कर रहे हैं आपको बताते चलें कि ऐसी ही एक संस्था 22 मार्च से लगातार अपने कर्तव्यों का पालन करती नजर आ रही है। इसके साथ.2 भोजन भी कई क्षेत्रों में वितरित कर रही है। श्री राम सार्वजनिक सेवा समिति पशुपति नगर वाई ब्लॉक के कथा पार्क में अन्नपूर्णा रसोई का आयोजन किया गया था।तब से संस्था लगातार द्वारा जरूरतमंद गरीबो की बस्तियों में व मजदूरों को 22 मार्च से लगातार 1000 लंच पैकेट वितरित कर रही है। अन्नपूर्णा रसोई में किदवई नगर विधायक महेश त्रिवेदी का भी बराबर का सहयोग मिल रहा है।विधायक ने लंच पैकेट भी पैक कराएं, समिति के प्रमुख रुप से प्रेम कुमार बाजपेई, देवेश त्रिवेदी, लाला अग्निहोत्री, मोनू पांडे, विवेक बाजपेई, गणेश शुक्ला, अजय अग्निहोत्री, विवेक द्विवेदी, हितेश, लाला दुबे, इंजीनियर ऋषभ शुक्ला एवं अन्य लोगो का भी सहयोग मिलता रहता है। भोजन बंटवाने और पैक कराने में इलाके के लोगो का साथ मिल रहा है।

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अधिकारियों/कर्मचारियों ने कोविड-19 से पीड़ित नागरिकों के सहयोग जमा करायी धनराशि

प्रयागराज,जन सामना ब्यूरो। मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी कार्यालय के समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों ने कोविड-19 से पीड़ित नागरिकों के सहयोग हेतु चीफ मिनिस्टर्स डिस्टेस रिलीफ फंड, में जमा करायी धनराशि
मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी प्रयागराज डा0 राजेन्द्र प्रसाद राय ने बताया है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से पीड़ित नागरिकों को सहयोग हेतु मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी प्रयागराज एवं अधीनस्थ कार्यरत समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों ने स्वंय आगे बढ़कर इस महामारी की लड़ाई में दिनांक 15 अप्रैल 2020 को रू0 501500.00 रू0 पांच लाख एक हजार पांच सौ मात्र, की धनराशि चीफ मिनिस्टर्स डिस्टेªस रिलीफ फंड में जमा करायी गयी है। महामारी की इस संकट की घड़ी में पशुपालन विभाग के पशुचिकित्सक एवं सहायक स्टाफ नियमित रूप से अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर आवश्यक/अनिवार्य सेवायें प्रदान कर रहे है।

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कृषकों से समन्वय स्थापित कर भूसे का भण्डारण करना सुनिश्चित करें. मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी

प्रयागराज, जन सामना ब्यूरों। मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी प्रयागराज डा0 राजेन्द्र प्रसाद राय ने बताया है कि मुख्यमंत्री, उ0प्र0 सरकार द्वारा दिये गये निर्देश के अनुसार सभी जनपदों में निराश्रित गोवंशों के भरण पोषण हेतु भूसा बैंक स्थापित किये जाय। इसे क्रम में निराश्रित गोवंशों के भरण पोषण हेतु जनपद में संचालित 123 अस्थाई गो संरक्षण केन्द्रों एवं 02 बृहद गो संरक्षण केन्द्रो के प्रभारियों को निर्देश दिये गये है कि गो संरक्षण केन्द्रो पर संरक्षित गोवंशों को साल भर भूसा उपलब्ध हो सके, इस हेतु कृषकों से समन्वय स्थापित करते हुए भूसे का भण्डारण करना सुनिश्चित करें साथ ही साथ सभी ग्राम प्रधान अपने स्तर से कृषकों को भी जागरूक करते हुए भूसे के बरबाद होने से बचाने तथा अधिक से अधिक मात्रा में भूसे का भण्डारण करने हेतु प्रोत्साहित करें।

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पनकी शताब्दी नगर शिवालिक फ्लैट में शव मिलने से हड़कंप

कानपुर : जन सामना संवाददाता। पनकी थाना क्षेत्र के अंतर्गत दो युवतियों के शव मिलने से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल। पनकी के शताब्दी नगर में कानपुर विकास प्राधिकरण की बहुमंजली योजना शिवालिक में दिल दहला देने वाला वाक्या सामने आया है। जनता लॉक डाउन के चलते अपने – अपने घरों में है, वहीं पुलिस विभाग दिन – रात महामारी से जंग लड़ रही है। इस तरह की घटनाओं से पुलिस की मुश्किलें और बढ़ रहीं है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार युवतियों ने कुछ दिन पहले ही फ्लैट किराए पर लिया था।
बदबू आने से स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी और पुलिस तुरन्त मौके पर पहुँच कर फ्लैट का दरवाजा तोड़कर अन्दर प्रवेश हुई तो देखा दो युवतियों के शव खिड़की के सहारे फंदे से लटके हुए है। शवों से दुर्गन्ध आ रही थी, शवों से पता चलता है कि कई दिन के है।
फ्लैट को सील कर शवों को पुलिस ने अपनी कस्टडी में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
घटना और युवतियों के बारे में कोई जानकारी नहीं प्राप्त हो सकी। पुलिस पूरी तरह जांच में जुटी।

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ग्राम पंचायतें सक्रियता के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड -19 के प्रसार को रोकने के उपाय कर रही हैं

जिला और गाँव स्तर पर किये जाने वाले विभिन्न उपायों में शामिल हैं, सार्वजनिक स्थानों की दैनिक स्वच्छता; निराश्रित व्यक्तियों और प्रवासी लोगों के लिए आश्रय और क्वारंटाइन केंद्र स्थापित करना; जरूरतमंदों को सुरक्षा गियर, वित्तीय सहायता और भोजन/राशन प्रदान करना और बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना
देश भर में जिला प्रशासन और ग्राम पंचायतें ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड -19 महामारी के प्रसार की रोकथाम के लिए विभिन्न उपाय कर रही हैं। पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार राज्य सरकारों, जिला अधिकारियों और ग्राम पंचायतों के साथ निरंतर संपर्क में है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लॉकडाउन की शर्तों का उल्लंघन नहीं किया जा रहा है और सामाजिक दूरी बनाये रखने के नियमों का निष्ठापूर्वक पालन किया जा रहा है।
पंचायत स्तर पर विभिन्न पहल की जा रही हैं, जिन्हें अन्य, सर्वोत्तम प्रथाओं के उदाहरण के रूप में अपना सकते हैं। इनमें से कुछ निम्न हैं –
उत्तर प्रदेश:

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घर से बुलाकर प्रत्येक व्यक्ति को राशन वितरित कर रहे बाबा कोटेदार

प्रयागराज, पत्रकार मिथलेश वर्मा। आज दिन गुरुवार ग्राम पंचायत सेख सरवां बमरौली में सरकार के आदेश का पालन करते हुए कोटेदार सोहन लाल (बाबा कोटेदार) क्षेत्रीय जनता को सभी कार्ड धारकों को फ्री में राशन बांट रहे हैं। आज पूरे देश में कोरोना महामारी प्रकोप के कारण लोगों के सामने खाने-पीने के लिए घोर मुसीबत उत्पन्न हो गई है। जिससे भारत सरकार ने देश के सभी कोटेदारों को आदेश दिया है कि आप लोग सभी कार्ड धारकों को चाहे वह जिस समुदाय या चाहे जिस श्रेणी का हो उन सभी लोगों को फ्री में राशन वितरण कीजिए। सरकार के आदेश को अनुसरण करते हुए बाबा कोटेदार ने सभी लोगों को घर से बुलाकर प्रत्येक व्यक्ति को राशन वितरित कर रहे हैं। जिससे क्षेत्र की जनता को भूखे ना रहना पड़े सरकार का मानना है कि जब तक समूचे देश में कोरोना महामारी के कारण लाॅक डाउन लगा हुआ है और लोगों का काम धंधा ठप पड़ा है। तब तक सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि प्रत्येक व्यक्ति की हर संभव मदद होनी चाहिए। जिससे वह भूखा ना रह सके। सरकार इसके लिए संकल्प बध्य है।

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एसएससी ने परीक्षा कार्यक्रम की घोषणा की

एसएससी के सभी अधिकारी और स्टाफ सदस्य पीएम केयर्स फंड में एक दिन के वेतन का योगदान देंगे
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के लिए कर्मचारी चयन आयोग की एक विशेष बैठक आयोजित की गई।
सोशल डिस्टैंसिंग सहित विद्यमान लाकडाउन को देखते हुए, फैसला किया गया कि सभी परीक्षाओं, जिसके लिए उम्मीदवारों को देश के सभी भागों की यात्रा करने की आवश्यकता पड़ती थी, की तिथि की समय समय पर समीक्षा की जाएगी। कंबाइंड हायर सेकेंडरी (10प्लस2) लेवल परीक्षा (टियर-1) 2019, जूनियर इंजीनियर (पेपर-1) परीक्षा 2019, स्टेनोग्राफर ग्रेड ‘सी‘ एवं ‘डी‘ परीक्षा, 2019 एवं कंबाइंड हायर सेकेंडरी लेवल परीक्षा 2018 के लिए कौशल परीक्षा लाकडाउन के दूसरे चरण की पूर्णता का अनुसरण करते हुए 3 मई, 2020 के बाद ली जाएंगी।

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वायुसेना के चीता हेलिकाप्टर की आपातकालीन लैंडिंग

नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। एक चीता हेलिकाप्टर लेह के टेस्ट सैपलों को ले जाने के कोविड-19 कार्य के लिए हिंडन से चंडीगढ़ जा रहा था। हिंडन से लगभग 3 एनएम आगे वायुयान में एक तकनीकी बाधा आ गई और उसे आउटर रिंग रोड राजमार्ग पर सुरक्षित लैंडिंग करनी पड़ी। पायलटों द्वारा की गई कार्रवाई त्वरित और सटीक थी। किसी भी संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। तत्काल हिंडन से रिकवरी वायुयान भेजा गया। वायुयान को दुरुस्त कर लिया गया और वह तत्काल तथा सुरक्षित तरीके से हिंडन वापस आ गया।

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स्वास्थ्य विभाग में प्रशिक्षित अमले की कमी, 10 हजार लोगों पर मात्र एक डॉक्टर

भारत एक ओर कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की कमी का सामना भी कर रहा है। भारत में अनुमानित तौर पर 6 लाख डॉक्टरों, 20 लाख नर्सों और 7 लाख फार्मासिस्टों की कमी है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि भारत में एंटीबायोटिक व अन्य दवाइयां देने के लिए उचित तरीके से प्रशिक्षित स्टाफ की कमी है, जिससे जीवन बचाने वाली दवाइयां मानक के अनुरूप मरीजों को नहीं मिल पाती हैं।
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज डाइनामिक्स, इकॉनॉमिक्स एंड पॉलिसी (सीडीडीईपी) की रिपोर्ट के मुताबिक एंटीबायोटिक उपलब्ध होने पर भी भारत में लोगों को बीमारी पर 65 फीसदी खर्च खुद उठाना पड़ता है। यह हर साल 5.7 करोड़ लोगों को गरीबी के गर्त में धकेलता है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में हर साल 57 लाख ऐसे लोगों की मौत होती है, जिन्हें एंटीबायोटिक दवाइयों से बचाया जा सकता था। ये मौतें कम और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं। ये मौतें एंटीबायोटिक प्रतिरोधी संक्रमणों से हर साल होने वाली अनुमानित 7 लाख मौतों की तुलना में अधिक है।

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कोरोना कहर में भी फार्मासिस्ट को नहीं पहचान पा रही है सरकार

विकसित देशों में जो रोल डॉक्टर का होता है उसके समकक्ष फार्मासिस्ट को भी माना जाता है। वहाँ डॉक्टर सिर्फ डाइग्नोस्ट करता है और बीमारी की मेडिसिन फार्मासिस्ट लिखता है। वहाँ पर डॉक्टर व फार्मासिस्ट को गाड़ी के दो पहियों की तरह माना जाता है किंतु विडंबना देखिये कि हमारा देश उन देशों की अपेक्षा मेडिकल क्षेत्र में बहुत पीछे है फिर भी यहां फार्मासिस्ट को कोई महत्व ही नहीं दिया जाता है। मुझे तो ऐसा प्रतीत होता है कि यहाँ के लोग यह जानते ही नहीं हैं कि फार्मासिस्ट होता क्या है और उसका काम क्या है? शायद वो सिर्फ यह समझते हैं कि फार्मासिस्ट सिर्फ दवा वितरण का कार्य करता है।
अभी हाल ही में माननीय प्रधामंत्री जी ने सभी फार्मा कंपनीज को कड़े शब्दों में चेतावनी दी थी कि सुधर जाओ नहीं तो स्ट्रिक्ट कानून बना देंगे। मैं इस फैसले का स्वागत करता हूँ किन्तु एक बात मैं अपने प्रधानमंत्री जी से पूछना चाहूंगा कि यह कानून सिर्फ ज्यूरिस्प्रूडेंस की किताब में पढ़ने के लिए बनेगा या फिर इसका पालन भी सुनिश्चित किया जायेगा। ये सवाल इसलिए पूछ रहा हूँ क्योंकि फार्मा सेक्टर में कानूनों की कोई कमी नहीं है लेकिन सिर्फ और सिर्फ दवा संबंधी कानूनों का इस देश में कड़ाई से पालन ही नहीं हो रहा है। आप नया कानून ला रहे हैं अच्छी बात है लेकिन जब मैं आत्मचिंतन करता हूँ तो मन में एक ही शंका बार-बार घर कर जाती है कि क्या ये कानून बनने के बाद कड़ाई से लागू होगा?

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