चन्दौली| शहाबगंज थाना क्षेत्र में 20 अप्रैल को क्षेत्र के कुशडेहरा मौजे में अमाव गांव निवासी कुश चौहान 30 वर्ष का शव मिलने से हड़कंप मच गया था।उस दौरान मृतक के पिता ने किसी अज्ञात के द्वारा पुत्र की हत्या का आरोप लगाया था। जिस के संबंध में स्थानीय थाने पर मुकदमा अपराध संख्या 34/21 धारा 302 आईपीसी बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया था।उसके बाद अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिया था, जिसके तहत प्रभारी निरीक्षक शहाबगंज मनोज कुमार के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा इलेक्ट्रॉनिक व धरातलीय साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की जा रही थी,जिस क्रम में अवधेश चौहान व वासुदेव चौहान निवासीगण अमांव के खिलाफ हत्या करने के संबंध में पुष्ट साक्ष्य के आधार पर बड़ौरा चौराहे के पास से घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल के साथ गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद अभियुक्तों से अलग-अलग पूछताछ की तो पता चला कि इस वर्ष ग्राम पंचायत चुनाव में अभियुक्त अवधेश उर्फ टीटी चौहान की पत्नी संगीता प्रत्याशी थी और मृतक कुश चौहान भी दारु शराब पीने खाने के चक्कर में साथ में उनका चुनाव प्रचार करता था किंतु कुश चौहान को जब दारु शराब नहीं मिला तो वह वोटरों को भड़काने लगा, इसी बात को लेकर अभियुक्तगणों ने योजना बनाई कि इसको रास्ते से हटा दिया जाए नहीं तो ग्राम प्रधानी के चुनाव में निश्चित ही हार हो जाएगी।
Read More »हाईवे निर्माण विभाग की लापरवाही से सर्विस लेन का कार्य अधूरा
⇒बेलगाम हुए अधिकारी, नेता भी फरमा रहे आराम
⇒बदहाल नगर की सड़कें,जनता के बीच चक्का जाम करने जैसी चर्चाएं तेज
पवन कुमार गुप्ताः रायबरेली। प्रयागराज-लखनऊ राजमार्ग पर आए दिन सड़कों की हालत खस्ता हो रही है।सड़कों पर जगह-जगह बने गड्ढे वाहन चालकों के साथ ही आम राहगीरों के लिए भारी परेशानी का सबब बन गए हैं।मुख्य राजमार्ग पर ऊंचाहार में बने रेलवे ओवरब्रिज ने आम राहगीरों की समस्या को कई गुना बढ़ा दिया है।गड्ढा युक्त और जल मग्न सड़क पर वाहनों की रफ्तार में भी विराम लग गया है।नगर की अधिकांश सड़कें काफी समय से जर्जर है इन पर इतने गहरे गड्ढे हो गए हैं कि कई स्थानों पर सिर्फ सड़क का नामोनिशान बाकी है।रात के समय अंधेरे में इन रास्तों पर दुर्घटनाओं की संभावना अधिक हो जाती है।मुख्य राजमार्ग के ऊंचाहार रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज के निर्माण होने से यातायात तो सुगम हो गया है लेकिन नगर का व्यापार ठप सा हो गया है। स्थानीय लोगों के लिए यह ओवरब्रिज नासूर साबित हो रहा है।
वहीं एनएच विभाग ने रेलवे फाटक पर ओवर ब्रिज का निर्माण कर सरकारी अधिकारियों के सामने कार्य संपन्न होने का ढिंढोरा पीट दिया है जबकि तहसील कार्यालय में तैनात उप जिलाधिकारी महोदय के नगर में आने जाने का यही एक रास्ता है लेकिन फिर भी उप जिलाधिकारी महोदय की उदासीनता के कारण नगर की आम जनता ओवर ब्रिज के नीचे गड्ढा युक्त और कीचड़ से भरी सर्विस लेन पर चलने को मजबूर है वहीं ब्रिज के दूसरी तरफ बनी सड़क जो कि गुणवत्ता हीन होने के कारण उसमें भी जगह जगह पर बड़े गड्ढे हो गए हैं और बारिश होने पर ओवर ब्रिज के दोनों और सर्विस लेन पर पानी लबालब भरा होता है और निराश ग्रामीण मजबूरी में उसके बीच से होकर निकलते रहते हैं।क्षेत्रीय विधायक और तमाम तरह के उभरते हुए नेताओं से भी इस जर्जर सड़क का मामला छिपा नहीं है लेकिन इसे दुरुस्त कराने के लिए आगे कौन आएगा यह तो पता नहीं।
नमामि गंगे ने एनआईयूए के साथ मिलकर आयोजित की गयी राष्ट्रीय स्तर की थीसिस प्रतियोगिता ‘री-इमेजिनिंग अर्बन रिवर’ के विजेताओं की घोषणा की
NEW DELHI: राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) और नेशनल इंस्टीट्यूट फोर अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) ने सितंबर 2020 में एक राष्ट्रीय स्तर की थीसिस प्रतियोगिता ‘री-इमेजिनिंग अर्बन रिवर’ का आयोजन किया था। यह आयोजन दोनों संगठनों द्वारा देश के शहरों में नदी-संवेदनशील विकास को बढ़ावा देने के लिए कार्यान्वित की जा रही एक संयुक्त परियोजना के तहत किया गया था। यह शहरी नदी के मुद्दों के समाधान की परिकल्पना और शोध की खातिर युवा मस्तिष्कों को जोड़ने के लिए अपनी तरह की पहली पहल है। इस थीसिस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों की बौद्धिक क्षमता और रचनात्मकता का दोहन करना है ताकि वे शहरों से होकर बहने वाली नदियों और उनसे जुड़ी विशेषताओं के दृष्टिकोण तथा प्रबंधन की पुन: कल्पना कर सकें। प्रतियोगिता के तीन विषय थे – जल निकायों और / या आर्द्रभूमि की पुन: कल्पना, पर्यावरण के अनुकूल रिवरफ्रंट परियोजनाओं का विकास और नदी पर्यटन को बढ़ावा देना। देश भर के प्रमुख संस्थानों के छात्रों ने 19 अगस्त, 2021 को नई दिल्ली के इंडियन हैबिटेट सेंटर में आयोजित प्रतियोगिता के ग्रैंड फिनाले में अपनी थीसिस प्रस्तुत की।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक श्री राजीव रंजन मिश्रा ने कहा, “नमामि गंगे कई नवीन विशेषताओं के साथ एक एकीकृत कार्यक्रम है और नदी के कायाकल्प में नए विचारों और दृष्टिकोणों को प्राप्त करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के साथ जुड़ा हुआ है।” उन्होंने बताया कि इस थीसिस प्रतियोगिता के पीछे विचार युवा शोधकर्ताओं और विद्वानों के साथ लगातार जुड़ना था जो एकीकृत तरीकों से सोच सकते हैं और नियोजन से जुड़े नये दृष्टिकोण रख सकते हैं। वे नए और नवोन्मेषी विचार भी साझा कर सकते हैं। श्री मिश्रा ने इस तरह की सोच को समाज में स्थायी रूप से शामिल करने के लिए नदी और शहर का एक गठबंधन विकसित करने का विचार भी साझा किया।
सड़क सुरक्षा की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यातायात कानून-पालन के लिये अधिसूचना
नई दिल्लीः अखिलेश सिंह। सड़क सुरक्षा की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यातायात कानून-पालन के लिये सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना जीएसआर 575(ई), 11 अगस्त, 2021-नियम 167ए जारी कर दी है। नियमों के तहत यातायात कानूनों का पालन कराने के लिये इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का विस्तार से प्रावधान किया गया है। प्रावधानों में गति पकड़ने वाला कैमरा, सीसीटीवी कैमरा, स्पीड गन, शरीर पर धारण करने वाला कैमरा, मोटर के डैशबोर्ड पर लगाने वाला कैमरा, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट की पहचान सम्बंधी उपकरण (एएनपीआर), वजन बताने वाली मशीन और अन्य प्रौद्योगिकियां शामिल की गई हैं।
राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करेंगी कि यातायात कानूनों का पालन कराने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों के अति जोखिम तथा अति व्यस्त रास्तों पर लगाया जाये। इसके अलावा कम से कम उन सभी प्रमुख शहर के महत्त्वपूर्ण चौराहों-गोल चक्करों पर इन उपकरणों को लगाया जाये, जिन शहरों की आबादी दस लाख से अधिक हो। इसमें 132 शहरों का विवरण शामिल है, जिनका ब्योरा नियमों की तालिका में देखा जा सकता है।
कानून लागू कराने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को इस तरीके से लगाया जायेगा, जिसके कारण न तो कोई बाधा पैदा होगी, न देखने में दिक्कत होगी और न यातायात में कोई व्यवधान पड़ेगा। निम्नलिखित नियम-उल्लंघन के लिये इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनकी फुटेज में स्थान, तिथि और समय दर्ज हो। इनका उपयोग चालान जारी करने में किया जायेगाः-
1. निर्धारित गति-सीमा के दायरे में वाहन नहीं चलाना (धारा 112 और 183);
2. अनधिकृत स्थान पर वाहन रोकना या पार्क करना (धारा 122) ;
3. वाहन चालक और पीछे बैठी सवारी के लिये सुरक्षा का ध्यान न रखना (धारा 128) ;
4. हेलमेट न पहनना (धारा 129);
लैंगिक समानता पर जन-जागरण हेतु छात्रा को 500 अमेरिकी डालर का पुरस्कार
लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) की कक्षा-12 की छात्रा शिवांगी पाठक को चित्रकला के माध्यम से लैंगिक समानता पर जनमानस को जागरूक करने के उपलक्ष्य में 500 अमेरिकी डालर का पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया है। शिवांगी को यह पुरस्कार अमेरिकी संस्था ‘द विद्या प्रोजेक्ट’ एवं सिटी स्प्राउट्ज के संयुक्त तत्वावधान में प्रदान किया गया। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. की इस प्रतिभाशाली छात्रा ने ‘चेन्ज मेकर्स एकेडमी प्रोग्राम’ में प्रतिभाग कर अपनी अनूठी चित्रकला के माध्यम से लैंगिग समानता को प्रभावशाली अभिव्यक्ति प्रदान की। इस प्रोग्राम’ के अन्तर्गत शिवांगी ने लैंगिक समानता पर एक से बढ़कर चित्र बनाकर अपनी सृजनशीलता व रचनात्मक सोच का प्रभावशाली उदाहरण प्रस्तुत किया। शिवांगी ने महिलाओं के समान अधिकारों पर जोर देते हुए एक पोस्टर बनाया, साथ ही साथ उसने महिला अधिकारों पर उल्लेखनीय कार्य करने वाली प्रसिद्ध वकील रूथ बेडर गिन्सबर्ग का एक चित्र बनाया, जिनके लिंगवाद के अनुभव ने उन्हें एक वकील के रूप में काम करने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा, शिवांगी ने इस अवसर पर एक केस स्टडी प्रस्तुत की कि एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर युवा पीढ़ी लैंगिक असमानता के खिलाफ किस प्रकार से अपनी लड़ाई लड़ें।
श्री शर्मा ने बताया कि अपनी चित्रकला के माध्यम से शिवांगी ने सारे विश्व को संदेश दिया है कि सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में चित्रकला एक सशक्त माध्यम है। प्रत्येक देश, क्षेत्र व भाषा का कोई भी इंसान चित्रों के माध्यम से अभिव्यक्त भावनाओं की समझ सकता है।
गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाक के नापाक इरादे
भारत के बार-बार विरोध जताने के बावजूद पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान को लेकर अपने नापाक इरादों से बाज नहीं आ रहा है। सामरिक रूप से अत्यन्त महत्वपूर्ण वाले इस इलाके को अस्थायी प्रान्त का दर्जा देने के लिए पाकिस्तान नें कानून की रूपरेखा तैयार कर ली है। भारत ने इसका सख्त विरोध करते हुए इस्लामाबाद से साफतौर पर कहा है कि गिलगित-बाल्टिस्तान समेत जम्मू-कश्मीर व लद्दाख का पूरा केन्द्रशासित इलाका भारत का अखण्ड हिस्सा है। भारत का कहना है कि पाक सरकार या उसकी न्यायपालिका का अवैध रूप से या जबरन कब्जा किए गए स्थानों पर कोई अधिकार नहीं है।
पाकिस्तान की इस नई योजना के मुताबिक कानून व न्याय मंत्रालय के प्रस्तावित कानून के तहत गिलगित-बाल्टिस्तान की सर्वोच्च अपीलीय अदालत समाप्त की जा सकती है। 26 वें संवैधानिक संशोधन विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया गया है और इसे प्रधानमंत्री इमरान खान को सौंप दिया गया है। प्रस्तावित कानून में सुझाव दिया गया है कि इस क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रान्तों और क्षेत्रों से संबंधित संविधान के अनुच्छेद-1 में संशोधन करके उसे अस्थायी प्रान्त का दर्जा दिया जा सकता है। गिलगित-बाल्टिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की सरकारों समेत विभिन्न पक्षकारों से इस विचार विमर्श भी कर लिया गया है।
दर असल पाकिस्तान का मकसद इस सामरिक क्षेत्र में 46 अरब अमेरिकी डाॅलर की लागत से बनाए जाने वाले आर्थिक काॅरीडोर पर चीन की चिन्ताएं दूर करना है। पाकिस्तान ने यह काॅरीडोर बनाने के लिए कुछ समय पहले चीन से करार किया था जिसके तहत तीन हजार किलोमीटर लम्बे इस आर्थिक गलियारे का लगभग 634 किलोमीटर का हिस्सा गिलगित- बाल्टिस्तान से होकर गुजरेगा। इसी कारण जम्मू-कश्मीर के उत्तर में स्थित यह क्षेत्र चीन के साथ महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में जाना जाता है और चीन-पाकिस्तान आर्थिक काॅरीडोर ;सीपीईसीद्ध के प्रमुख मार्ग पर स्थित है। यह सड़कों, राजमार्गों, रेलवे और निवेश पार्कों के नेटवर्क के जरिए दक्षिणी पाकिस्तान के ग्वादर बन्दरगाह से पश्चिमी चीन के काशगर को जोड़ता है।
गुलाम कश्मीर के रास्ते सीपीईसी बनाए जाने को लेकर भारत कई बार आपत्ति जता चुका है। इसके बाद से ही चीन इस क्षेत्र में निवेश को लेकर चिंतित है क्योंकि विवादित क्षेत्र होने के कारण इस इलाके निवेश सुरक्षित नहीं हैं। चीन की इसी चिन्ता को दूर करने के लिए पाकिस्तान अपनी इस योजना में इस क्षेत्र को प्रांतीय दर्जा देना चाहती है लेकिन यह दर्जा सामान्य प्रान्त की तुलना में छोटा होगा। अभी तक पाक अधिकृत कश्मीर, आजाद कश्मीर व गिलगित- बाल्टिस्तान नामक दो भागों में बंटा है। दोनों क्षेत्रों की अपनी-अपनी विधान सभाएं हैं जो अन्दरूनी तौर पर स्वायत्त हैं। एक विशेष मंत्री और संयुक्त परिषदों के जरिए पाकिस्तान यहां पर शासन करता है।
Afghan Taliban Crisis: सोशल मीडिया में मचा कोहराम, लोग पूछ रहे सवाल, क्यों करनी चाहिए तालिबान से बात
#WhytalktoTaliban हैश टैग के साथ Koo पर लोग दे रहे है अपनी राय
अफगानी लोगों की मदद हमारा पहला धर्म है, Koo पर लोगों की राय
JAN SAAMNA DESK: बीते कई महीनों चले खूनी संघर्ष के बाद अफगानिस्तान में अब तालिबान का राज हो गया है। अफगानिस्तान में तालिबान का राज कैसा होगा, अस्थिरता कब खत्म होगी और कब अमन-चैन से लोग रहेंगे, इसे लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता। मगर तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा दुनियाभर के लिए एक बड़ी चर्चा का विषय बना चुका है।
भारत में इस पूरे मामले पर नागरिकों ने अपनी राय सोशल मीडिया Koo (कू) के माध्यम से अपनी-अपनी भाषाओं में ज़ोर शोर से दे रहे है | जिसके चलते Koo पर #WhytalktoTaliban हैश टैग ट्रेंड हो रहा है | क्यूंकि मामला काफ़ी संगहीन है तो सोशल मीडिया पर दोनों तरफ की बातें सुनने को मिल रही हैं लोग सरकार अपील कर रहे हैं की इस पूरे मामले में एक बार तालीबान से बात करनी चाहिए वंही दूसरी और लोग अपना रोश प्रकट कर तालिबान की इस गलत हरकत से खासा नाराज़ भी है | इसी के साथ साथ कुछ लोग ऐसे भी है जो इस पूरे मामले में अफगानी लोगों के बारें में सोच रहे है जिन्होंने घर वालों को खो दिया है और जो लोग इस मामले में पूरी तरह से फंस चुके है और सभी देशों की सरकारों से अपील कर रहे है उनको जल्द से जल्द वहां से निकला जाये |
उत्तर प्रदेश में ATS हुई तैनात
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने सहारनपुर के देवबंद में ATS कमांडों सेंटर बनाने का फैसला किया है। सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर ATS को 2000 वर्गमीटर जमीन मुहैया करा दी है। अफगानिस्तान के ताजा हालात को देखते हुए योगी आदित्यानाथ का यह फैसला जबरदस्त माना जा रहा है। देवबंद में ATS सेंटर बनने का काम तेजी से शुरू हो गया है। योगी के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने इस सेंटर पर प्रदेश के चुने हुए डेढ़ दर्जन AST अफसरों की तैनाती की जाएगी। शलभमणि त्रिपाठी बताया है कि तालिबान की बर्बरता के बीच उत्तर प्रदेश की की खबर भी सुनिए, योगी जी ने तत्काल प्रभाव से देवबंद में ATS कमांडो सेंटर खोलने का निर्णय लिया है। युद्धस्तर पर काम भी शुरू हो गया है, प्रदेश भर से चुने हुए करीब डेढ़ दर्जन तेज तर्रार ATS अफसरों की यहां तैनाती होगी।
‘जश्न ए आजादी’ कार्यक्रम में मनमोहक झलकियां दिखीं
कानपुरः जन सामना डेस्क। नए पंख सामाजिक संस्था द्वारा बाल भवन स्पेस्टिक सेंटर में ‘जश्न ए आजादी’ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन बिगत दिनों किया गया। जिसका संचालन फाउंडर प्रशांत और देवांशी तथा सहयोगी स्नेहिल, अर्ची, विकास रहे। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिलाधिकारी आलोक तिवारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में बालभवन स्पेस्टिक सेंटर के बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया एवं लघु नाटक, सामूहिक नृत्य एवं सामूहिक गायन प्रस्तुत किया। जहां एक ओर छोटे बच्चों ने सैनिक की ड्रेस में नन्हा मुन्ना राही हूं पर प्रस्तुती दी वहीं बड़ी छात्राओं ने देश रंगीला पर प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। उसके बाद जिलाधिकारी आलोक तिवारी के द्वारा सभी बच्चों को मेडल देकर उनका उत्साहवर्धन कर सम्मानित किया गया।
आम आदमी पार्टी केे नेता को भाजपा नेता ने भेजा मानहानि का नोटिस
⇒भाजपा नेता संदीप ठाकुर ने बर्रा थाना प्रभारी को दिया प्रार्थनापत्र
कानपुरः अर्पण कश्यप/राघवेन्द्र सिंह। भाजपा के यूवा मोर्चा के पूर्व उपाध्यक्ष व एडवोकेट संदीप ठाकुर ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह पर एक हजार करोड रूपये का मानहानि का नोटिस भेज कर जवाब मांगा है साथ ही 30 दिन में जवाब न आने पर एक हजार करोड़ रूपये का मानहानि मुकदमा दर्ज कराने की बात कही है।
संदीप ठाकुर ने बताया कि आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने वर्तमान सरकार व उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह पर अभद्र टिप्पणी कर जल जीवन मिशन में 30 हजार करोड़ रुपये का घोटाला करने सम्बन्धी गंभीर आरोप लगाते हुए चालीस चोर व नटवर लाल जैसे शब्दों का प्रयोग कर वर्तमान सरकार के सम्मान को ठेस पहुंचाया है।
एडवोकेट संदीप ठाकुर ने बताया कि यदि सांसद संजय सिंह के पास लगाये गये आरोपो का कोई भी साक्ष्य है तो 30 दिन के भीतर अपना पक्ष रखे वरना एक हजार करोड का भुगतान करें। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार व उप्र की जनता में फर्जी बयान बाजी से आपसी द्वेष पैदा होने की सम्भावना हो सकती है। साथ ही पार्टी के सम्मान को भी ठेस पहुंचा है। उन्होंने बताया कि इस तरह की सस्ती लोकप्रियता पाने की चाहत में सांसद महोदय ने गलत बयान बाजी कर सूबे की जनता का विश्वास खो दिया है।
संदीप ठाकुर ने एक प्रार्थना पत्र बर्रा थाना प्रभारी को सौंपते हुए कानूनी कार्यवाई की मांग की है।
मंज़िल को पाना है तो मुखर बनों
खुद पर कमान मजबूत शख़्सीयत की नींव होती है, शांत मन इंसान की दक्षता और कुनेह है, मन को शांत रखो और दिमाग को तेज़। जब किसी की गलत बात या गलत विषय वस्तु पर आप निरर्थक दिमाग नहीं चलाते तो अपनी ज़िंदगी की दिशा निर्देश की कमान भी किसी और के हाथों में मत दो। विरोध करना भी एक हुनर है सीख जाओ, ना कहना गलत नहीं। जिस बात को करने की अनुमति अपना मन और हृदय ना दें वो करने की जुर्रत मूर्खता है, कमज़ोरी है और डर का दूसरा नाम है।
भावनाओं को कुशाग्र बुद्धि पर हावी होने का अधिकार कभी मत दो, अपने वजूद की तलाश खुद के अंदर करो और प्रभुत्व पाकर बेहतरीन शख़्सीयत का प्रमाण दो। आत्मबल का स्त्रोत बहता है हमारे भीतर डर को जड़ से काटने पर फूट पड़ेगा सकारात्मकता का झरना, जो डर और जिजक की असंख्य परतों के पीछे बंदी पड़ा है।