कोरोना के नए वैरिएंट के बढ़ते मामले से लॉकडाउन की आहट
रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। पिछले वर्ष कोरोनाकाल के दौरान लोगों का जनजीवन काफी डरावना था, मानो ऐसा लग रहा था कि खाने के लाले पड़ जाएंगे यहां तक कि बाजारों की महंगाई के साथ-साथ कहीं पर तो ज्यादा पैसे देने के बाद भी शुद्ध चीजें मिलना मुश्किल हो गया था।जैसे तैसे हालात सामान्य हुए और मानव जीवन फिर से पटरी पर आ गया। सरकार द्वारा चलाए गए वैक्सीनेशन में भी अधिकांश लोग वैक्सिनेट हो चुके हैं जिससे कि महामारी का खतरा कुछ हद तक टल चुका है।
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