Wednesday, November 20, 2024
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नोडल अधिकारी ने चकरपुर मंडी का औचक निरीक्षण किया

कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। नोडल अधिकारी कानपुर नगर अनिल गर्ग आई0ए0एस0 ने आज चकरपुर मंडी का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मंडी की व्यवस्था के विषय में जानकारी की तो जिलाधिकारी ने उन्हें बताया कि वर्तमान समय में ऑड – इवेन व्यवस्था लागू की ही है उसी के आधार पर मण्डी संचालित हो रही। इस पर श्री गर्ग ने यहां के व्यवसाइयों से वार्ता की तो सुनील कुमार ने बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने के बाद कोई समस्या तो नही हो रही है। अब मण्डी में भीड़ भी नही लगती है आने वाले व्यापरियों को आसानी से फल, सब्जियां उपलब्ध हो रही है। नोडल अधिकारी अनिल गर्ग ने अन्य व्यापारियों से भी इस विषय में वार्ता की तो सभी के द्वारा संतोषजनक उत्तर मिला। निरीक्षण के दौरान उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि जो भी व्यवसाई आपकी दुकान में आता है। उन सभी के हाथ धोने की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए साथ ही आने वाले व्यापरियों को सैनेटाइजर अवश्य दिया जाए और आने वाले सभी लोग मास्क लगाकर आए, इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। निरीक्षण के दौरान डीआईजी एसएसपी अनन्त देव, जिलाधिकारी डॉ0 ब्रह्म देव राम तिवारी, नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी, एस0पी 0ग्रामीण, मण्डी सचिव आदि सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

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इंडिया फाइटर कोरोना जागरूकता समिति के गठन का शुभारंभ

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। आज तहसील अकबरपुर में सदर एसडीएम आनंद कुमार सिंह के संरक्षण में इंडिया फाइटर कोरोना जागरूकता समिति के गठन का शुभारंभ किया गया। एसडीएम आनंद कुमार सिंह ने समिति के गठन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी राष्ट्रीय युवा पुरस्कार एवं विश्व रिकार्ड विजेता रजत गुप्ता को दी, इंडिया फाइटर कोरोना जागरूकता समिति दो महत्वपूर्ण ग्रुप में गठन करना प्रस्तावित हैं जिसमें पहला ग्रुप कानपुर देहात इंडिया फाइटर कोरोना जागरूकता समिति है। जिसमें कानपुर देहात के सभी महिला और पुरुष सदस्य शामिल होंगे जबकि दूसरा ग्रुप राष्ट्रीय इंडिया फाइटर कोरोना जागरूकता समिति है। जिसमें कानपुर देहात के अतिरिक्त अन्य सभी जिलों के महिला और पुरुष सदस्य शामिल होंगे। इस समिति का मुख्य उद्देश्य अपने अपने घरों में रहकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना महामारी के प्रति जागरूक कर कोरोना को हराने और प्यारे भारत को जीतने में महत्वपूर्ण योगदान देना है।

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लाॅकडाउन की तपस्या भंग

कोरोना वायरस (कोविड-19) ने पूरी दुनियां को दहशत में जीने पर मजबूर कर दिया है। हजारों लोग मौत के मुंह में समा गये। लाखों की संख्या में लोग जिन्दगी और मौत से लुका छिपी के दौर से गुजर रहे हैं। कई देश लाॅकडाउन के दौर से गुजर रहे हैं, भारत भी उनमें से एक है। लाॅक डाउन की घोषणा होते ही देश वासियों ने अपने अपने स्तर से लाॅक डाउन का पालन करने में सहयोग किया है। लेकिन राजस्व के लालच ने सब्र का बांध तोड़ने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी। कोरोना के संक्रमण काल में शराब बन्दी का आदेश हटाने को कदापि उचित नहीं ठहरा सकते। यह बिल्कुल भी अच्छा नहीं किया गया क्यों कि शराब की दुकानें खुलते ही उनके आगे जमा हुई भारी भीड़ ने शारीरिक दूरी बनाए रखने की ऐसी उपेक्षा की कि लाॅकडाउन की तपस्या भंग हो गई। यह कहना कदापि अनुचित नहीं कि सरकार का यह फैसला बिना सोंच-विचारे लिया गया। केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों व उनके स्थानीय प्रशासन को इसका पूरी तरह से ध्यान रहना चाहिए था कि शराब बिक्री की अनुमति मिलने पर उनकी दुकानों पर अफरातफरी का माहौल उत्पन्न हो सकता है। और ज्यादातर स्थानों पर ऐसा ही देखा गया। शराब के शौकीन कहें या लती लोगों ने जल्दवाजी दिखाते हुए शराब खरीदने की ललक में संयम और अनुशासन को ठेंगा दिखाते हुए लाॅक डाउन की व्यवस्था को पानी में बहा दिया।
हालांकि ऐसे में सवाल उठता है कि जब बीते 40 दिन से शराब के बगैर काम चल रहा था तो फिर कुछ दिन और रुक जाते या धैर्य रखते हुए संयम का परिचय देते शराब प्रेमी?
यह सवाल उठना भी लाजिमी है कि जब अनेक वस्तुओं की बिक्री अथवा उत्पादन पर रोक जारी है तो फिर शराब की बिक्री को लेकर उदारता दिखाने की इतनी जल्दवाजी अथवा जरूरत क्या थी सरकार को?
हालांकि शराब की दुकानों पर दिखे नजारों के चलते तमाम जगहों पर शराब की दुकाने बन्द करनी पड़ी अथवा बिक्री पर रोक लगानी पड़ी। शराब की दुकानों पर सुरक्षा बलों को तैनात करना पड़ा, शायद इसके अलावा और कोई उपाय भी नहीं था, क्योंकि लोग सर्तकता का जरा भी ध्यान देना नहीं चाहते थे। कोरोना से बचाव के लिये आवश्यक बताई गई शारीरिक दूरी को लेकर बरती जाने वाली सजगता को ताक पर रख चुके थे।

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शौर्य चक्र विभूषित मेजर सलमान के परिजनों को आज तक नहीं मिला आवंटित भूखण्ड

जानें : शहीद की शख्सियत और सरकारी मशीनरी की वादाखिलाफी 
कानपुर नगर। शौर्य चक्र विभूषित अमर शहीद मेजर सलमान अहमद खान का जन्म 22 अक्तूबर 1978 बाबूपुरवा कालोनी, किदवई नगर कानपुर में हुआ था। उनके पिता का नाम मुश्ताक़ अहमद खान है। जो सीओडी कानपुर में कार्यरत थे। उनके दो बड़े भाइयों के नाम इकरार अहमद खान और कामरान अहमद खान हैं। कक्षा 6 से 12 तक शिक्षा आर्मी स्कूल में प्राप्त की। 1995 में उनका चयन एन.डी.ए. में हुआ। 1999 में पहली पोस्टिंग सिख रेजीमेंट पठानकोट में हुई। 05 मई 2005 को मेजर सलमान खान ने जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एक आतंकी हमले के दौरान मुठभेड़ में एक आतंकी कोमार गिराया। दूसरे आतंकी के भागने पर उसका पीछा करने लगे। एक घर में आतंकी के छिपे होने की सूचना मिली लेकिन वहाँ से स्वचालित हथियारों से आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में बुरी तरह घायल हो गये।

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मानव सम्पदा पोर्टल पर शिक्षकों की सर्विस बुक का किया जायेगा वेरिफिकेशन

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिला बेसिक शिक्षा अकारी सुनील दत्त ने समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने विकासखंड में कार्यरत अध्यापक-अध्यापिकाओं व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की सर्विस बुक का मानव संपदा पोर्टल पर इंट्री/ सर्विस बुक वेरिफिकेशन का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण करें। उन्होंने कहा यह अत्यंत ही खेदजनक है कि अभी तक मानव संपदा पोर्टल पर सर्विस बुक वेरीफिकेशन का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। इस संदर्भ में कई बार दिशा-निर्देश दिये जाने के बाद भी ढिलाई बरती जा रही है। उन्होंने बीईओ को यह भी निर्देश दिया है कि अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत स्टाफ की भी सर्विस बुक एंट्री का कार्य मानव संपदा पोर्टल पर किया जाना है। यह कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करें अन्यथा की स्थिति में खंड शिक्षा अधिकारी उत्तरदाई होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि खंड शिक्षा अधिकारी अपने-अपने विकासखंड के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में अन्य जनपदों में स्थानांतरित होकर गये शिक्षकों की आईडी अपने विकासखंड से संबंधित जनपद में स्थानांतरित कर दी है और कितने शिक्षकों की अभी की जानी है की सूची बनाकर अधोहस्ताक्षरी कार्यालय को उपलब्ध करायें, इसके साथ ही ऐसे अध्यापक जो अन्य जनपदों से स्थानांतरित होकर आपके विकासखंड में आये हुए हैं उनके मानव संपदा पोर्टल का डाटा स्थानांतरित जनपद से कितने शिक्षकों का आया है, कितने का नहीं उनकी भी सूची अधोहस्ताक्षरी कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें ताकि शत-प्रतिशत शिक्षक-शिक्षिकाओं व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की ई-सर्विस बुक वेरिफिकेशन का कार्य पूर्ण कराया जा सके। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।

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कोरोना वैश्विक महामारी में फार्मासिस्टों को नियुक्त करे सरकार, शिक्षकों पर न करे अत्याचार

आज दुनिया के बड़े-बड़े देश जब कोरोना वैश्विक महामारी से अपने आप को असहाय महसूस कर रहे हैं जिनके पास दुनिया की सबसे बड़ी चिकित्सा पद्धति है, तो फिर भारत की विसात ही क्या है जिनके पास अपने योद्धाओं को पहचानने तक की क्षमता नहीं है। चिकित्सा विज्ञान का एक ऐसा योद्धा जो चिकित्‍साशास्त्र का मेरूरज्जु कहा जाता है जिन्हें लोग फार्मासिस्ट के नाम से जानते हैं, जिसे औषधियों का जनक कहा जाता है, जिनका औषधि से सम्बंध माँ और पुत्र की भाति होता है, जो औषधियों के हर एक गुण को अपनी विद्वता के द्वारा पहचानता है
और ऐसे योद्धा को कोरोना के खिलाफ इस युद्ध मे उसे उसके रणभूमि से अलग कर दिया जाता है जैसे कर्ण को भीष्म ने किया था। औषधियों की उपयोगिता और विषाक्तता को भलीभांति से पहचानता हो जो वह कोरोना के खिलाफ इस युद्ध मे कृष्ण जैसा सारथी हो सकता है, लेकिन इनका शोषण भारत मे तो विगत सरकारों के द्वारा होता आ रहा है और वर्तमान सरकार तो सारी हदें पार कर चुकी है।

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एससी-एसटी आरक्षण की समीक्षा के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर लोगों ने उठाई मांग

ईडब्ल्यूएस आरक्षण की समीक्षा को गठित हो सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ
सुप्रीम कोर्ट में लंबित है 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण के खिलाफ याचिकाएं
मुद्दा यह कि संवैधानिक ढांचे का उलंघन करता है गत वर्ष से लागू ईडब्ल्यूएस आरक्षण
पंकज कुमार सिंह-
कानपुर। देश में फैली कोराना महामारी यानि कोविड-19 वायरस हमले के संकटकालीन दौर में पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने देशवासियों के बीच एक बड़ी बहस छेड़ दी है। गत हफ्ते गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सरकार को अपना फैसला दिया कि अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति में क्रीमीलेयर सिद्धान्त लागू करे, जो एससी-एसटी के लोग आरक्षण का लाभ लेकर आगे बढे या धनी हो चुके हैं, उन्हें शाश्वत रूप से आरक्षण देना जारी नहीं रखा जा सकता। जस्टिस अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने यह फैंसला दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर देश की एक बङी आबादी के लोगों के बीच असहमति पूर्वक विरोध देखने को मिला है। ऐसे में लोगों के बीच ईडब्ल्यूएस (ईकोनाॅमिकली वीकर सेक्सन) यानि सवर्ण आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिकाओं की सुनवाई और इसकी समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठ के गठन को लेकर आवाज उठने लगी है। गौरतलब है 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण को संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ देखा जा रहा है और इसको कानून के रूप में लाने के लिए पीएम मोदी की अगुवाई वाली केन्द्र की भाजपा सरकार व इसकी समर्थक राजनैतिक पार्टियों की सामाजिक जातीय राजनीति करार दिया जा रहा है।

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समाजिक संगठन कर रहे गरीब, असहाय एवं जरूरतमंद की मदद

फिरोजाबाद, एस. के. चित्तौड़ी। सुहागनगरी में समाजिक संगठन एवं प्रशासन द्वारा गरीब, असहाय एवं जरूरतमंदों की मदद करने का कार्य बदस्तूर जारी है। इसी क्रम में भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष कन्हैयालाल गुप्ता के द्वारा बुधवार को 78 जरूरतमंद परिवारों को राशन सामग्री वितरित की गई। इस दौरान दीपक गुप्ता (कालू), मनीष चैदहराना, विनोद कुमार टिल्लू, राखी गुप्ता (पार्षद), देवेंद्र राजपूत, वैभव मुरवारिया, अर्चित गुप्ता, रोमी सागर, राजेन्द्र गुप्ता, गिर्राज यादव आदि मौजूद रहे। वहीं एमएसबीबा एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की संचालिका नंदनी यादव ने नगला श्रुति निकट जिला मुख्यालय के अत्यंत निर्धन एवं दिहाड़ी मजदूरों के 30 परिवारों को एवं संतोष नगर में दो परिवारों को राशन एवं सब्जी का वितरण किया। इस दौरान थानाध्यक्ष मटसेना राजेश कुमार राशन वितरण के समय मौजूद रहे। उन्होंने लोगों से कहा कि इस कोरेना आपदा में आप लोगों को कोई भी समस्या हो तो हमें इसकी सूचना दे।

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सिख श्रद्धालुओं की तब्लीकी जमातियों से तुलना करना कांग्रेस की ओछी मानसिकता-अनिकेत जैन

फिरोजाबाद, एस. के. चित्तौड़ी। भारतीय जैन मंच (हिन्द ग्रुप) व राष्ट्रीय विद्यार्थी मंच (छात्र संगठन) ने कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह द्वारा सिख श्रद्धालुओं की तुलना कोरोना योद्वाओं पर पत्थर फेंकने वाले, अस्पतालों में थूकने वाले, नर्सो से अश्लीलता करने वाले तब्लीकी जमातियों से करने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कड़े शब्दों में निंदा की है।
मंच के महानगर अध्यक्ष अनिकेत जैन ने कहा कि सिख समुदाय देश हित मे सदा अग्रणी भूमिका निभाता आ रहा है। कोरोना महामारी में सिख समुदाय जन सेवा का कार्य कर मिशाल पेश की है। देश मे संकट के समय कांग्रेस झूठ व भ्रम फैलाकर राजनीतिक रोटियों को सेकने लगती है। हाल में ही मजदूरों के रेल किराये देने के झूठ का पर्दाफास हो गया। आक्रोश प्रकट करने वालों में महक जैन, सत्यनारायण शर्मा, अर्पित जैन, सनी प्रजापति, लक्ष्य जैन, अक्षत जैन, वीर जैन, राजा जैन , गगन प्रजापति, कंचन गुप्ता, देवेंद्र राठौर, पवन राठौर, आशी जैन, खुशी जैन, विकास दिवाकर, विशाल कश्यप, उज्ज्वल जैन, अंजू जैन, अनिता जैन, रूबी जैन, विवेक जैन, बल्लू बाबू जैन, राजीव जैन(कुक्कू), प्रवीन जैन, प्रधुम्न जैन, धर्मेंद्र जैन, अनिल जैन, पंकज जैन, सचिन जैन, विनय जैन आदि मौजूद रहे।

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फिरोजाबाद में एक और मिला कोरोना पाॅजिटिव

कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या हुई 168, 44 हुई ठीक, एक्टिव केस 117
फिरोजाबाद, एस. के. चित्तौड़ी। जिले में कोरोना संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार को एक और कोरोना पाॅजिटिव मिला है। वहीं तीन मरीजों ने आज कोरोना से जंग जीत ली है। फिरोजाबाद में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 168 पहुंच गई है। वहीं कोरोना से मरने वालों की संख्या तीन है। वर्तमान में 44 मरीज ठीक हो चुके हैं। 117 केस वर्तमान में एक्टिव हैं।
सुहागनगरी में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। बुधवार को एक कोरोना पाॅजीटिव मरीज मिला है। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 168 पहुंच गई है। वहीं कोरोना से मरने वालों की संख्या तीन हो गई है। सीएमओ डॉ. एसके दीक्षित ने बताया कि फिरोजाबाद में बुधवार को एक मदीना काॅलौनी की महिला कोरोना पॉजीटिव पायी गई है। विभाग द्वारा 1707 लोगों की रिपोर्ट जांच के लिए भेजी थी। 228 लोगों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। वहीं एक आगरा एवं तीन सैफई इटावा में कोरोना मरीजों का इलाज हो रहा है। वर्तमान में फिरोजाबाद के अंदर 117 केस एक्टिव हैं। इससे पूर्व मंगलवार को दस लोग कोरोना पाॅजिटिव मिले थे।

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